पिंकी ने लोन ले जाकिर को दिये 11 लाख,बदले में मिली मौत
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जाकिर को पिंकी ने 11 लाख रुपए दिए थे उधार, वापस मांगा तो चाकू से गोदा… क्लर्क हत्याकांड में बड़ा अनावरण
ग्रेटर नोएडा में शनिवार को हुए महिला क्लर्क की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। हत्याकांड के पीछे का कारण महिला का उधार दिया पैसा वापस मांगना बताया जा रहा है। हत्यारा जाकिर उसी के साथ काम करता था। महिला ने उसे 11 लाख रुपये उधार दिए थे।
ग्रेटर नोएडा 15 सितंबर: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में शनिवार को हुई महिला की हत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सेक्टर 148 मेट्रो स्टेशन के पास पुस्ता पर गला काटकर रेलवे की महिला क्लर्क पिंकी की हत्या उसके ऑफिस के टेक्निशियन मौहम्मद जाकिर ने की थी। जाकिर सुभाष बिहार दिल्ली का रहने वाला है। दिल्ली अंबेडकर नगर पुलिस ने आरोपित को अरेस्ट कर लिया है। पुलिस के मुताबिक महिला ने अपनी सैलरी पर 11 लाख रुपये लोन लेकर आरोपित टेक्निशियन को दिए थे, जिसका वह तगादा कर रही थी। आरोपित टेक्नीशियन महिला को ग्रेटर नोएडा प्लॉट दिखाने के बहाने बाइक पर बैठाकर लाया और सेक्टर 148 मेट्रो स्टेशन के पास चाकू से गला काटकर महिला की हत्या कर दी थी।
तगादा तेज किया तो भड़का जाकिर
दिल्ली अंबेडकर नगर थाना प्रभारी ने बताया कि पिंकी रेलवे में क्लर्क थी और आरोपित मोहम्मद जाकिर उनके ऑफिस में टेक्नीशियन है। दोनों एक दूसरे के परिचित थे। मोहम्मद जाकिर ने पिंकी से उधर रुपये मांगे। इस पर पिंकी ने अपनी सैलरी पर 11 लाख रुपये लोन लेकर जाकिर को दिए। जाकिर ने उस पैसे से जमीन खरीदी। पिंकी जमीन बेच कर जाकिर के पास पैसे आने की खबर लगी तो उसने अपने पैसों के लिए तकादा किया लेकिन जाकिर ने पैसा वापस करने को लिया ही नहीं था। अब लगातार पिंकी अपने रुपए वापस मांगने का तगादा कर रही थी। जाकिर ने अपना एक प्लॉट बेचा था, जिसके बयाना के रूप में उसे 20 लाख रुपये मिले थे। इसकी जानकारी पिंकी को लगी तो उन्होंने अपना तगादा तेज कर दिया।
इसके बाद आरोपित पिंकी को ग्रेटर नोएडा प्लॉट दिखाने के बहाने शनिवार को बाइक पर बिठाकर ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क लाया। सेक्टर 148 मेट्रो के पास पुस्ता ले जाकर महिला की चाकू से गर्दन काट दी और बॉडी पर भी कई बार चाकू से वार किया। इसके बाद आरोपित वापस दिल्ली चला गया।
कॉल डिटेल से पकड़ा गया हत्यारा
दिल्ली अंबेडकर नगर थाना प्रभारी ने बताया कि महिला की डेड बॉडी मिलने के बाद उसकी कॉल डिटेल की जांच की जिसमें सबसे अधिक बातें आरोपित जाकिर से हुई थी। पुलिस ने आरोपित से कठोरता से पूछताछ की तो मौहम्मद जाकिर ने हत्या की बात कबूली। पुलिस पूछताछ में मौहम्मद जाकिर ने बताया कि पिंकी लगातार उसके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी देती थी जिसके चलते उसे डर था कि उसकी नौकरी चली जाएगी। उसने पिंकी को ठिकाने लगाने का प्लान बनाकर हत्या कर दी।
पिंकी और जाकिर करीब 10 साल से एक दूसरे को जानते थे। सहकर्मी थे। एक बार उसे पैसे की सख्त जरूरत हुई तो पिंकी ने झट से मदद की। यह कोई छोटी राशि नहीं थी। पिंकी ने उसे कुल 11 लाख रुपये दिए थे। 42 साल की पिंकी ने 41 साल के जाकिर से पैसे मिलने का काफी इंतजार किया। उसने कर्ज चुकाने का वादा किया था लेकिन जाकिर तो दगाबाज निकला। काफी समय तक उसने बहाने बनाए फिर जब पिंकी पैसे लेने पर अड़ गई तो जाकिर ने उसे भयावह मौत देना तय कर लिया। बताते हैं कि वह पिंकी को बहाना बनाकर ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क ले गया। वहां एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसने पिंकी के सीने पर खंजर घोंप दिया। दोस्त जाकिर अब ‘जल्लाद’ बन चुका था। उसने दोस्त पिंकी को न सिर्फ मारा बल्कि उसके चेहरे पर तेजाब फेंक दिया जिससे उसकी पहचान भी न हो सके। पिंकी घर नहीं लौटी तब मदनगीर में उसके घरवाले पुलिस के पास पहुंचे।
पिंकी निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर क्लर्क थी और 8 सितंबर को लापता हो गई। उसकी बेटी ने अगले दिन पुलिस से संपर्क किया। अंबेडकर नगर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, उसी शाम उत्तर प्रदेश पुलिस को पिंकी का विकृत शव और कुछ दस्तावेज मिले। इसकी मदद से पिंकी के परिवार से संपर्क हो पाया। घरवालों को तब जाकर पता चला कि पिंकी अब कभी वापस नहीं आएगी।
जाकिर ने पिंकी को क्यों मारा?
