फिजियोथेरेपी से परोपकार और शिक्षा प्रसार में जुटा है डॉक्टर उपाध्याय दंपति
देहरादून 28 अक्टूबर। डॉक्टर नवनीत कुमार उपाध्याय (हेड फिजियोथैरेपिस्ट का एनोडायने फिजियोथैरेपी सेंटर, उपाध्यक्ष जीवन योग्य ट्रस्ट तथा प्रबंध निदेशक विस्तार प्ले स्कूल ) नाम अब फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में तथा शहर के प्रतिष्ठित शिक्षा जगत में किसी परिचय का निर्भर नहीं है। कहते हैं कि बीज से पेड़ बनने की यात्रा आसान नहीं होती। उसे बहुत सारी धूप ,छांव ,बारिश और आंधियों का सामना करना होता है । डॉक्टर उपाध्याय का सफर भी ऐसा ही रहा । उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से प्रारंभिक शिक्षा लेकर फिजियोथैरेपी की पढ़ाई करने दिल्ली पहुंचे और मास्टर डिग्री लेने को देहरादून चुना और इसी को अपनी कर्म स्थली भी बनाया। अपने कार्य के प्रति दृढ़ लगन और समर्पण से एक छोटी सी क्लिनिक खोली और सालों तक उसी से काम करते रहे ।
पर कहते हैं ना कि यदि आपका इरादा मज़बूत और नेक है तो ईश्वर भी अवश्य साथ देगा । धीरे-धीरे डॉक्टर नवनीत कुमार उपाध्याय ने देहरादून में चार क्लीनिक स्थापित कर लिये । पर सफर अभी भी बाकी था। अभी भी समाज का एक बड़ा समूह आर्थिक तंगी के कारण चिकित्सा की सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहा था। यह स्थिति डॉक्टर उपाध्याय को दुखी करती थी। इस स्थिति के समाधान को उन्होंने वर्ष 2018 में अपनी धर्मपत्नी श्वेता उपाध्याय के साथ मिलकर एक ट्रस्ट बनाया । तब से अब तक अनगिनत लोगों को आधे से भी कम शुल्क पर फिजियोथैरेपी की सुविधा उपलब्ध कराई और साथ ही साथ अपने ट्रस्ट के माध्यम से समय-समय पर जरूरतमंदों को कंबल,राशन,दवाइयां,स्कूलों में किताब-कॉपी,कुष्ठ रोगियों के लिए राशन देकर उनके जीवन को सरल बनाने का प्रयास किया है ।
यह बताना भी आवश्यक है कि डॉक्टर उपाध्याय की यह ध्येय यात्रा प्रारंभ तो अकेले ही हुई पर समय के साथ लोग आते गए और समान समझ के लोगों का समूह बनता गया । डॉक्टर उपाध्याय का यह परोपकारी समूह 30 अनुभवी फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर और स्टाफ तक जा पहुंचा है जिनको वह अपने जीवन का एक मजबूत स्तंभ मानते हैं।
डॉक्टर नवनीत कुमार उपाध्याय की मान्यता है कि स्वस्थ शरीर के साथ हम अपना वर्तमान सुंदर बना सकते हैं ,पर यदि मस्तिष्क स्वस्थ हो तो भविष्य अवश्य सुनहरा बनेगा । भविष्य के इसी सपने को साकार करने के लिए बच्चों की शिक्षा हेतु एक स्कूल खोलकर समाज के प्रति अपने कर्तव्य को पूर्ण करने का प्रयास किया है।
कुल मिलाकर डॉक्टर उपाध्याय दंपति युवा पीढ़ी के लिए कड़ी मेहनत करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जीवंत उदाहरण हैं।