पीएमकेयर्स फंड का रूख़ अब आक्सीजन की तरफ,एक लाख कंसंट्रेट,500 तेजस एमओपी
पीएम मोदी का निर्देश, PM Cares Fund से खरीदे जाएंगे एक लाख पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेट
पीएम मोदी का कहना है कि इससे विशेष रूप से जिला मुख्यालयों और टीयर -2 शहरों में ऑक्सीजन की पहुंच में सुधार होगा.
पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि सरकार पीएम केयर्स कोष (PM Cares Fund ) से 1 लाख पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद करेगी. इसके साथ ही पीएम-केयर्स कोष (PM Cares Fund ) के तहत 500 नए पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र को मंजूरी दी गई है. इससे पहले ऐसे 713 संयंत्रों को मंजूरी दी गयी थी.
पीएम मोदी का कहना है कि इससे विशेष रूप से जिला मुख्यालयों और टीयर-2 शहरों में ऑक्सीजन की पहुंच में सुधार होगा. प्रधानमंत्री ने जल्द से जल्द पीएम-केयर्स फंड के जरिए एक लाख पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने का निर्देश दिया है, संक्रमण से ज्यादा प्रभावित राज्यों को आपूर्ति होगी
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया से मुलाकात की. इस मुलाकात में वायु सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री को वायु सेना द्वारा कोरोना काल में किए जा रहे प्रयासों के बारे में अवगत कराया.
वायु सेना प्रमुख से हुई इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑक्सीजन टैंकर और आवश्यक वस्तुओं की सुरक्षित तरीके से और तेज आवाजाही पर जोर दिया. उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना से जुड़े इन ऑपरेशन के दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि वायु सेना के कर्मी सुरक्षित रहें. बता दें भारतीय वायुसेना (आईएएफ) दुबई और सिंगापुर से नौ क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंकर हवाई मार्ग से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ हवाईअड्डे पर लेकर आई है.
ऑक्सीजन संकट को जड़ से खत्म करने की तैयारी, 500 प्लांट लगाएगा DRDO
डीआरडीओ बड़े स्तर पर इसकी तैयारी कर रहा है. (तस्वीर-PIB)
DRDO द्वारा LCA, तेजस में ऑन बोर्ड ऑक्सीजन जनरेशन के लिए विकसित की गई मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक अब कोविड-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन से जुड़े वर्तमान संकट से लड़ने में मदद करेगी.
. कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश के कई राज्य बुरी तरह ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे हैं. इस बीच डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने कहा है कि वो 500 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाएगा. इसके लिए धन राशि पीएम केयर्स फंड से दी गई है. DRDO द्वारा LCA, तेजस में ऑन बोर्ड ऑक्सीजन जनरेशन के लिए विकसित की गई मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट (एमओपी) तकनीक अब कोविड-19 रोगियों के लिए ऑक्सीजन से जुड़े वर्तमान संकट से लड़ने में मदद करेगी.
ये ऑक्सीजन संयंत्र 1,000 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) की क्षमता के लिए बनाया गया है. ये प्रणाली पांच एलपीएम की प्रवाह दर पर 190 रोगियों की जरूरत को पूरा कर सकती है और प्रति दिन 195 सिलेंडर चार्ज कर सकती है. मैसर्स टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, बेंगलुरु और मैसर्स ट्राइडेंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर को प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण किया गया है, दोनों देश के विभिन्न अस्पतालों में स्थापना के लिए 380 संयंत्रों का उत्पादन करेंगे. सीएसआईआर से संबंधित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून के साथ काम करने वाले उद्योग 500 एलपीएम क्षमता के 120 संयंत्रों का उत्पादन करेंगे.
लगातार ऑक्सीजन सप्लाई के काम में लगी है ऑक्सीजन एक्सप्रेस
देशभर कोरोना की प्रचंड दूसरी लहर के बीच भारतीय रेलवे भी ऑक्सीजन संकट को दूर करने के जबरदस्त प्रयास कर रहा है. रेलवे अब तक अपनी विशेष ट्रेनों के जरिए 450 टन ऑक्सीजन की सप्लाई कर चुका है. भीषण ऑक्सीजन संकट का सामना कर रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली को भी मंगलवार को 70 टन मेडिकल ऑक्सीजन की खेप मिली. दिल्ली को ये ऑक्सीजन की खेप जिंदल स्टील एंड पावर प्लांट लिमिटेड से मिली है.
रेल मंत्रालय के मुताबिक इन विशेष ट्रेनों के जरिए अब तक महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में 450 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचाई जा चुकी है. बताया गया है कि एक और ऑक्सीजन एक्स्प्रेस बोकारो से जबलपुर भेजी जा रही है जो मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन संकट को दूर करने की कोशिश करेगी. वहीं यूपी से एक और खाली ट्रेन बोकारो पहुंच चुकी है जहां से ऑक्सीजन की खेप यूपी भेजी जाएगी