स्वामी दर्शनानंद गुरूकुल महाविद्यालय में पतंजलि गुरुकुलम और आचार्यकुलम का शिलान्यास
*भारत की नैतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने को देश में और गुरुकुल हों स्थापित।*
*गुरुकुलों से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अग्रसर होने का आह्वान।*
*हमारे ज्ञान का विशाल भंडार पूरी दुनिया को है समर्पित- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह*
देहरादून / हरिद्वार छह जनवरी 2024। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्वामी दर्शनानन्द गुरूकुल महाविद्यालय, हरिद्वार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव, केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं योग गुरु स्वामी रामदेव की उपस्थित में ’पतंजलि गुरूकुलम’ एवं ’आचार्यकुलम’ का भूमि पूजन कर शिलान्यास किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि देश में गुरूकुलों में न केवल आधुनिक शिक्षा हो, बल्कि भारत की नैतिक और सांस्कृतिक विरासत संरक्षित रखने को और अधिक गुरुकुल स्थापित होने चाहिए। ऐसे समय में जब विदेशी संस्कृति के अनुकरण से नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है, युवाओं को नैतिक मूल्यों के समावेश के साथ आधुनिक शिक्षा देने को गुरुकुल यह दायित्व निभाने आगे आए।
उन्होंने गुरुकुलों से निरंतर विकसित होते समय के साथ तारतम्य बिठाते हुए पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्वांटम प्रौद्योगिकी जैसी उभरती अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में अग्रसर होने का आह्वान किया। “ऐसी प्रौद्योगिकियां विकसित करें जो देश को इस क्षेत्र में अग्रणी बनायें। उन्होंने कहा कि गुरुकुल अन्य शिक्षण संस्थानों के मार्गदर्शक के रूप में कार्य करें , भविष्य में वे एक बार फिर देश और उसकी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करें और भारत की नई पहचान बनें। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 1,500 वर्ष पूर्व भारत में बड़े विश्वविद्यालय थे, जिनमें गुरुकुल परंपरि थी। उसके बाद, देश ने विदेशी आक्रमणकारियों से उस व्यवस्था को नष्ट होते हुए देखा। बदले में, उन्होंने एक ऐसी प्रणाली विकसित की जो हमारे युवाओं को देश की सांस्कृतिक भावना के अनुरूप शिक्षा नहीं देती थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उस दौरान, स्वामी दर्शनानंद ने इस गुरुकुल की स्थापना की, जो तब से हमारी युवा पीढ़ी को ज्ञान और संस्कृति से दीप्तिमान कर रहा है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में सांस्कृतिक विकास में गुरुकुलों की भूमिका रेखांकित करते हुए सांस्कृतिक उत्थान की दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि “काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकालेश्वर धाम से राम मंदिर तक मौलिक ढांचागत विकास से पता चलता है कि सरकार हमारी सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और उसके उत्थान की दिशा में कार्यरत है। यह विचार सांस्कृतिक संरक्षण से भी आगे जाता है, ताकि हमारी भावी पीढ़ियां इस महान देश की संस्कृति पर गर्व कर सकें। उन्होंने कहा कि गुरुकुल इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।” राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्राथमिक शिक्षा से ही युवाओं के मन में नैतिक मूल्य विकसित करने के सरकार के संकल्प को दोहराया।
रक्षा मंत्री राजनाथ ने योग के महत्व का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे इसके हितकारी होने से संपूर्ण विश्व ने प्राचीन भारतीय पद्धति का अनुसरण किया है। “भारत वसुधैव कुटुंबकम (विश्व एक परिवार) की अवधारणा का पालन करता है। हमारे ज्ञान का विशाल भंडार पूरी दुनिया को समर्पित है। अब 21 जून को संयुक्त राष्ट्र से विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि योग की इस प्रथा को, कभी केवल भारत तक ही सीमित माना जाता था, लेकिन अब इसे विश्व स्तर पर लोगों ने स्वीकार किया है, अब योग प्रणाली पूरे विश्व के दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।” भारतीय साहित्य में संस्कृत के महत्वपूर्ण स्थान की चर्चा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ ने प्राचीन भारतीय भाषा को उसी तरह बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया जिस प्रकार से योग लोगों को सुलभ बनाया गया ।
