पतंजलि डेयरी खंड उपाध्यक्ष बंसल की कोरोना से मौत,पत्नी राजस्थान में करा रही थी इलाज
Patanjali की डेयरी यूनिट के हेड सुनील बंसल की कोरोना से मौत, जयपुर के अस्पताल में चल रहा था इलाज
योग गुरु रामदेव (Ramdev) की पतंजलि डेयरीज के प्रमुख सुनील बंसल की Covid-19 से मौत हो गई. कंपनी ने कहा है कि उनके ऐलोपैथिक इलाज में उसकी भूमिका नहीं थी.
Patanjali की डेयरी यूनिट के हेड सुनील बंसल की कोरोना से मौत, जयपुर के अस्पताल में चल रहा था इलाज
नई दिल्ली 24 मई : एलोपैथी और आयुर्वेद के बीच कटु विवाद , जिसमें एक पक्ष खुद बाबा रामदेव भी हैं। आयुर्वेद की ओर योग गुरु रामदेव (Ramdev) की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के डेयरी कारोबार के प्रमुख सुनील बंसल की Covid-19 से मौत हो गई. पतंजलि की तरफ से जानकारी दी गई कि बंसल के ‘ऐलोपैथिक इलाज में पंतजलि की कोई भूमिका नहीं थी.’ बंसल पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के डेयरी विभाग के वाइस प्रेजीडेंट थे.
जयपुर के अस्पताल में चल रहा था इलाज
जानकारी के मुताबिक पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के डेयरी विभाग के वाइस प्रेजीडेंट सुनील बंसल की 19 मई को मौत हो गई. उनकी उम्र 57 साल थी. डेयरी साइंस के विशेषज्ञ बंसल ने जनवरी 2018 में पतंजलि के डेयरी विभाग का जिम्मा संभाला था. पतंजलि ने उस समय गाय के डिब्बाबंद दूध और दही, छाछ और चीज सहित दूसरे डेयरी प्रोडक्ट बेचने की घोषणा की थी. हरिद्वार की कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘Covid-19 की वजह से जयपुर के हॉस्पिटल में 19 मई को बंसल की मौत हो गई. उनकी पत्नी राजस्थान सरकार में मेडिकल ऑफिसर हैं.’
पत्नी करा रही थीं इलाज
बंसल की मौत ऐसे समय में हुई है जब रामदेव (Ramdev) ऐलोपैथिक दवाओं और Covid-19 पर अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में हैं. कंपनी के बयान में भी इसकी झलक दिखी.
पतंजलि ने कहा, ‘पतंजलि की उनकी ऐलोपैथिक इलाज में कोई भूमिका नहीं थी, उनके इलाज का अधिकतर समन्वय उनकी पत्नी ने किया था. हालांकि हम उन्हें लेकर चिंतित थे और उनकी पत्नी से उनकी स्थिति की जानकारी ले रहे थे.’
आयुर्वेद बनाम एलोपैथी विवाद जारी
रविवार को योग गुरु रामदेव को अपना वह कथित बयान वापस लेने पर मजबूर होना पड़ा था जिसमें उन्होंने कहा था कि Covid-19 के लिए ऐलोपैथिक दवाएं लेने की वजह से लाखों लोगों की मौत हो गई. उनके कथित बयान का वीडियो क्लिप वायरल हो गया था. इसके बाद IMA ने केस दर्ज करने की मांग की थी. स्वास्थ्य मंत्री के दखल के बाद रामदेव ने अपना बयान वापस लिया. लेकिन उसके तत्काल बाद 25 बिन्दुओं में उन्होंने आई एम ए और दवा उद्यमियों को फिर से कटघरे में खडा कर फिर से अप