राहत: पैट्रोल 9.50 ₹ , डीज़ल 7 और उज्जवला योजना गैस सिलेंडर 200 ₹ सस्ता
महंगाई से थोड़ी राहत:पेट्रोल 9.50 रुपए और डीजल 7 रुपए लीटर सस्ता हुआ, केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी घटाई
नई दिल्ली 21 मई।केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी घटाने का फैसला किया है। इससे पेट्रोल 9.50 रुपए और डीजल 7 रुपए प्रति लीटर सस्ता होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी है। नए रेट आज रात 12 बजे से लागू होंगे।
इस राहत के बाद अब दिल्ली में पेट्रोल 105.41 रु. के बजाय 95.91 रुपए और डीजल 96.67 रु. की जगह 89.67 रु. लीटर हो जाएगा। पिछले दिनों PM मोदी ने लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए राज्यों को एक्साइज ड्यूटी कम करने की सलाह दी थी। वहीं, वित्त मंत्री के ऐलान के बाद केरल सरकार ने भी पेट्रोल पर 2.41 रुपए और डीजल पर 1.36 रुपए के स्टेट टैक्स की कटौती की है।
कितना कम हुआ वैट?
अभी सरकार पेट्रोल पर 27.90 और डीजल पर 21.80 रुपए एक्साइज ड्यूटी के रूप में वसूलती है। इस कटौती के बाद पेट्रोल पर 19.90 और डीजल पर 15.80 रुपए एक्साइज ड्यूटी रह जाएगी। इसे पूरे देश में पेट्रोल साढ़े 9 रुपए और डीजल 7 रुपए लीटर तक सस्ता हो जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट- हमारे लिए हमेशा लोग पहले
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फैसले पर ट्वीट कर कहा- हमारे लिए हमेशा ही लोग पहले होते हैं! आज के फैसले, विशेष रूप से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में उल्लेखनीय कमी से विभिन्न क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। ये हमारे नागरिकों को राहत प्रदान करेंगे और ‘जीवन की सुगमता’ को आगे बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उज्ज्वला योजना ने करोड़ों भारतीयों, खासकर महिलाओं की मदद की है। उज्ज्वला योजना के लिए सब्सिडी देने के फैसले से लाभार्थियों के बजट में काफी आसानी होगी।
पेट्रोल-डीजल पर टैक्स का गणित
पेट्रोल/लीटर (रुपए) डीजल/लीटर (रुपए.)
बेस प्राइस 56.35 57.94
भाड़ा 0.20 0.22
एक्साइज ड्यूटी 27.90 21.80
डीलर कमीशन 3.85 2.69
वैट 17.13 14.12
कुल कीमत 105.41 96.67
पिछले साल भी घटाई थी एक्साइज ड्यूटी
इससे पहले पिछले साल 3 नवंबर को भी पेट्रोल और डीजल सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपए और डीजल पर 10 रुपए एक्साइज ड्यूटी कम की थी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, तब विपक्ष शासित राज्यों ने वैट नहीं घटाया। महाराष्ट्र, प बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और झारखंड ने वैट से 11,945 करोड़ रुपए कमाए।
वित्त मंत्री ने किए ये भी ऐलान-
1-PM उज्ज्वला योजना वाले सिलेंडर पर इस साल 200 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। एक परिवार को साल में 12 सिलेंडर मिलेंगे। इसका फायदा 9 करोड़ परिवारों को मिलेगा।
2-प्लास्टिक प्रोडक्ट्स के कच्चे माल पर भी एक्साइज ड्यूटी कम की जा रही है। जहां आयात पर हमारी निर्भरता अधिक है।
3-कुछ स्टील प्रोडक्ट्स के कच्चे माल पर भी इंपोर्ट ड्यूटी कम की जाएगी। वहीं कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर एक्सपोर्ट ड्यूटी ली जाएगी।
4-सीमेंट की उपलब्धता बढ़ाने के उपाय भी किए जा रहे हैं। बेहतर लॉजिस्टिक्स से सीमेंट के दाम भी कम किए जाएंगे।
अब नहीं चलेगी बहानेबाजी… पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस पर मोदी सरकार की स्ट्राइक से कैसे दबाव में विपक्ष, केरल के फैसले से समझें
Authored by अमित शुुुुुुुक्ला
सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों की लगातार बढ़ती कीमतों से आम जनजीवन पर पड़ रहे असर को देखते हुए शनिवार को बड़ा फैसला लिया। केंद्र ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद शुल्क में कटौती का ऐलान किया। उसने एलपीजी सिलिंडर पर भी 200 रुपये प्रति सिलिंडर की सब्सिडी देने की घोषणा की।
