नितीश-लालू में तनाव, लोकसभा चुनाव पूर्व कुछ भी हो सकता है बिहार में
Political Instability In Bihar Nitish Kumar Lalu Prasad Yadav Tejashwi Yadav Rohini Acharya Nitish Kumar Will Join NDA. Bitter Twist Between Nitish And Tejashwi Relation
नीतीश-तेजस्वी बीच ट्वीट लाया ‘तीखा’ ट्विस्ट, लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में बड़ा खेल, जानिए पूरी बात
बिहार का मौसम भले ठंडा हो, लेकिन, राजनीति का तापमान चढ़ा हुआ है। तमाम राजनीतिक हलचल के बीच गुरुवार को दोपहर के बाद मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई और नीतीश कुमार ने पार्टी के बड़े नेताओं के साथ बैठक की है। दूसरी तरफ, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी दिल्ली रवाना हो गए हैं। मुख्यमंत्री आवास में नीतीश कुमार ने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजय चौधरी, संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा सहित कई वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की है।
पटना 25 जनवरी 2024: लोकसभा चुनाव के पहले ही बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल राजद और जदयू में कटुता बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी के मौके पर परिवारवाद को लेकर बयान दिया तो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल साइट पर पलटवार किया। हालांकि, रोहिणी ने एक्स पर लिखे को डिलीट कर दिया लेकिन तब तक लोग उसका स्क्रीन शॉट ले चुके थे। रोहिणी ने एक्स पर बिना किसी के नाम लिए लिखा कि समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है। इसके बाद उन्होंने आगे लिखा, खीज जताए क्या होगा जब हुआ न कोई अपना योग्य। विधि का विधान कौन टाले जब खुद की नीयत में ही हो खोट।
ट्वीट से हुआ काम खराब
रोहिणी यहीं तक नहीं रूकी। उन्होंने आगे लिखा कि अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां। लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते रहते हैं बदतमीजियां । माना जा रहा कि रोहिणी ने एक्स के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। हालांकि, रोहिणी ने कुछ ही घंटे बाद एक्स पर लिखी बातें डिलीट कर दी। इधर, नीतीश मंत्रिमंडल की गुरुवार को हुई बैठक में भी राजद और जदयू में दूरियां दिखी।
सूत्रों का दावा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बैठक में किसी से कोई बात नहीं की। ऐसे में साफ है कि राजद और जदयू के बीच दूरियां बढ़ती जा रही है। नीतीश के फिर से पलटने की चर्चा राजनीति में खूब हो रही है। वैसे, नीतीश के लिए यू टर्न कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी नीतीश पलटते रहे हैं। वर्ष 2013 में जदयू ने भाजपा से अपना गठबंधन तोड़ दिया था। राजद और कांग्रेस से हाथ मिला लिया था।
नीतीश ने पूर्व में भी लिया था फैसला
इसके बाद 2017 में जदयू फिर से भाजपा के साथ एनडीए में शामिल हो गई और 2019 लोकसभा चुनाव और 2020 बिहार विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ लड़ी। इसके बाद अगस्त, 2022 में नीतीश कुमार ने फिर से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से नाता तोड़ लिया और महागठबंधन के साथ होकर मुख्यमंत्री बन गए। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी साफ तो कुछ नहीं कहते हैं। लेकिन, इतना जरूर कहते हैं कि इंडिया गठबंधन बनाने में हमारे नेता ने मुख्य भूमिका निभाई। सीट बंटवारा नहीं होने से सहयोगी दलों में नाराजगी बढ़ रही है। भाजपा के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने परिवारवाद पर निशाना साधा तो राजद परिवार बौखला गया है। उधर, खबर ये भी है कि दिल्ली में अमित शाह ने बिहार की हलचल को गंभीरता से लिया है। अमित शाह ने विनोद तावड़े को भी बैठक के लिए बुलावा भेजा है। बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विनोद तावड़े से अमित शाह बैठक करने वाले हैं।
Rohini Acharya: नीयत में खोट बता लालू की बेटी ने दागे दनादन तीन ट्वीट, फिर किया डिलीट, नीतीश नाराज!
