मोदी उपनाम पर पटना कोर्ट का भी राहुल को समन, सुशील मोदी के मुकदमें में 12अप्रैल की तारीख
BiharPatnaRahul Gandhi Will Have To Appear In Patna Court On Modi Surname Issue
लो, मोदी सरनेम वाले केस में राहुल गांधी को पटना कोर्ट से भी आ गया समन, 12 अप्रैल को हाजिर होने का आदेश
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 12 अप्रैल को पटना की एमपी एमएलए कोर्ट में हाजिर होना होगा। ये मामला भी मोदी सरनेम पर टिप्पणी से जुड़ा है जिसमें सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को सजा सुनाई है। पटना वाला मामला बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने दायर किया था।
पटना 30 मार्च: बिहार की राजधानी पटना की एक अदालत ने राहुल गांधी को 12 अप्रैल को सूरत मामले के जैसी ही मानहानि के एक दूसरे मुकदमे में पेश होने के लिए कहा है। इससे पहले सूरत वाले केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पिछले हफ्ते दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। बिहार की राजधानी में सांसद, विधायक और एमएलसी अदालत (MP/MLA Court) के विशेष न्यायाधीश ने भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी की दायर याचिका पर गांधी को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया है। राहुल गांधी इस मामले में फिलहाल जमानत पर हैं।
राहुल गांधी को पटना की अदालत में होना होगा पेश
सुशील मोदी के वकील एसडी संजय ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि ‘शिकायतकर्ता पक्ष के सभी गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और सभी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं। अब राहुल गांधी के बयान के लिए मामला लंबित है और उनके बयान दर्ज करने के लिए 12 अप्रैल की तारीख तय की गई है।’ हालांकि, सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी 12 अप्रैल को पेश नहीं हो सकते हैं और मामले में उनके वकील अंशुल कुमार अपना बयान दर्ज कराने के लिए दूसरी तारीख मांग सकते हैं।
2019 में सुशील मोदी ने दर्ज कराया था मुकदमा
यह मामला 2019 में भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने दायर कराया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने ‘मोदी’ समुदाय को चोर कहकर अपमानित किया था। फिर केस में कांग्रेस नेता ने अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें जमानत मिल गई। जबकि सूरत में मामला गुजरात के बीजेपी विधायक ने दर्ज कराया था। पूर्णेश मोदी ने भी इसी तरह के आरोप लगाया था। बिहार मामले में पांच गवाह हैं, जिनमें सुशील कुमार मोदी भी शामिल हैं, जो अगस्त 2022 में अपना बयान दर्ज कराने वाले आखिरी गवाह थे। इस साल फरवरी में शिकायतकर्ता ने मामले में अपने पास मौजूद साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत कर दिये थे।