संसद घुसपैठियों में पांचवां है भागा हुआ ललित झा,उसी पर हैं सबके मोबाइल फ़ोन
संसद भवन तक 4 नहीं, 5 आरोपित आए… हंगामा होने पर भाग गया था ललित
संसद भवन तक 4 नहीं, बल्कि 5 लोग आए थे. इसमें से 4 लोगों को पुलिस न अरेस्ट कर लिया है. इसमें नीलम, मनोरंजन, सागर और अमोल शिंदे शामिल हैं. जबकि पांचवां आरोपित ललित झा था.
संसद भवन तक 5 आरोपित पहुंचे थे. पांचवें आरोपित की पहचान ललित के रूप में हुई है संसद भवन तक 5 आरोपित पहुंचे थे. पांचवें आरोपित की पहचान ललित के रूप में हुई है
नई दिल्ली,13 दिसंबर 2023।संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में बड़ी जानकारी सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि संसद भवन तक 4 नहीं, बल्कि 5 लोग आए थे. इसमें से 4 लोगों को पुलिस न अरेस्ट कर लिया है. इसमें नीलम, मनोरंजन, सागर और अमोल शिंदे शामिल हैं. जबकि पांचवां आरोपित ललित झा था. इन चारों आरोपितों ने अपने मोबाइल फोन ललित को दे दिए थे. जैसे ही हंगामा शुरू हुआ. ललित भाग गया. ललित के पास चारों आरोपितों का मोबाइल फोन है. पुलिस अब ललित की तलाश में जुट गई है.
पुलिस एंड इंटेलिजेंस
संसद की सुरक्षा में चूक: दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट को केस, CRPF डीजी की निगरानी में होगी जांच
संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी पर सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है. लोकसभा कार्यवाही के दौरान दो लोग दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए. इस दौरान संसद में अफरा-तफरी मच गई. इस मामले में चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट को जांच सौंपी गई है. पुलिस कई जगहों पर छापेमारी कर रही है.
संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी पर सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है.संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी पर सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है.
संसद में लोकसभा की कार्रवाही के दौरान हुए हंगामे और विरोध प्रदर्शन की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सौंप दी गई है. दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट अब इस मामले की छानबीन करेगी. संसद मार्ग पुलिस स्टेशन में मौजूद चारों आरोपितों को स्पेशल सेल को सौंपा जा रहा है. इस सेल की कई दर्जन टीमें दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी कर रही हैं. संसद में हुई इस गंभीर घटना को जांच एजेंसियां राष्ट्र विरोधी हरकत के रूप में देख रही हैं.यही वजह है कि चारों आरोपियों सागर शर्मा,मनोरंजन,नीलम आजाद और अमोल शिंदे से लगातार पूछताछ हो रही है.उनसे जुड़ी कड़ियां खोजी जा रही हैं।
वहीं, गृहमंत्रालय ने सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल की निगरानी में जांच के आदेश दिए हैं.उनकी अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जिसमें कई एक्सपर्ट शामिल हैं.यह कमेटी हर एंगल से केस की जांच करेगी. सीआरपीएफ के पास संसद के बाहरी लेयर की सुरक्षा की जिम्मेदारी है. सीआरपीएफ जवान संसद परिसर में मौजूद रहते हैं,लेकिन भवन के अंदर प्रवेश की इजाजत नहीं होती है.हालांकि, संसद की सुरक्षा से जुड़ी हर योजना बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होती है. ऐसे में सीआरपीएफ के डीजी को जिम्मेदारी दी गई है.वैसे अनीश दयाल लंबे वक्त तक आईबी में रहे हैं.इस जांच में उनका अनुभव भी काम आएगा.
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इस षड्यंत्र में कुल 6 लोग शामिल थे. दो लोगों ने संसद के अंदर हंगामा किया, तो दो ने बाहर. एक आरोपित हंगामे से पहले डर कर भाग गया. छठे आरोपित की पहचान नहीं हो सकी है.
आप सांसद ने केंद्र सरकार से की ये मांग
संसद भवन के अंदर और बाहर जिस स्प्रे का इस्तेमाल किया गया, वो किसी भी तरह के केमिकल युक्त या विस्फोटक नहीं था.प्राथमिक परीक्षण में पता चला है कि वो एक कलर स्प्रे है,जो आमतौर पर उत्सव में इस्तेमाल होता है. दोनों जगह इस्तेमाल स्प्रे का कंपोजीशन एक जैसा ही मिला है. इसे संसद भवन के विजिटर एंट्री गेट से अंदर लाया गया था. इस मामले के सामने आने के तुरंत बाद सुरक्षा एजेंसियों ने संसद भवन परिसर में एक महत्वपूर्ण सुरक्षा ड्रिल कर सुनिश्चित किया है कि भविष्य में इस तरह का खतरा दोबारा न पैदा हो. स्प्रे सैंपल को परीक्षण को फोरेंसिक लैब भेजा गया है.
चारों आरोपित गुरुग्राम के सेक्टर 7 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रुके थे. चारों विक्की शर्मा के दोस्त हैं, जो कि मूल रूप से हिसार निवासी है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने विक्की शर्मा और उसकी पत्नी को भी हिरासत में ले लिया है.
संसद में हुए हंगामे के बाद होगा सिक्योरिटी रिव्यू
सूत्रों के मुताबिक, ऑल पार्टी फ्लोर लीडर्स की मीटिंग में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इसे बहुत गंभीर मामला बताया. उन्होंने गृह मंत्रालय के स्पेशल सेक्रेटरी को पत्र भी लिखा है. नई संसद भवन के सिक्योरिटी सिस्टम का नए सिरे से रिव्यू होगा. एंट्री गेट पर अब फुल बॉडी स्कैनर लगाने की व्यवस्था होगी. इसके साथ ही नई संसद में अलग-अलग गेट से एंट्री की व्यवस्था की जाएगी. हालांकि, पहले भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद ही थी. संसद भवन में तीन लेयर की सुरक्षा होती है. इसमें संसद परिसर की सुरक्षा सीआरपीएफ के पास है. मुख्य भवन की सुरक्षा का जिम्मा जॉइंट सिक्योरिटी सेक्रेटरी के पास होता है, जो पूरे संसद परिसर की सुरक्षा को देखता है.
तीन लेयर में है संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था
इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा में अपने डायरेक्टर सिक्योरिटी सिस्टम होते हैं. विजिटर पास के लिए लोकसभा सचिवालय के फॉर्म पर किसी सांसद का रिकमेंडेशन सिग्नेचर जरूरी होता है. इसके साथ ही विजिटर को पास के लिए आधार कार्ड ले लाना होता है. विजिटर जब रिसेप्शन पर पहुंचता है, तो वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड महिला और पुरुष को अलग-अलग फ्रिस्किंग करके जांच करते हैं. इसके बाद रिसेप्शन पर फोटो आईडी कार्ड बनता है. मोबाइल फोन को रिसेप्शन पर ही जमा कर लिया जाता है. इसके बाद विजिटर फोटो आइडेंटिटी कार्ड के साथ सिक्योरिटी कमांडो के जरिए गैलरी तक पहुंचता है. विजिटर गैलरी में ठहरने के लिए एक समयावधि होती है, जिसके बाद उसे बाहर कर दिया जाता है.