कोलकाता लेडी डॉक्टर रेप-हत्या में सीबीआई के ताबड़तोड़ छापे,सात का पॉलीग्राफ टेस्ट
लेडी डॉक्टर रेप-मर्डर केस: संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट खत्म, इन जगहों पर CBI ने की ताबड़तोड़ छापेमारी
Kolkata Lady Doctor Rape-Murder Case: कोलकाता में कांड में आज जबरदस्त हलचल है. एक ओर मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ है. सीबीआई की टीम और एक्सपर्ट ने प्रेसिडेंसी जेल में झूठ पकड़ने वाली मशीन से उसका सामना करवाया है. करीब चार घंटे तक चले इस टेस्ट के बाद सीबीआई की टीम जेल से बाहर निकल गई है.
मुख्य आरोपित संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ
कोलकाता,25 अगस्त 2024,कोलकाता में कांड में आज जबरदस्त हलचल है. एक ओर मुख्य आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ है. सीबीआई की टीम और एक्सपर्ट ने प्रेसिडेंसी जेल में झूठ पकड़ने वाली मशीन से उसका सामना करवाया है. करीब चार घंटे तक चले इस टेस्ट के बाद सीबीआई की टीम जेल से बाहर निकल गई है. वहीं दूसरी ओर दरिंदगी वाले अस्पताल में करप्शन को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी हो रही है. सीबीआई टीम पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के घर भी तलाशी ली है. करीब 6 घंटे की रेड के बाद एक टीम चली गई. दूसरी टीम अब भी घर पर मौजूद है.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में संदीप घोष की टीम में रहे देवाशीष सोम और संजय वशिष्ठ के घर के भी छापे डाले गए हैं. सीबीआई ने 15 ठिकानों को खंगाला है. सीबीआई ने आज सुबह छह बजे ही संदीप घोष के घर पर दस्तक दे दी. डेढ घंटे इंतजार के बाद दरवजा खोला गया. उनके साथ दो सीनियर डाक्टरों के घर भी छापा मारा गया. मेडिकल कॉलेज के पूर्व वाइस प्रिंसिपल अख्तर अली की शिकायत पर केस सीबीआई को सौंपा गया है.
इस तरह से कोलकाता रेप और मर्डर कांड की जांच अब गहरी होती जा रही है. जिस लेडी डाक्टर का रेप करके कत्ल किया गया उस केस की जडें और कई जगहों पर मिल सकती हैं. वो मामले खुलकर सामने आ सकते हैं जिनका नाता इस डॉक्टर के कत्ल से हो सकता है. ममता सरकार ने धांधलियों की जांच के लिए एसआईटी बनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि ये मामला भी सीबीआई को ही जांचना चाहिए और अब रविवार की सुबह से सीबीआई एक्शन में है.
संदीप घोष पर करप्शन के कई बड़े और गंभीर आरोप
सीबीआई ने ताबड़तोड़ 15 जगहों पर छापेमारी कर दी है. हर जगह तलाशी हो रही है. संदीप घोष पर करप्शन के कई बड़े और संगीन आरोप हैं. दो बार उनका ट्रांसफर भी हुआ था, लेकिन रसूख के बूते वो आरजी कर अस्पताल में ही बने रहे. सीबीआई से पहले करप्शन और वित्तीय धांधली की जांच का काफी कुछ काम एसआईटी ने कर भी दिया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद उसे वित्तीय धांधली के सबूत और दस्तावेज ले जाकर सीबीआई को सौंपने पड़े.
क्या रहस्य खुलने के डर से डॉक्टर रास्ते से हटाई गयी?
हाईकोर्ट ने ये मामला जिस तरह से सीबीआई को सौंपा है, उससे कई सवाल पैदा होते हैं.जैसे क्या अस्पताल में ऐसा कुछ गलत हो रहा था जिसकी जानकारी पीडित लेडी डॉक्टर को थी? क्या अस्पताल की धांधली छुपाई जा रहा थी? क्या राज खुलने के डर से लेडी डॉक्टर को रास्ते से हटाया गया? क्या अस्पताल की धांधली का इस रेप और मर्डर केस से कोई गहरा नाता है? सारे आरोपों के केंद्र में रहे संदीप घोष से 100 घंटे से ज्यादा की पूछताछ हो चुकी है.
संजय रॉय सहित 6 लोगों का हुआ पॉलीग्राफ टेस्ट
देश को झकझोर देने वाले इस कांड की जांच में जुटी सबसे तेजतर्रार जांच एजेंसी सीबीआई के लिए एक पेचीदा केस है. इसीलिए सीबीआई को सच की तह तक पहुंचने को झूठ पकडने वाली मशीनों का सहारा लेना पड़ रहा है. आज इस केस में सबसे बडे आरोपित संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया. इससे पहले शनिवार को इस केस में छह लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट पूरा कर लिया गया, जिसमें सबसे बडा चरित्र इसी अस्पताल का पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष है.
