मुट्ठी खुली तो ख़ाक की: शरद-अजीत पवार की अनोखी राजनीति, अभी भी दिखा रहे एका
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बंद मुट्ठी लाख की, भतीजे अजित को अपना बताकर बड़ा गेम कर गए शरद पवार ?
कहावत है बंद मुट्ठी लाख की, खुल गई तो खाक की। शरद पवार ने अजित पवार को अपना नेता बताकर फिर से अपनी मुट्ठी बंद कर ली है। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठक से पहले इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। एनसीपी में टूट नहीं हुआ ही नहीं वाला शरद पवार का बयान उनकी सोची- समझी रणनीति का हिस्सा है।
मुंबई 25 अगस्त: पहले सुप्रिया सुले, इसके बाद उनके पिता ने शरद पवार ने एनसीपी में किसी तरह की टूट से इनकार किया है। अजित पवार के बारे में शरद पवार ने बारामती में कहा कि वह हमारे नेता है, पार्टी में किसी तरह का विभाजन नहीं हुआ। लोकतंत्र में पार्टी के नेता अलग रुख अपना सकते हैं। अजित पवार ने अलग रुख अपनाया है, जिसे विभाजन नहीं कहा जा सकता है। गुरुवार को शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने भी एकदम ऐसी ही प्रतिक्रिया दी थी। दोनों के बयानों के स्क्रिप्ट अचानक एक जैसी हो गई, यह संयोग भर नहीं है। मराठा राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार ने 31 अगस्त से पहले बड़ा दांव खेला है। शरद पवार बयानों की एक तीर से कई निशाने साधने में निपुण भी हैं। अजित पवार के लिए आए बदलाव के पीछे भी उनकी सोची समझी तैयारी है। शरद पवार ने यह बयान अपने गढ़ बारामती में दिया है।
मोलतोल करने को पावर तो चाहिए
31 अगस्त से 1 सितंबर तक मुंबई में विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठक हो रही है। विपक्षी गठबंधन की बैठक से पहले वह खुद को मजबूत कर रहे हैं, ताकि सीट शेयरिंग और संयोजक बनाने में उनकी भूमिका बनी रहे। बैठक में वह ऐसे सेनापति नहीं दिखना चाहते, जिसके पीछे फौज है ही नहीं। अगर ऐसा हुआ तो I.N.D.I.A.की बैठक में शरद पवार मोल-तोल नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस पहले ही इंडिया में हावी होती जा रही है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की जोड़ी ने लगभग उन नेताओं साइड लाइन कर दिया है, जिन्होंने विपक्षी गठबंधन बनाने की पहल की थी। एनसीपी में टूट के बाद शिवसेना और कांग्रेस ने महाराष्ट्र में विपक्ष की कमान संभाल ली है। 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान अगर एनसीपी को मनमाफिक हिस्सा चाहिए तो शरद पवार को न सिर्फ मजबूत दिखना होगा, बल्कि बनना भी होगा। एनडीए में गए अजित पवार और विधायकों के बिना यह संभव नहीं दिखता है। ऐसे समय पर पार्टी को लेकर विवाद भी शरद पवार की दावेदारी कमजोर कर सकती है।
ऐसा बयान जिससे भतीजा भी रहेगा पावरफुल
शरद पवार के हृदय परिवर्तन उस समय हुआ है, जब अजित पवार पार्टी के अन्य नेताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने चुनाव चिह्न पर भी दावा ठोंका है। हाल ही में अजित पवार ने अपने समर्थकों को निर्देश दिये थे कि पार्टी के कार्यक्रमों में शरद पवार की तस्वीरों का उपयोग नहीं किया जाए। अजित पवार ने ये सारे फैसले भी अचानक नहीं लिए हैं। अभी तक अजित पवार खुले तौर से पांच-छह बार शरद पवार से मिल चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि इन मुलाकातों में उन्होंने शरद पवार को एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव दिया था, जिसे सीनियर पवार ने ठुकरा दिया। चर्चा है कि खुली मीटिंग के अलावा भी चाचा-भतीजे में कई स्तर पर गुप्त बैठक भी हुई है। मुलाकातों के बाद अजित पार्टी और सरकार के फैसले कर रहे हैं।
I.N.D.I.A. की बैठक के बाद खुलेंगे शरद के पत्ते
