अवैध निर्माण तोड़ने पर पं. हरि. हाईकोर्ट बैंच का सुनवाई से इंकार, मामला सीजे को
Punjab And HaryanaChandigarhHaryana Violecne Chief Justice Will Hear The Vandalism In Nuh High Cour Division Bench Recuses Itself From The Case
Nuh Violence: नूंह में हुई तोडफ़ोड़ पर चीफ जस्टिस करेंगे सुनवाई, हाईकोर्ट के डिविजन बेंच ने खुद को मामले से किया अलग
प्रशासन ने 753 से ज्यादा घर-दुकान, शोरूम, झुग्गियां और होटल गिराए गए। नूंह में प्रशासन ने 37 जगहों पर कार्रवाई कर 57.5 एकड़ जमीन खाली कराई। इनमें 162 स्थायी और 591 अस्थायी निर्माण गिराए गए।
‘खट्टर का बुलडोजर’
चंडीगढ़ 12 अगस्त: हरियाणा की नूंह में हिंसा की घटना के बाद प्रशासन की तोड़फोड़ पर लगाई गई रोक के मामले में अब अगली सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच ही करेगी। शुक्रवार को हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई में जस्टिस अरुण पल्ली आधारित बेंच ने खुद को मामले से अलग करते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया। नूंह में 31 जुलाई को हिंसा की घटनाएं हुईं थीं। इन घटनाओं में छह लोगों की मौत और बड़ी संख्या में संपत्ति नष्ट हुई थी। इसके बाद दो अगस्त से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, नूंह प्रशासन और जिला योजना विभागीय टीमों ने नूंह में अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई की थी। इस अभियान में हजारों कच्चे निर्माण और बड़ी संख्या में पक्के निर्माण गिराए गए हैं।
प्रशासन की इस कार्रवाई को जाति विशेष के लोगों को टारगेट करने की कार्रवाई मानते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान ले लिया। जस्टिस जी.एस. संधावालिया की बेंच ने सात अगस्त को इस मामले में कार्रवाई करते हुए प्रशासन को नूंह में अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई तुरंत बंद करने के आदेश देते हुए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया था।
शुक्रवार को इस मामले में जब सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट के जस्टिस अरुण पल्ली व जगमोहन बंसल पर आधारित डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया। अरुण पल्ली ने कहा कि यह हाईकोर्ट से लिया गया संज्ञान है। इस पर चीफ जस्टिस की बेंच ही सुनवाई कर सकती है। जस्टिस पल्ली ने कहा कि हाईकोर्ट नियमों में जनहित याचिका पर केवल चीफ जस्टिस सुनवाई करते है। इसके बाद मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार तक स्थगित कर दी गई है।
सरकार ने कोर्ट को जवाब देने के लिए समय मांगा
वहीं, इस मामले में सरकार ने कोर्ट को जवाब देने को समय मांगा है। सरकार ने कोर्ट में कहा कि वह नियमों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। हरियाणा के अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक सब्रवाल ने सरकार की तरफ से कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम और नूंह में अवैध निर्माण गिराने पर कोई रोक नहीं है। नियमों में सरकार अभी भी अवैध निर्माण गिराने की कार्रवाई जारी रखे हुए है।
लेटर जारी करने वाली पंचायतों पर एक्शन:रेवाड़ी में 11 गांवों के सरपंच-पंच व ग्रामीणों पर FIR; नूंह हिंसा बाद जारी किए थे पत्र
कुछ दिन पहले रेवाड़ी की पंचायतों के लेटरपैड पर जारी किए गए ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। –
रेवाड़ी 12 अगस्त। हरियाणा में नूंह हिंसा के बाद समुदाय विशेष के लोगों की गांवों में एंट्री बैन वाला लेटर लिखने वाली पंचायतों पर कानूनी एक्शन शुरू हो गया है। रेवाड़ी जिले में 11 पंचायतों के सरपंच-पंच व ग्रामीणों पर FIR हुई है। कोसली व खोल थाना में 153-B में केस हुआ है। ये नॉन बेलेबल अपराध है। पुलिस की कार्रवाई के बाद पंचायतों में भी हड़कंप मच गया है।
50 से ज्यादा पंचायतों के पत्र वायरल हुए
बता दें कि 31 जुलाई को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर पथराव के बाद हिंसा हो गई थी। कुछ दिन बाद ही 3-4 अगस्त को महेन्द्रगढ़ जिले के कस्बा अटेली की 10 से ज्यादा पंचायतों के लेटर वायरल होने लगे। इनमें समुदाय विशेष के लोगों की एंट्री अपने गांवों में बैन करने संबंधित पत्र पंचायतों के लेटर-हेड पर इलाका थाना प्रभारी और एसडीएम के नाम लिखे गए हैं।
गांवों में घुसने पर रोक लगाने के पीछे चोरी की घटनाओं का हवाला दिया गया।
अटेली कस्बे की इन पंचायतों के पत्र वायरल हुए थे।
खास बात यह है कि पंचायतों के लिखे पत्रों में एक जैसी भाषा लिखी गई थी। हूबहू यही पत्र धीरे-धीरे रेवाड़ी और झज्जर जिले की कुछ पंचायतों ने भी वायरल कर दिए। 50 से ज्यादा पंचायतों के इस तरह के पत्र वायरल होने के बाद सवाल खड़े होने शुरू हो गए थे। तीनों ही जिलों के अधिकारियों ने साफ कर दिया था कि भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी जगह आ जा सकता है। कोई भी पंचायत इस तरह का बैन नहीं लगा सकती।
सवाल खड़े हुए तो नरम पड़े रूख
प्रशासन के सख्त रूख और अन्य संगठनों के सवालों के बाद सबसे पहले लेटर लिखने वाले अटेली कस्बा के सरपंच धीरे-धीरे सामने आने लगे और कहा कि उन्होंने एक सरपंच के लिखे पत्र की देखादेखी इस तरह के पत्र लिखे। साथ ही झज्जर जिले की दो पंचायतों की सरपंच ने तो बकायदा वीडियो जारी कर अपनी गलती स्वीकार कर इसे भूलवश उठाया कदम बताया था। सरपंचों के बैकफुट पर आने पर अब पुलिस एक्शन शुरू हो गया।
11 पंचायतों के सरपंच सहित अन्य पर FIR
रेवाड़ी जिले के थाना खोल की पुलिस ने 6 ग्राम पंचायतों के सरपंच सहित कुछ ग्रामीणों पर केस दर्ज किया है। इसके साथ ही कोसली थाना पुलिस ने 4 गांवों के सरपंच और एक गांव के पंच पर केस दर्ज किया। इन गांवों की पंचायत के लेटर पैड पर मुस्लिम लोगों की एंट्री और किसी भी तरह के व्यापार बैन लगाने के पत्र वायरल हुए थे।
नॉन बेलेबल धारा 153-B
रेवाड़ी पुलिस की तरफ से जिन पंचायतों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है,उनमें धारा 153बी लगाई गई है। इस आईपीसी में दर्ज केस राष्ट्रीय एकता पर प्रभाव डालने और गैर जमानती की श्रेणी में आता है। इसमें अपराध साबित होने पर 3 साल की सजा और जुर्माना दोनों भी हो सकता है।