अपराध स्वीकृति बाद संजय कह रहा है- मैं निर्दोष हूं!
पहले शनिवार को ही संजय रॉय का पॉलीग्राफी टेस्ट किया जाना था, लेकिन कुछ तकनीकी खराबी के कारण पॉलीग्राफी टेस्ट नहीं हो पाया था. संजय की वकील का कहना है कि वो पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए इसलिए तैयार हो गया क्योंकि उसने कुछ नहीं किया है. हालांकि, पुलिस के हवाले से खबरें आ रही थी कि उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और खुद को फांसी देने की बात कर रहा है, लेकिन उसकी वकील पुलिस के दावे को ठुकरा रही है.
संजय रॉय के खिलाफ सीबीआई ने जुटाए कई प्रमाण
संजय रॉय वो चरित्र है जिसके जवाबों से इस पूरी गुत्थी को सुलझाने में सबसे बडी मदद मिल सकती है. पुलिस अब तक संजय राय के खिलाफ कई सारे प्रमाण एकत्र कर चुकी है. इसमें कुछ मौके से जुटाए प्रमाण हैं तो कुछ तकनीकी प्रमाण. शनिवार को ही सीबीआई ने संजय राय की बाइक भी कब्जा ली. इसी बाइक से अपराध की रात संजय राय अस्पताल से निकला था और घर जाकर सो गया था. दावा है कि उसके खिलाफ मजबूत सबूत हैं.
मेडिकल कॉलेज की सीसीटीवी में दिखा था संजय
8 और 9 अगस्त की दरमियानी रात सीसीटीवी में अस्पताल में आने जाने की उसकी हरकत की तस्वीरें कैद है. तीसरी मंजिल पर भी उसकी मौजूदगी अपराध के वक्त ही दिखी थी. रात तीन बजे के बाद वो अस्पताल से निकलते हुए भी कैमरे में कैद हुआ था. उसके खिलाफ सबसे बडा सबूत पुलिस के पास मौजूद उसका ब्लूटूथ है,जो कि पीडित लेडी डॉक्टर की डेड बॉडी के पास मिला था. साबित होता है कि वो वहां मौजूद था.
पॉलीग्राफ टेस्ट, कर्मचारियों से पूछताछ, ताबड़तोड़ छापेमारी… जानें कोलकाता कांड में क्या-क्या लगा CBI के हाथ
इस मामले पर अब पूरे देश की नजर बनी हुई है. हर कोई लेडी डॉक्टर की तरफ से इंसाफ का इंतजार कर रहा है. जानें आज सीबीआई ने क्या किया…
कोलकाता के एक मेडिकल कॉलेज में एक लेडी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या ने पूरे देश को दुख दे दिया है. राजनीतिक उफान और विरोध प्रदर्शनों के बीच इस मामले में आज सीबीआई ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की. आरजी कर मेडिकल कॉलेज में आरोपित डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले के मुख्य आरोपित संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट कोलकाता की प्रेसीडेंसी जेल में किया गया. वह इसी जेल में बंद है. करीब 4 घंटे तक उसका टेस्ट चला.
सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता के सीबीआई कार्यालय में दो ओर लोगों का आज ही पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. शनिवार को मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष समेत चार लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया था. आपको बता दें कि पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान व्यक्ति द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिए जाते समय एक मशीन की मदद से उसकी शारीरिक प्रतिक्रियाओं को मापा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि वह सच बोल रहा है या झूठ.
टेस्ट का क्या फायदा होगा?
सीबीआई ने रॉय और घोष समेत सात लोगों का ‘लाई डिटेक्टर टेस्ट’ कराने को अदालत से अनुमति ली है. इस टेस्ट को मुकदमे के दौरान सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके नतीजे एजेंसी को आगे की जांच में एक दिशा प्रदान करेंगे. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली की केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से पॉलीग्राफ विशेषज्ञों का एक दल जांच करने के लिए कोलकाता गया है. कोलकाता पुलिस ने मेडिकल कॉलेज के सेमीनार हॉल में 31 वर्षीय लेडी डॉक्टर का शव मिलने के एक दिन बाद 10 अगस्त को रॉय को गिरफ्तार किया था.
कैसे हुआ था गिरफ्तार?
सीसीटीवी फुटेज और लेडी डॉक्टर के शव के पास एक ब्लूटुथ उपकरण मिलने पर रॉय की गिरफ्तारी हुई थी, जिसे कॉलेज के सेमीनार हॉल में प्रवेश करते हुए कथित तौर पर देखा गया, जहां सुबह करीब चार बजे शव मिला था. रॉय (33 वर्ष) 2019 से नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस के साथ काम कर रहा था. प्रशिक्षित मुक्केबाज रॉय ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से करीबी बना ली थी, तब उसे कोलकाता पुलिस कल्याण बोर्ड में शामिल किया गया और आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पुलिस चौकी में तैनात कर दिया गया.
