कंपनियों में इंटर्नशिप के मौके ही मौके, फायदा उठानें वाले चाहिए

Internship Scheme Plenty Of Offers But Few Takers Find Out Why Young People Are Shying Away
कंपनियों के ऑफर ही ऑफर और लेने वालों की कमी… ऐसा कैसे? इस स्‍कीम के आंकड़ों से समझिए
प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के पहले चरण में केवल 8,000 उम्मीदवारों ने कंपन‍ियों का ऑफर स्वीकार किया। अनिच्छा की वजह लोकेशन की च‍िंता साब‍ित हुई। अब उम्मीदवारों को लोकेकशन के बारे में जानकारी पहले ही मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य अगले पांच सालों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप प्रदान करना है

मुख्य बिंदू

  • पीएम इंटर्नश‍िप स्‍कीम में कंपन‍ियों ने बंपर ऑफर द‍िए
    पायलट प्रोजेक्ट में सिर्फ 8,000 कैंडिडेट्स ने ऑफर स्वीकार किए
    इंटर्नशिप के लिए कंपनियां जियोटैगिंग जानकारी प्रदान करेंगी
    अयोग्य उम्मीदवारों की समस्या पर विचार किया जा रहा है

नई दिल्‍ली 06 फरवरी 2025: प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्‍कीम के पायलट प्रोजेक्ट में जनवरी के मध्य तक सिर्फ 8,000 कैंडिडेट ने ही ऑफर स्वीकार किए हैं। यह स्‍कीम जुलाई 2024-25 के बजट में घोषित हुई थी। अक्टूबर में इसका पायलट फेज शुरू हुआ था। पहले चरण में 280 कंपनियों ने 1.27 लाख इंटर्नशिप के अवसर लिस्‍ट किए। इनमें से कंपनियों ने 60,866 कैंडिडेट्स को 82,077 इंटर्नशिप ऑफर दिए। 29 जनवरी, 2025 तक 28,141 कैंडिडेट्स ने इंटर्नशिप ज्वाइन करने के ऑफर स्वीकार किए। इंडियन एक्‍सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि यह और बात है कि वास्‍तव में सिर्फ लगभग 8,000 कैंडिडेट इंटर्नशिप में शामिल हुए। इसकी एक वजह बताई जा रही है कि उम्मीदवार इंटर्नशिप के लिए दिए गए स्थान पर जाने को तैयार नहीं थे।

स्‍कीम का दूसरा फेज 9 जनवरी को शुरू हुआ है। इसमें कंपनियां नए अवसर पोस्ट कर रही हैं। खाली पदों को एडिट भी कर रही हैं। स्‍कीम को और आकर्षक बनाने के लिए सरकार अब कंपनी, इंटर्नशिप और सटीक लोकेशन (जियोटैगिंग के साथ) की जानकारी देगी। इससे उम्मीदवारों को पहले से ही पता चल जाएगा कि उन्हें कितनी दूर जाना है। पहले, कैंडिडेट को यह जानकारी शुरुआत में नहीं दी जाती थी। आगे चलकर, उम्र सीमा (वर्तमान में 21-24 आयु वर्ग के युवा पात्र हैं) में भी दोनों तरफ ढील दी जा सकती है। इसके अलावा, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों की लगभग 49 कंपनियों को भी सूची में जोड़ा गया है। कारण है कि इन्हें श्रम-प्रधान माना जाता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, TCS, HDFC बैंक और मर्सिडीज-बेंज जैसी गैर-सूचीबद्ध कंपनियां भी इंटर्नशिप ऑफर कर रही है.

बेरोजरागी की समस्‍या के बावजूद ऐसी स्‍थ‍ित‍ि क्‍यों?
जब बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, तो इतने कम युवाओं के कार्यक्रम में शामिल होने के कारणों पर एक जानकार ने बताया, ‘बहुत से युवा जो आवेदन कर रहे हैं, वे योग्य नहीं हैं। वे अभी भी पढ़ाई कर रहे हैं या ओवरएज हैं। इसलिए इन बातों पर विचार किया जा रहा है कि क्या योजना में उसी अनुसार बदलाव किए जाने चाहिए। पोर्टल भी विकसित हो रहा है। जियोलोकेशन, कंपनी का नाम और विस्तृत इंटर्नशिप विवरण जैसे विवरण आवेदन के समय ही पोर्टल पर जोड़े जाएंगे।’

योजना की जमीनी स्थिति का हाल जानने के लिए कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने कंपनियों से अपडेटेड डेटा मांगा है। यह इस योजना के लिए नोडल मंत्रालय है। प्रत्येक कंपनी को योजना में शामिल युवाओं की संख्या, दिए गए ऑफर, उम्मीदवारों की ओर से स्वीकार किए गए ऑफर और प्रत्येक कंपनी में शामिल होने वालों की संख्या का विवरण प्रदान करने के लिए कहा गया है। शिक्षा और उम्र के मानदंडों में भी बदलाव किया जा सकता है। कारण है कि ज्‍यादातर अयोग्य उम्मीदवार या तो ओवरएज थे या वर्तमान में किसी शैक्षणिक संस्थान में पढ़ रहे थे।

कौन हैं स्‍कीम को पात्र?
21-24 वर्ष की आयु के युवा आवेदक जिन्होंने हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल पास किया है, ITI से प्रमाण पत्र लिया है, पॉलिटेक्निक संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त किया है या B.A., B. Sc., B. Com, BCA, BBA, B.Pharma जैसी डिग्री के साथ स्नातक हैं, वे इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र हैं। इंटर्नशिप योजना में एससी, एसटी, ओबीसी और विकलांगों के लिए सरकारी नौकरियों के समान आरक्षण संरचना भी प्रदान की गई है।

क‍ितना म‍िलता है जेब खर्च ?
इस योजना का लक्ष्य अगले पांच सालों में शीर्ष 500 कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप प्रदान करना है। स्‍कीम के तहत, भारत सरकार की ओर से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से हर महीने 4,500 रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसमें कंपनी के CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) फंड से अतिरिक्त 500 रुपये की भरपाई की जाएगी। सरकार इंटर्नशिप के दौरान चयनित उम्मीदवार के अलग-अलग खर्चों को कवर करने के लिए आकस्मिक खर्चों पर वर्ष 6,000 रुपये का एकमुश्त अनुदान भी प्रदान करेगी.

स्‍कीम के ल‍िए सरकार का बजट क‍ितना?
यह इंटर्नशिप योजना वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में घोषित रोजगार और कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री पैकेज का हिस्सा थी। इसका कुल परिव्यय 2 लाख करोड़ रुपये था। इस वित्तीय वर्ष के लिए पैकेज को 12,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसमें से 10,000 करोड़ रुपये श्रम और रोजगार मंत्रालय को तीन रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के लिए आवंटित किए गए थे। 2,000 करोड़ रुपये कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को इंटर्नशिप कार्यक्रम के लिए प्रदान किए गए थे। 2024-25 के संशोधित अनुमानों में इंटर्नशिप योजना के लिए आवंटित राशि को घटाकर 380 करोड़ रुपये कर दिया गया था। बजट में 2025-26 के लिए इंटर्नशिप योजना के लिए 10,831 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। इसमें 59.77 करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय शामिल है। इस योजना से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलने और कौशल विकास में मदद मिलने की उम्मीद है। हालांकि, शुरुआती आंकड़े बताते हैं कि इस योजना को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए कुछ बदलावों की जरूरत है।

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