Centre Big Move vs Inflation: केंद्र सरकार ने महंगाई की हवा निकालने का इंतजाम कर दिया है। उसने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी (Exise Duty) घटाने का फैसला किया है। पेट्रोल पर आठ रुपये और डीजल पर छह रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। इससे पेट्रोल की कीमत 9.5 रुपये और डीजल की कीमत 7 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगी। सरकार ने एलपीजी सिलिंडर पर भी 200 रुपये प्रति सिलिंडर की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को एक साल में 12 गैस सिलिंडरों पर यह सब्सिडी दी जाएगी। विपक्ष महंगाई (Inflation) के मुद्दे पर सरकार को लगातार घेरने में जुटा था। केंद्र ने यह कदम उठा उसे जवाब दिया है। हालांकि, इससे गैर-बीजेपी शासित राज्यों पर दबाव भी बनेगा। केरल के फैसले से इसे समझा जा सकता है। केंद्र के कदम के तुरंत बाद उसने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम किए हैं। हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने खुलकर गैर-बीजेपी शासित राज्यों की कलई खोल दी थी। पिछले साल नवंबर में भी केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी। हालांकि, कुछेक गैर-बीजेपी शासित राज्यों को छोड़ किसी ने पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं किया था। इससे लोगों को जितनी राहत मिलनी चाहिए थी नहीं मिली थी।
पहले टैक्स का गणित समझ लीजिए
पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। इसके घटने या बढ़ने से पेट्रोल-डीजल के दामों पर सीधे असर पड़ता है। इसमें पेट्रोल पंप चलाने वाले डीलरों का फिक्स कमीशन होता है। राज्य सरकारें प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल पर वैल्यू ऐडेड टैक्स यानी VAT चार्ज करती हैं। इसके अलावा कुछ अतिरिक्त शुल्क भी लिया जाता है। हर राज्य में यह टैक्स अलग-अलग होता है। यही कारण है कि अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल के दाम भी अलग-अलग होते हैं।
इस तरह मोटे तौर पर पेट्रोल और डीजल के दामों के साथ चार-पांच कंपोनेंट जुड़े होते हैं। इनमें बेस प्राइस, भाड़ा प्रति लीटर, प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, वैट शामिल हैं। एक्साइज ड्यूटी में एक रुपये बढ़ने से केंद्र सरकार के खजाने में 13,000-14,000 करोड़ रुपये सालाना की बढ़ोतरी होती है। इसके घटने पर सरकारी खजाने पर उसी हिसाब से अंतर पड़ता है।
भला गैर-बीजेपी शासित राज्यों पर कैसे बनेगा प्रेशर?
इसके लिए आपको हाल की एक बैठक की याद दिलाते हैं। प्रधानमंत्री ने यह बैठक सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की थी। यह बैठक ऑनलाइन हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर चर्चा की थी। उन्होंने पिछले साल नवंबर में इनकी कीमतों में एक्साइज ड्यूटी में हुई कटौती का जिक्र किया था। इस दौरान पीएम ने सभी राज्यों से अपने यहां वैट घटाकर लोगों को और राहत देने का अनुरोध किया था।
प्रधान मंत्री ने एक-एक राज्य का नाम लेकर यह भी कहा था कि कई राज्यों ने वैट नहीं घटाया। इसमें खासतौर से गैर-बीजेपी शासित राज्य शामिल थे। उनके ऐसा नहीं करने से बीजेपी शासित और गैर-बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी अंतर देखने को मिला। अब जब सरकार ने पेट्रोल-डीजल के साथ रसोई गैस सिलेंडर पर राहत देकर महंगाई की कमर तोड़ने का हौंसला दिखाया है तो इस पर अंकुश लगाने का कुछ दबाव राज्यों पर भी आएगा। इसमें खासतौर से गैर-बीजेपी शासित राज्य शामिल हैं।
केरल के फैसले से समझें राज्यों पर दबाव
केंद्र की ओर से ईंधन की कीमत में कमी के बाद केरल सरकार ने सबसे पहले पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने का ऐलान किया है। उसने पेट्रोल की कीमत में 2.41 रुपये और डीजल में 1.36 रुपये प्रति लीटर की कटौती का ऐलान किया है। यह कुछ और नहीं बल्कि दबाव ही है। राज्यों को पता है कि केंद्र ने अपना काम कर दिया है। अब गेंद उनके पाले में है। अगर वो लोगों को कोई अतिरिक्त राहत नहीं देंगे तो बेनकाब होंगे। इस तरह महंगाई को घटाने की सारी कवायद को लेकर पूरी वाहवाही मोदी सरकार बटोर ले जाएगी।
हालांकि, एक्साइज ड्यूटी में इस कटौती के फैसले पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आ गई है। उसने इसे रेगिस्तान में झाड़ू मारने के बराबर करार दिया है। उसका कहना है कि पिछले 2 महीने में बीजेपी ने पेट्रोल-डीजल को 10-10 रुपये बढ़ाया है। आज उसी पेट्रोल-डीजल को 9.5 रुपये और 7 रुपये सस्ता कर दिया। जनता को 2 महीने लूटा और फिर 50 पैसे की राहत दे दी।