घोष के करीबी को ले गई
विवादों में घिरे कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारी फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के डेमोंस्ट्रेटर को रविवार को अपने निजाम पैलेस स्थित कार्यालय ले गये. सीबीआई अधिकारियों की एक टीम आज सुबह कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में स्थित केस्टोपुर में देबाशीष शोम के आवास पर पहुंची और वहां करीब आठ घंटे तक चली छापेमारी और तलाशी अभियान के बाद उन्हें अपने साथ ले गई. खबर लिखे जाने तक यह स्पष्ट नहीं था कि शोम को गिरफ्तार किया गया है या सिर्फ पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी माने जाने वाले शोम का नाम अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में दायर याचिका में लिया था. अली ने ही अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के बारे में सबसे पहले आवाज उठाई थी.
दो एंगल से हो रही जांच
वास्तव में, अली की याचिका पर ही कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल न्यायाधीश पीठ ने पिछले शुक्रवार को सीबीआई को मामले की जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था. सीबीआई इस मामले की विभिन्न कोणों से जांच कर रही है, जिसमें जांच का मुख्य फोकस घोष पर है. शोम और घोष के अलावा अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक और उप प्राचार्य संजय वशिष्ठ और चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ता बिप्लब सिन्हा भी मामले की जांच कर रहे सीबीआई अधिकारियों की नजर में हैं. घोष से सीबीआई की विशेष अपराध इकाई के अधिकारी 16 अगस्त से लगातार नौ दिन तक पूछताछ कर चुके हैं. औसतन उनसे रोजाना 12 से 14 घंटे पूछताछ की गई. सूत्रों ने बताया कि सीबीआई अधिकारी अब दोनों मामलों के बीच संबंध खोज रहे हैं. पहला मामला बलात्कार और हत्या का है, और दूसरा मामला वित्तीय अनियमितताओं का.
15 जगह मारे छापे
इसके साथ ही सीबीआई अधिकारियों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में इसके पूर्व प्राचार्य संदीप घोष, पूर्व चिकित्सा अधीक्षक सह उप प्राचार्य (एमएसवीपी) संजय वशिष्ठ और 13 अन्य लोगों के कोलकाता में एवं उसके आसपास स्थित परिसरों में रविवार को छापे मारे. सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने मरीजों की देखभाल और प्रबंधन के लिए सामग्री की आपूर्ति से जुड़े लोगों के आवासों और कार्यालयों पर भी छापे मारे.
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी के कम से कम सात अधिकारी सुबह आठ बजे से घोष से बेलियाघाटा स्थित उनके आवास पर पूछताछ कर रहे हैं, जबकि अन्य अधिकारी वशिष्ठ एवं चिकित्सा प्रतिष्ठान के फॉरेंसिक-मेडिसिन विभाग के एक और प्रोफेसर समेत अन्य से पूछताछ कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि केंद्रीय बलों के एक बड़े दल के साथ सुबह करीब छह बजे घोष के आवास पर पहुंची सीबीआई की टीम को करीब डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा, जिसके बाद पूर्व प्राचार्य ने दरवाजा खोला. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अन्य अधिकारी हावड़ा में एक आपूर्तिकर्ता के घर गए. उन्होंने कहा, ‘‘वशिष्ठ से पूछताछ हो रही है कि जब वह एमएसवीपी थे, तब अस्पताल में हुई वित्तीय अनियमितताओं के बारे में उन्हें कितनी जानकारी थी.”
निषेधाज्ञा की अवधि बढ़ाई
कोलकाता पुलिस ने सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निकट लागू निषेधाज्ञा की अवधि को एक और सप्ताह यानी 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है. निषेधाज्ञा पहली बार 18 अगस्त को लागू हुई थी, जिसमें निर्दिष्ट क्षेत्र में पांच से अधिक लोगों के एकत्र होना प्रतिबंधित है. कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि बेलगछिया रोड-जे के मित्रा क्रॉसिंग से लेकर उत्तर कोलकाता के श्यामबाजार ‘फाइव-पॉइंट क्रॉसिंग’ के कुछ हिस्सों तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (2) लागू है.निषेधाज्ञा की अवधि बढ़ाए जाने का उद्देश्य क्षेत्र में किसी भी प्रकार का उपद्रव रोकना और शांति एवं व्यवस्था बनाए रखना है. यह निर्णय अस्पताल में एक महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के दृष्टिगत लिया गया है. आदेश में कहा गया है कि इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 223 में दंडित किया जाएगा.