क्वांटम मैटीरियल्स और डिवाइसेज को हेट्रोस्ट्रक्चर इंजीनियरिंग पर विमर्श

विशेषज्ञों ने क्वांटम मैटीरियल्स और डिवाइसेज (उपकरणों) के लिए हेट्रोस्ट्रक्चर इंजीनियरिंग पर विचार‘-विमर्श किया

रुड़की, 27 फरवरी 2020: क्वांटम मामलों के क्षेत्र से अग्रणी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने क्वांटम मैटर हेटोस्ट्रक्चर (क्यूएमएच-2) में राष्ट्रीय सम्मेलन में डिजाइनर थिन फिल्मों, हेट्रोस्ट्रक्चर और क्वांटम मैटीरियल्स के उभरते इलेक्ट्रोमेग्नेटिक फिनोमना (विद्युतचुंबकीय घटनाओं) की भूमिका पर चर्चा की।

इस दौरान प्रोफेसर अमितवापात्रा, निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएनएसटी), मोहाली ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि “क्वांटम मैटीरियल्स विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए आकर्षक है, और तकनीकी अनुप्रयोगों (एप्लीकेशंस) के लिए नए प्रकार के क्वांटम उपकरणों को संश्लेषित करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। क्वांटम मैटीरियल्स (सामग्रियों) के सामूहिक और उभरते गुणों के साथ हेट्रोस्ट्रक्चर इंजीनियरिंग की शक्ति और संभावनाओं को जोड़ते हुए, क्वांटम-मैटर हेटोस्ट्रक्चर्स सॉलिड-स्टेट भौतिकी का एक नया क्षेत्र खोलते हैं।“

प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रुड़की, ने क्वांटम मैटीरियल्स, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि “हम मूल पी-एन जंक्शन से शुरू होने वाली सामग्री द्वारा निर्धारित नींव के बिना किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की कल्पना नहीं कर सकते हैं। हेट्रोस्ट्रक्चर का उपयोग करके जिस तरह के उपकरणों का एहसास किया जा सकता है, वह विशेषज्ञों की कल्पना और नवाचार पर निर्भर करेगा।”
उन्होंने अपने ये विचार 18 से 20 फरवरी, 2021 तक को नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी), मोहाली और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की द्वारा आयोजित सम्मेलन में व्यक्त किए।

इस मौके पर क्वांटम मैटर हेट्रोस्ट्रक्चर (क्यूएमएच-2) में राष्ट्रीय सम्मेलन की आयोजन समिति के सदस्य डॉक्टर सुवनकर चक्रवर्ती ने बताया कि “2018 में, पीएसए ऑफिस ने क्वांटम प्रौद्योगिकियों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए विशेष जोर देने के साथ भारत में भौतिक संसाधनों को बढ़ाने के लिए गहरी रुचि दिखाई। यह सम्मेलन एक मंच के रूप में काम करेगा, जो क्वांटम मामलों में उभरती प्रवृत्तियों और आपसी हित के विषय पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भावी रणनीतियों और योजनाओं पर चर्चा करेगा।“

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के प्रोफेसर आर. रमेश ने “चिरल के निरीक्षण, कमरे के तापमान ध्रुवीय रेखाचित्र’ पर विचार-विमर्श किया, जो थर्मोडायनामिक्स के कारण होती है। एक तरफ जहां उन्होंने अपनी टीम द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला, वहीं दूसरी और उन्होंने क्वांटम मैटर्स के संबंध में चुनौतियों पर चर्चा की। अपनी शुरूआती संबोधन में स्पिन को चार्ज और चार्ज से स्पिन में बदलने जैसे मामलों पर अपने विचार रखे। टोक्यो यूनिवर्सिटी के एप्लाइड फिजिक्स विभाग के प्रोफेसर माशी कावासाकी ने “इलेक्ट्रान्स इन अल्ट्रा क्लीन जैडएनओहेट्रोस्ट्रक्चर्स“ पर बात की और अपने समूह द्वारा किए गए जिंक ऑक्साइड (जैडएनओ) पर आधारित ऑक्साइड हेटोस्ट्रोस्ट्रक्चर्स पर हाल की गतिविधियों का अवलोकन प्रस्तुत किया। संबंधित विषयों पर वार्ताओं की अध्यक्षता भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, भारत के डी.डी. सरमा ने की। आईआईटी रुड़की से आयोजक डॉक्टर.विवेक मलिक ने उद्घाटन सत्र का संचालन किया।

सम्मेलन के तीसरे दिन, प्रोफेसर एस.के.जोशी मेमोरियल सत्र का आयोजन प्रोफेसर जोशी और क्वांटम हेट्रोस्ट्रक्चर के लिए प्रासंगिक बल्क मैटीरियल्स के योगदान पर चर्चा के लिए किया गया।

प्रोफेसर टी.वी.रामाकृष्णन, एफआरएस और पद्मश्री ने सत्र की अध्यक्षता की और प्रोफेसर जोशी के वैज्ञानिक योगदान और उपलब्धियों के बारे में सभी प्रतिभागियों को जानकारी दी। प्रोफेसर ई.वी. संपतकुमारन, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ने “अनअक्सपेटेड ट्रासपोर्ट विहेवियर (अनपेक्षित परिवहन व्यवहार) ऑफ जीडी एलॉयसः 1998 से 2020“ पर अपने शुरूआती संबोधन में विस्तार से जानकारी दी। प्रोफेसर एस.डी. महंती, मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी ने प्रोफेसर जोशी के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रख्यात वैज्ञानिकों द्वारा सत्र में तीन आमंत्रित तकनीकी वार्ताएं भी दी गईं।

आईएनएसटी, मोहाली, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, भारत सरकार, आईआईटी, रुड़की के सहयोग से आयोजित सम्मेलन में 250 से अधिक आमंत्रित वक्ताओं ने भाग लिया, जिन्होंने तीन दिनों तक क्वांटम मैटीरियल्स और संबंधित उपकरणों में हेटोस्ट्रोस्ट्रक्चर के क्षेत्र में वर्तमान स्थिति, सीमाओं, दृष्टिकोणों और चुनौतियों पर चर्चा की। सम्मेलन के तीसरे दिन, प्रोफेसर एस.के. जोशी की याद में समर्पित एक विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस दौरान जोशी क्वांटम हेट्रोस्ट्रक्चर के लिए प्रासंगिक बल्क मैटीरियल्स पर चर्चा आयोजित की गई। क्यूएमएच के क्षेत्र में भविष्य की योजनाओं और दृष्टिकोणों पर भी उसी दिन चर्चा की गई।

यह सम्मेलन, जो क्वांटम मैटीरियल्स और डिवाइसेज के लिए हेट्रोस्ट्रक्चर इंजीनियरिंग से संबंधित अनुसंधान पर चर्चा करने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों को एक साथ लाने में सफल रहा। इसके साथ ही इस दौरान उन सभी को क्वांटम हेट्रोस्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करने वाले शोधकर्ताओं को क्वांटम सामग्री से संबंधित नवीनतम आरएंडडी में उजागर होने का एक अनूठा अवसर प्रदान करने में भी पूरी तरह से सफल रहा।

आईआईटी रुड़कीः परिचय ;(https://www.iitr.ac.in/)

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