*गुरूकुलम में छात्र शिक्षा के साथ संस्कारवान बनकर आदर्श नागरिक रूप में समाज में देंगें योगदान*
*स्वामी दर्शनानंद का प्राचीन गुरूकुल परंपरा को पुर्नजीर्वित करने में है बड़ा योगदान- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती और स्वामी दर्शनानंद का प्राचीन गुरूकुल परंपरा को पुनर्जीवित करने में बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वामी रामदेव ने पतंजलि योगपीठ के माध्यम से विश्व में योग और आयुर्वेद को बढ़ावा दिया, उसी प्रकार पतंजलि गुरूकुलम भी शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव का द्योतक बनेगा। गुरूकुलम में बच्चों को शिक्षा के साथ ही संस्कार भी मिलेंगें, जिससे वो एक आदर्श नागरिक के रूप में समाज में अपना योगदान दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गुरुकुल में गुरु अपने छात्रों को अपना कुलवाहक मानकर उन्हें तैयार करते हैं तथा शिक्षित कर उन्हें आदर्श मनुष्य बनाते हैं। भविष्य में पतंजलि गुुरुकुलम् रूपी गंगोत्री से निकले छात्र भारतीय शिक्षा पद्धति की धर्म ध्वजा को चारों ओर फहरायेंगें। व्यक्ति निर्माण से ही राष्ट्र निर्माण संभव है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में देश में अनेक ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। भगवान राम का भव्य और दिव्य मंदिर बन रहा है जिसके साक्षी हम सभी 22 जनवरी को बनेंगें। काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर के भव्य कोरिडोर, उज्जैन में महाकाललोक कॉरिडोर, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का सौंदर्यीकरण हमारी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का उदाहरण है।i
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड तेजी से विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार ने राज्य हित में ऐतिहासिक फैसले लेते हुए उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून और धर्मांतरण रोकने को कानून लागू किया है। देवभूमि में पहली बार अतिक्रमण के खिलाफ कठोर कदम उठाए गए। इसके साथ ही भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई हुई है। प्रदेश की महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था हुई है। उन्होंने कहा कि अब हम देवभूमि में समान नागरिक आचार संहिता भी लागू करने को तैयार हैं।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि सात प्रमुख नगरियों में से मध्य प्रदेश की अवन्तिका नगरी तथा यहां की मायापुरी प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि यह श्रीकृष्ण की धरा है। यहां आचार्य संदीपनी के आश्रम में श्रीकृष्ण ने 64 कला तथा 14 विद्याओं का अध्ययन किया था। नई शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना है। उन्होंने योग गुरू स्वामी रामदेव से अपेक्षा की कि इस गुरूकुलम को जल्द से जल्द तैयार करने के साथ ही ऐसा ही गुरूकुलम मध्य प्रदेश में भी स्थापित करें, जिसके लिये मध्य प्रदेश सरकार पूरा सहयोग करेगी।
कार्यक्रम में केन्द्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी, भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन एम0पी0 सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। योग गुरू स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण ने भारतीय संस्कृति, गुरूकुलम एवं आचार्यकुलम के इतिहास आदि की जानकारी दी।
इस अवसर पर सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, कैबिनेट मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री व नगर विधायक मदन कौशिक, प्रदीप बत्रा, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, बालकनाथ महाराज, स्वामी परमानन्द, ज्ञानदेव, राजीव, महन्त रविन्द्रपुरी, स्वामी हरिचेतनानन्द, रूड़की विधायक पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, कुलाधिपति डॉक्टर सत्यपाल सिंह, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र डोभाल एवं अन्य लोग मौजूद रहे।