हल्द्वानी हिंसा के पीछे PFI और रोहिंग्या तो नहीं: पूर्व DGP ए के जैन
हल्द्वानी में हिंसा के पीछे PFI और रोहिंग्या, पूर्व डीजीपी ने जताई आशंका
हल्द्वानी हिंसा (violence in haldwani) के बीच उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है. तो वहीं पूर्व डीजीपी एके जैन ने इस हिंसा के (Rohingya in Haldwani violence) पीछे PFI और रोहिंग्या का हाथ बताया है.
लखनऊ 09 फरवरी 2024: हल्द्वानी के बनभुलपुरा में गुरुवार को हुई हिंसक घटना को उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन ने बहुत ही गंभीर बताया है. उन्होंने कहा, कि हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने का काम हो रहा था. लेकिन, जिस तरह सुनियोजित तरीके से माहौल बिगाड़ा गया, पेट्रोल बम फेंके गए, छतों से पत्थर बरसाए गए और थाने पर हमला किया गया, वह किसी स्थानीय नागरिकों द्वारा नहीं, बल्कि बांग्लादेशी, रोहिंग्याओं या किसी संगठन की हिंसा प्रतीत हो रही है. पूर्व डीजीपी ने कहा, कि इस हिंसक घटना में कहीं न कहीं पीएफआई या देश विरोधी कट्टरपंथी संगठन का हाथ है.
पूर्व डीजीपी एके जैन ने कहा, कि हल्द्वानी में जिस प्रकार सुनियोजित तरीके से हिंसा की गई. इस हिंसा में लगभग 100 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हुए हैं. यह एक सुनियोजित षड्यंत्र में किया गया है. इसकी प्लानिंग लंबे समय से चल रही थी. ऐसे में यह बहुत आवश्यक है, कि हल्द्वानी के उस क्षेत्र में कौन-कौन रह रहे हैं. क्या उनमें कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशी भी आकर बस गए हैं? एक-एक की पहचान होनी चाहिए, हाउस टू हाउस सर्च किया जाना चाहिए.
यूसीसी के खिलाफ देश विरोधी संगठनों ने फैलाई है हिंसा: पूर्व डीजीपी ने कहा कि स्थानीय नागरिक जो यहां लंबे समय से रहते हैं, वह इस प्रकार का उत्पात नहीं मचाते हैं. यह हिंसा इस प्रकार हुई है, जैसे लखनऊ में एनआरसी के मुद्दे पर सुनियोजित तरीके से पीएफआई और कुछ देश विरोधी संगठनों ने की थी. जांच एजेंसियों को यह पता लगाना होगा, कि पेट्रोल बम बनाने वाले कौन-कौन है. अवैध हथियार कौन-कौन रखते हैं. क्योंकि अवैध हथियारों का इस हिंसा में प्रयोग हुआ है. इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए. तभी यहां पर इस प्रकार की हिंसा भविष्य में रोकी जा सकेगी. एके जैन ने कहा, कि यह हिंसा उत्तराखंड में यूसीसी बिल पास होने का भी नतीजा हो सकती है. उत्तराखंड सरकार से नाराजगी व्यक्त करने के लिए पीएफआई जैसे कट्टरपंथी संगठनों ने इस अतिक्रमण को सहारा बनाकर हिंसा भड़काई है.