एनडीए में अपने हिस्सेदारी को अजित पवार को भी मजबूती दिखानी है। शरद पवार के आशीर्वाद बिना अजित भी पावरफुल नहीं है। शरद पवार ने अब अजित को पार्टी के सीनियर नेता बताकर एनडीए में भतीजे की स्थिति मजबूत की है। शरद किधर हैं ? एनडीए या इंडिया में। अजित पवार पार्टी से जुड़े फैसले खुद ले रहे हैं तो बार-बार शरद से मीटिंग की जरूरत क्यों पड़ रही है। यह गलफत ही एनसीपी के दोनों खेमों को अपने-अपने गठबंधन में ताकत दे रही है। इंडिया की तीसरी मीटिंग के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल होने वाला है, जिसके मास्टरमाइंड शरद पवार ही होंगे। थोड़ा इंतजार करें, शायद शरद अगले महीने अपने पत्ते फेंक दें।
ये था बयान: ‘NCP में नहीं कोई विभाजन, अजित हमारे नेता’: शरद पवार
बेटी सुले के बयान के एक दिन बाद शरद पवार ने पुणे जिले में अपने गृहनगर बारामती में पत्रकारों से कहा कि कोई कैसे कह सकता है कि एनसीपी में विभाजन हो गया है। अजित पवार हमारी पार्टी के ही नेता हैं।
Sharad Pawar denies split in NCP; says Ajit Pawar continues to be leader of party
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने एक बार पार्टी में विभाजन से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके और भतीजे अजित पवार के बीच कोई लड़ाई या मतभेद नहीं है। वह पार्टी का ही हिस्सा हैं। दरअसल, शरद पवार की बेटी और पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने एक दिन पहले कहा था कि अजित पवार पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक हैं।
इसमें नहीं कोई सवाल
सुले के बयान के एक दिन बाद शुक्रवार को पवार ने पुणे जिले में अपने गृहनगर बारामती में पत्रकारों से बात की। पत्रकारों ने शरद पवार से सुले के बयान के बारे में पूछा तो एनसीपी प्रमुख ने कहा कि हां, इसमें कोई सवाल ही नहीं है। कोई कैसे कह सकता है कि एनसीपी में विभाजन हो गया है? अजित पवार हमारी पार्टी के ही नेता हैं।
राजनीतिक दल में फूट का मतलब…
शरद पवार ने कहा कि इस बात पर कोई मतभेद नहीं है कि अजित पवार हमारे नेता हैं। एनसीपी में कोई विभाजन नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि किसी राजनीतिक दल में फूट का मतलब क्या है? फूट तब होती है जब किसी पार्टी का एक बड़ा समूह राष्ट्रीय स्तर पर अलग हो जाता है। लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी, कुछ ने अलग रुख अपना लिया है। लोकतंत्र में निर्णय लेना उनका अधिकार है।
रविवार को दिया था बड़ा बयान
इससे पहले 20 अगस्त को पुणे में एक कार्यक्रम में एनसीपी प्रमुख ने कहा था कि पार्टी के कुछ नेता जो पाला बदलकर एनसीपी के अजित पवार गुट के साथ शिवसेना (एकनाथ शिंदे)-भाजपा सरकार में शामिल हो गए, की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जांच हो रही है। शरद पवार ने कहा था कि हाल ही में हमारे कुछ लोग यह कहते हुए सरकार में शामिल हुए कि उन्होंने विकास के मुद्दे पर भाजपा से हाथ मिलाया है। उनमें से कुछ ईडी जांच में थे। वे जांच का सामना नहीं करना चाहते थे।
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की सराहना करते हुए, एनसीपी प्रमुख ने कहा था कि अनिल देशमुख जैसे कुछ लोगों ने 14 माह जेल जाना स्वीकार किया। उन्हें जांच से बचने को उनके पक्ष (भाजपा) में शामिल होने का प्रस्ताव भी था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। शरद पवार ने यह भी आरोप लगाया था कि एनसीपी के कुछ नेताओं ने भाजपा से इसलिए हाथ मिला लिया क्योंकि उन्हें एजेंसियों से खतरा था। उन्होंने कहा था कि हमारे कुछ सहयोगी एजेंसियों की जांच के दबाव में भाजपा में शामिल हो गए। उनसे कहा गया कि यदि आप भाजपा में शामिल होते हैं तो आपके मामले में कुछ नहीं होगा, लेकिन यदि आप शामिल नहीं हुए तो आपको जेल जाना पड़ेगा।