PM ने इंडिया टुडे को बताई ‘मोदी की गारंटी’- ‘मेरा किया वादा सोने नहीं देता मुझे’
‘मेरा किया वादा मुझे सोने नहीं देता…’:प्रधानमंत्री ने
समझाया ‘मोदी की गारंटी’ का अर्थ,इंटरव्यू में कहा-सिर्फ हिंदी पट्टी की पार्टी नहीं BJP,अब दिखती है देश के हर कोने में
हाल ही में संपन्न हुए पाँच राज्यों के विधानसभा चुनावों में ‘मोदी की गारंटी’ को लेकर भाजपा चुनावी मैदान में थी। इसके अच्छे नतीजे भी देखने को मिले। भाजपा को तीन राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जबरदस्त बहुमत मिला और वहाँ सरकार बनी। मोदी की गारंटी क्या है और इन राज्यों में नए चेहरों को क्यों कमान सौंपी गई, लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात रखी है।
इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ तथा चेयरपर्सन अरुण पुरी, वाइस-चेयरपर्सन कली पुरी और ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से खास बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने राजनीति लेकर अर्थनीति तक, विकास से लेकर विश्वास तक, हर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री का विस्तृत इंटरव्यू इंडिया टुडे के आगामी अंक में प्रकाशित किया जाएगा। हालाँकि, सामने आए इसके प्रमुख अंशों में प्रधानमंत्री मोदी ने कई विषयों पर बातें कीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने समझाया ‘मोदी की गारंटी’ का मतलब
‘मोेदी की गारंटी’ को लेकर पूछे गए एक सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गारंटी का मतलब सिर्फ बोलना नहीं है, बल्कि इसके साथ बँध जाना होता है। उन्होंने कहा, “मेरा किया वादा मुझे सोने नहीं देता, बल्कि कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित करता है। मोदी की गारंटी का मतलब गरीबों का विश्वास है। देश का हर गरीब जानता है कि मोदी अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने गरीबों का विश्वास तोड़ा है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि ‘मोदी की गारंटी’ कभी नहीं टूटेगी। उन्होंने कहा, “यही विश्वास मुझे प्रेरणा देती है। इसके लिए मैं जी-जान से काम करता हूँ और गारंटी को पूरा करता हूँ। ये कोई शब्द या चुनावी वादा नहीं है, बल्कि मेरी दशकों की कड़ी मेहनत है। समाज के प्रति संवेदनशीलता की अभिव्यक्ति है।”
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नए चेहरों को क्यों सौंपी कमान?
प्रधानमंत्री मोदी से जब राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीन नए चेहरों को मुख्यमंत्री बनाने पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे सीधे-सीधे खुद से जोड़ दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना था तो मेरा कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था। मैं तो विधानसभा तक के लिए नहीं चुना गया था। इसे भले ही लोग नया ट्रेंड मान रहे हों, क्योंकि परिवारवादी पार्टियों में लोग परिवार के बाहर कुछ सोच ही नहीं पाते, पर हमारी पार्टी अलग-अलग प्रयोग करने की अभ्यस्त है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में नई पीढ़ियों और नए खून को अवसर देना बहुत जरूरी है। यही लोकतांत्रिक मंथन ही लोकतंत्र को जीवंत बनाता है, जबकि परिवारवादी पार्टियों को यह लोकतांत्रिक मंथन कठिन लगता है। उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह भरोसा है कि वो भी मेहनत के दम पर ऊपर उठ सकते हैं। हमारी पार्टी कैडर बेस्ड पार्टी है और हमारे यहाँ ऐसे ही काम होता है।”
अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर में बदलाव
प्रधानमंत्री मोदी से इस इंटरव्यू में संविधान के अनुच्छेद 370 के खात्मे और जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक बदलाव को लेकर भी सवाल पूछे गए। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “कभी नेहरू जी ने संसद में कहा था कि आर्टिकल 370 घिसते-घिसते खत्म हो जाएगी, लेकिन 70 दशकों तक इसने जम्मू-कश्मीर को थाम कर रखा। जम्मू-कश्मीर में महिलाओं, गरीबों, अल्पसंख्यकों को वंचित रखा गया। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोग अपना भविष्य बनाने के लिए स्वतंत्र हो गए हैं।”
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर पर भारत का संविधान पूरी तरह से लागू हो गया, जो समानता की बात करता है। आज आतंकवाद निचले स्तर पर पहुँच गया है और पर्यटन रिकॉर्ड ऊँचाइयाँ छू रहा है। उन्होंने जी-20 की बैठक का भी उदाहरण दिया, जो जम्मू-कश्मीर में आयोजित की गई थी। उन्होंने कश्मीर में स्थाई शांति लाने के उपायों के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा, विकास, इंफ्रा में निवेश और सरकारी प्रक्रियाओं का पुनर्गठन कर रही है। संसद में जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व था, लेकिन अनुच्छेद 370 हटने के बाद लोकतंत्र को हर कश्मीरी तक पहुँचाया जा रहा है। अब त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था लागू की गई है। जमीन से जुड़े 35 हजार नेता लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
