देहरादून बार ऐसोसियेशन चुनाव में मतदान 24 फ़रवरी को

 

Dehradun Bar Association Election 2025 voting Will be held on 24th February
Dehradun: बार एसोसिएशन में बिछी चुनावी बिसात, नए पुराने चेहरे मैदान में उतरने को तैयार, 24 को होगा मतदान

पिछले साल अध्यक्ष पद पर बदले समीकरणों के बाद अब किसके सिर ताज सजेगा यह देखने वाली बात होगी। चुनावी मुद्दों में इस बार भी अधिवक्ताओं की कई परेशानियां और मांगें शामिल

प्रदेश की सबसे बड़ी बार देहरादून बार एसोसिएशन में चुनावी बिसात बिछ चुकी है। वार्षिक चुनाव में नए पुराने चेहरे मैदान में उतरने को तैयार हैं। इस बार 24 फरवरी को मतदान किया जाएगा। लगभग चार हजार मतदाताओं वाली इस बार में हर बार की तरह इस वर्ष भी मुकाबले रोमांचक होने की संभावना है.

पिछले साल अध्यक्ष पद पर बदले समीकरणों के बाद अब किसके सिर ताज सजेगा यह देखने वाली बात होगी। चुनावी मुद्दों में इस बार भी अधिवक्ताओं की कई परेशानियां और मांगें शामिल हैं। हालांकि, इस बार भी नए न्यायालय परिसर में अधिवक्ताओं के चेंबर निर्माण का मुद्दा छाया रहेगा। देहरादून बार एसोसिएशन की मंगलवार को हुई कार्यकारिणी की बैठक में चुनाव कार्यक्रम घोषित कर दिया गया। इस बार 12 फरवरी को नामांकन शुरू किया जाएगा। अगले दिन नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापसी का दिन रहेगा। इसके बाद 24 को मतदान और अगले दिन 25 फरवरी को मतगणना के साथ विजेताओं की घोषणा की जायेगी.

ध्यान रहे मनमोहन कंडवाल और अनिल शर्मा उर्फ चीनी की जोड़ी में दो साल पहले दूरी आ गई थी। वर्ष 2023 में लगातार छह बार के अध्यक्ष रहे मनमोहन कंडवाल चुनाव नहीं लड़े । इसका सीधा फायदा उनके जोड़ीदार और 2022 तक सचिव रहे अनिल शर्मा उर्फ चीनी को मिला।  उन्होंने रिकॉर्ड जीत हासिल की। समीकरण पिछले साल तब बिल्कुल अलग हो गए जब पिछले साल अधिवक्ता मनमोहन कंडवाल एक साल के अंतराल बाद एक बार फिर अध्यक्ष पद को मैदान में उतर गए।

इसका परिणाम ये हुआ कि कंडवाल के खेमे के मत उनके पाले में ही रहे। इसकी हानि अधिवक्ता अनिल शर्मा को उठानी पड़ी और अब कई सालों से किस्मत आजमा रहे राजीव शर्मा उर्फ बंटू के हाथ प्रदेश की सबसे बड़ी बार एसोसिएशन की कमान आ गई। एक साल से कई छोटे-बड़े फैसले लेकर बंटू ने अधिवक्ताओं के हितों की राजनीति की, लेकिन वह अपनी इन कोशिशों में कितने कामयाब रहे हैं इसका पता 25 फरवरी को ही लग पाएगा। इस बार भी वह अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। देखने वाली बात यह भी होगी कि लगातार दो सालों से सचिव चले आ रहे राजवीर सिंह बिष्ट इस बार भी सचिव पद का चुनाव लड़ते हैं या नहीं।

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