दोनों पुलिस टीम की तकनीकी जांच से एक कॉमन लिंक का पता चला। एक नंबर जो पिंकी से कनेक्टेड था, उसकी कॉल डीटेल से मिला। वह जाकिर का था, जो लापता हो चुका था। उसका फोन बंद आ रहा था। उसने एक हफ्ते के लिए काम से छुट्टी भी ले रखी थी। पुलिस को अब संदिग्ध तक पहुंचना था। हत्या से पहले कई जगहों से मिले सीसीटीवी फुटेज में उसे और पिंकी को साथ देखा गया।
पुलिस को पता था कि वे मामले को सुलझाने के बहुत करीब पहुंच चुके हैं। अगले 24 घंटों में इंस्पेक्टर किशन कुमार और धीरज महलावत की टीम ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुभाष विहार इलाके में और आसपास करीब 60 जगहों पर छापा मारा, जहां जाकिर रहता था। जल्द ही उसे ढूंढ लिया । कुछ ही देर में मामला सुलझ गया। जी हां, तकनीकी साक्ष्य और फुटेज सामने रखने पर जाकिर ने अपराध स्वीकार कर लिया।
इसके बाद जो कहानी पता चली वह वर्षों की दोस्ती में विश्वासघात की थी। जाकिर ने पैसे की दिक्कत बताते हुए पिंकी से कुछ पैसे उधार लिए थे। बाद में बताया कि उसने कमेटी में निवेश किया है और अच्छा रिटर्न मिलेगा। जाकिर ने पिंकी से पैसे निकालने को कई आकर्षक योजनाओं की कहानियां गढ़ीं। ‘दोस्त’ के लिए पिंकी ने पर्सनल लोन भी ले लिया।
जाकिर ने विश्वास दिलाया था कि वह न केवल पिंकी का हिस्सा वापस करेगा बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि वह अच्छा प्रॉफिट कमाए। जब जाकिर के पास 11 लाख रुपये उधार हो गए तब पिंकी ने पैसा वापसी को कहा। कोविड आया तो जाकिर एक और बहाना लेकर आया। उसने कहा कि महामारी ने बर्बाद कर दिया है और उसे थोड़ा समय चाहिए।
एक चाकू और तेजाब की बोतल
इस साल पिंकी ने नया घर ढूंढना शुरू किया और जाकिर से कहा कि उसे अपने पैसे वापस चाहिए। पिछले महीने उसे पता चला कि जाकिर ने एक घर बेचा है। उसने पैसे वापस लेने का दबाव बनाया लेकिन जाकिर का इरादा बदल चुका था। 7 सितंबर को जाकिर उसके साथ नोएडा गया और सेक्टर 18 के एक मॉल में गया। उसने उसे अपने साथ ग्रेटर नोएडा चलने को मनाने की कोशिश की, लेकिन पिंकी ने मना कर दिया कि उसे घर जाना है। अगले दिन जाकिर ने नॉलेज पार्क में एक बढ़िया संपत्ति की डील की कहानी बनाई और पिंकी चली गई। उसे जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह एक जानलेवा जाल में फंस रही है। उसकी हत्या के बाद जाकिर ने चाकू और तेजाब की बोतल नोएडा के सेक्टर 148 में फेंक दी। पिंकी रात तक घर नहीं लौटी तो उसकी बेटी ने अगले दिन पुलिस से संपर्क किया। उसने कहा कि उसके भाई ने 8 सितंबर को मां को निजामुद्दीन स्टेशन पर उनके ऑफिस में छोड़ दिया था और वह कुछ घंटे बाद लापता हो गई।
पति की हो चुकी है मौत
सेक्टर 148 मेट्रो स्टेशन के पास महिला के शव के करीब ही आधार कार्ड भी मिला था। जिसमें उसकी पहचान पिंकी (पत्नी संजय कुमार निवासी मकान नंबर बी1- 510 गुरुद्वारा के पास मदनगीर पुष्पा भवन दिल्ली) के रूप हुई। शरीर पर कई जगह चोट के निशान। मृतक महिला की गुमशुदगी थाना अम्बेडकर नगर साउथ दिल्ली में दर्ज थी। महिला के पति की 2009 में मौत हो चुकी है। दो बच्चे हैं, जो दिल्ली में ही रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।