भाजपा आज देश के हर कोने में मौजूद
इस इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने भाजपा को हिंदी पट्टी की पार्टी बोलने वालों को आईना दिखाया है। उन्होंने कहा, “भाजपा के बनने के बाद से हम ये बातें सुन रहे हैं। कभी ब्राह्मण-बनिया पार्टी भी कहा गया, तो कभी कहा गया कि हमें सिर्फ शहरों में समर्थन मिलता है। कभी हमें हिंदी पट्टी की पार्टी कहा गया, लेकिन हमने सबको गलत साबित कर दिया है। आज भाजपा देश के हर कोने में मौजूद है।”
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “केरल के स्थानीय निकायों में भाजपा प्रमुख विपक्षी पार्टी है। बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड में भाजपा प्रमुख विपक्षी दल है। 6 माह पहले तक कर्नाटक में हमारी सरकार थी। पुदुचेरी में भाजपा की सरकार है। देश के 16 राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, तो 8 राज्यों में हम मुख्य विपक्षी दल हैं। पूर्वोत्तर के 6 राज्यों में हमारी सरकार है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “यहाँ तक कि लोकसभा के नजरिए से देखें तो दक्षिण भारत में हम सबसे बड़ी पार्टी हैं। दो लोकसभा सीटों की विनम्र शुरुआत से अब 303 तक की हमारी यात्रा पर विचार कीजिए। भाजपा कैडर बेस्ड पार्टी है। अकेले उनकी हमारी मेहनत से सफलता नहीं मिली, बल्कि भाजपा को आगे ले जाने में हर कार्यकर्ता ने अपना योगदान दिया है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने समझाई मौलिक ढांचे में निवेश से रोजगार बढ़ने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नौकरियों और रोजगार को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि भाजपा सरकार का लक्ष्य रोजगार सृजन है। जो कई तरीकों से होता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने मौलिक ढाँचे में सबसे ज्यादा 10 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। साल 2013-14 में ये आँकड़ा मात्र 1.9 लाख करोड़ रुपए का था। इस निवेश से मेट्रो लाइन की लंबाई 248 किलोमीटर से बढ़कर 905 किलोमीटर हो गईं, क्या इससे नौकरियाँ पैदा नहीं हुईं?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “इन 10 सालों में एयरपोर्ट की संख्या 74 से बढ़कर 149 हुई, क्या इससे नौकरियाँ नहीं बढ़ीं? मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 से बढ़कर 706 हुई, क्या इससे नौकरियों का सृजन नहीं हुआ? साल 2014 की तुलना में सड़कों का दोगुना निर्माण हुआ। पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। कृषि पैदावार बढ़ी है। क्या इससे रोजगार नहीं बढ़ा?”
उन्होंने बेरोजगारी के सवाल पर भी अपनी बात रखी। प्रधानमंत्री ने कहा, बेरोजगारी दर साल 2018-19 में 5.8 थी, जो अब 3.2 प्रतिशत रह गई है। उन्होंने सवाल किया कि‘आँकड़े क्या बताते हैं’? उन्होंने कहा, “31 मार्च 2014 को ईपीएफओ से 11.78 करोड़ लोग ही जुड़े थे। अब 27.74 करोड़ लोग ईपीएफओ से जुड़े हैं। क्या ये आँकड़े रोजगार से नहीं जुड़े हैं?”
5 ट्रिलियन इकॉनमी का टारगेट एकदम हकीकत, हम हासिल कर के रहेंगे
प्रधानमंत्री मोदी ने इकॉनमी को लेकर कहा कि साल 2014 में जब भाजपा की सरकार आई तो भारत की अर्थव्यवस्था 20 खरब डॉलर यानी कि 167 लाख करोड़ रुपए की थी। अब ये आँकड़ा लगभग दोगुना होकर 37.5 खरब डॉलर यानी 312 लाख करोड़ रुपए का हो गया है। उन्होंने कहा कि अब तक की सबसे बड़ी महामारी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था सँभली हुई है और आगे बढ़ रही है।
गुजरात का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “जब 2001 में मैं गुजरात का मुख्यमंत्री बना तो गुजरात की इकॉनमी 26 अरब डॉलर यानी 2.17 लाख करोड़ रुपए की थी। जब मैंने गुजरात छोड़ा, तब तक ये बढ़कर 133.5 अरब डॉलर (11.1 लाख करोड़ रुपए) पहुँच चुकी थी और अब ये लगभग 260 अरब डॉलर की है। 23 सालों का ये रिकॉर्ड ही बताता है कि हम किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के महंगाई के आरोपों से जुड़े सवाल पर कहा कि दुनिया भर में महंगाई बढ़ी है। इसके बावजूद 2014-15 और 2023-24 के बीच औसतन महंगाई मात्र 5.1 प्रतिशत रही, जबकि 2004-2014 के बीच ये दर 8.2 प्रतिशत रही थी। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय वैश्विक सप्लाई चेन नष्ट हो गई थी । पूरी दुनिया में तनाव फैला हुआ है। मंदी का दबाव है, फिर भी भाजपा सरकार महंगाई पर लगाम लगाए हुए है।
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