बिहार की राजनीति सुबह से गरमाई हुई है. पटना में राजनीतिक पारा हाई है. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अपने सभी ट्वीट डिलीट तो कर दिए लेकिन नीतीश कुमार ने इनके स्क्रीन शॉट मंगा लिए। भारत में समाजवाद के पुरोधा कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न की घोषणा होते ही बिहार का राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला. कल नीतीश कुमार ने कहा था कि उन्होंने तो अपनी फैमिली को पॉलिटिक्स में आगे नहीं बढ़ाया लेकिन आजकल लोग अपने बेटे को नेता बना देते हैं.तो आज लालू फैमिली से पटलवार किया. तेजस्वी यादव चुप रहे तो उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने मोर्चा संभाला. लालू यादव के बेटे तेजस्वी लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री इन वेटिंग हैं. आरजेडी उन्हें फ्यूचर का मुख्यमंत्री बताती है. ऐसे में परिवार पर बात आई तो रोहिणी आचार्य ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करते विरोधियों पर निशाना साधा. रोहिणी ने बैक टू बैक तीन ट्वीट करके राजनीति में खलबली मचा दी. लालू की बेटी के इस आक्रोश पर भाजपा का रिएक्शन भी आ गया था लेकिन अचानक रोहिणी ने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए.
रोहिणी आचार्य ने अपने ट्वीट क्यों डिलीट किए इस सवाल का अधिकृत जवाब या तो वो खुद दे सकती हैं या फिर लालू परिवार का कोई सदस्य. इसके इतर इस फैसले पर जो कुछ भी कहा जाएगा वो राजनीतिक अनुमान ही होगा. इस बीच कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार की नाराजगी के बाद रोहिणी आचार्य ने अपने सारे ट्वीट डिलीट कर दिए. हालांकि लालू फैमिली के पर्नसल फैसलों से इतर रोहिणी के ट्वीट डिलीट करने की वजह जानने को आज 25 जनवरी की टाइम लाइन को समझने की जरूरत पड़ेगी.
25 जनवरी की सुबह क्या कुछ हुआ?
गुरुवार को बिहार कैबिनेट की बैठक हुई. ये बैठक 15 मिनट में खत्म हो गई. मीटिंग में नीतीश और तेजस्वी के बीच किसी तरह की कोई बात नहीं हुई. फिर खबर आई कि नीतीश कुमार समय से पहले बिहार विधानसभा भंग करने को कानूनी राय ले रहे हैं. फिर राहुल गांधी के न्याय यात्रा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटने की खबर आई. बिहार में महागठबंधन की सरकार है. आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस उसमें भागीदार है. एक्स्ट्रा मजबूती को बाहर से वामदलों का समर्थन है. ऐसे में बुधवार को नीतीश के परिवारवाद को लेकर आए बयान को आरजेडी और लालू परिवार ने अपने स्वाभिमान पर लिया. परिवार को निशाना बनाए जाने से नाराज रोहिणी आचार्य ने आवेश में आकर बिना नाम लिए परिवार पर हमले के जवाब में पलटवार कर दिया.
डैमेज कंट्रोल की खबरें
RJD और JDU के बीच विश्वास का संकट दिखाई दिया. सरकार पर संकट के बादल छाए तो जेडीयू कोटे से मंत्री अशोक चौधरी ने महागठबंधन में डिजास्टर मैनेजमेंट का जिम्मा संभाला. अशोक चौधरी लगातार तेजस्वी यादव और नीतीश के संपर्क पर नजर बनाए हुए थे. कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद नीतीश के साथ ही अशोक चौधरी बाहर निकले थे. बाहर ही अशोक चौधरी और तेजस्वी के बीच बातचीत होने की खबरें सूत्रों के हवाले से आईं. इसके कुछ देर बाद रोहिणी आचार्य ने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए.
आपको बताते चलें कि लालू की बेटी के इस ताजा ट्वीट पर भाजपा के रिएक्शन भी आने लगे थे. सोशल मीडिया पर भाजपा ओबीसी मोर्चा के महासचिव निखिल आनंद ने लिखा- ‘लालू यादव के बच्चे भी नीतीश जी को अपमानित कर रहे हैं’.गणतंत्र
लालू की पार्टी की अलग प्लानिंग
बिहार में राजनीतिक उठापटक के बीच नीतीश कुमार के अलग रास्ता अपनाने की चर्चा के बीच लालू की पार्टी के नेता एक्टिव हो गए हैं। बताया जा रहा है कि 122 के जादुई आंकड़े को छूने के लिए राजद की ओर से 8 और विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश शुरू हो गई है। बिहार की सत्ता के लिए सीटों के समीकरण को देखें, तो मांझी की पार्टी के 4 विधायक हैं। ओवैसी की पार्टी के एक विधायक और एक निर्दलीय विधायक हैं, सुमित सिंह और अलग लालू की पार्टी इन्हें अपने खेमे में बुलाती है, तो आंकड़ा 120 का बनता है। अभी भी लालू यादव को 2 विधायक चाहिए। वहीं नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री आवास पर हलचल तेज हो गई है। लालू से मुलाकात करने उनके करीबी शिवचंद्र राम, श्याम रजक सहित पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी पहुंचे थे। राबड़ी आवास से निकलते वक्त उदय नारायण चौधरी ने राजनीतिक उठापटक पर कुछ भी बोलने से इनकार किया।