टैक्सास में राहुल से बांग्लादेश पर पूछा सवाल, कांग्रेसियों ने अमेरिकी पत्रकार से किया दुर्व्यवहार

कैसे राहुल गांधी की टीम ने मुझे टेक्सास में प्रताड़ित किया…: पत्रकार रोहित शर्मा
राहुल गांधी की टीम ने डलास, टेक्सास में पत्रकार रोहित शर्मा के साथ एक इंटरव्यू के दौरान अभद्र व्यवहार किया, उनके फोन से इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग जबरन डिलीट कर दी. यह घटना राहुल गांधी के प्रेस स्वतंत्रता के दावों के विपरीत है.

सैम पित्रोदा (फाइल फोटो)

वॉशिंगटन,13 सितंबर 2024,शनिवार, 7 सितंबर को, मैं भारतीय विपक्षी नेता राहुल गांधी की बहुप्रतीक्षित यात्रा को कवर करने के लिए डलास, टेक्सास आया. उनके पिछले अमेरिकी दौरे के बाद, राहुल गांधी विपक्ष के नेता बन गए हैं, जब उनकी पार्टी ने हालिया आम चुनावों में अप्रत्याशित रूप से 99 लोकसभा सीटें जीती थीं.

अमेरिका और भारत में उनके भारतीय प्रवासी, छात्रों, मीडिया और कैपिटल हिल के नेताओं के साथ होने वाली मुलाकातों को लेकर काफी दिलचस्पी थी. अपनी तैयारी के हिस्से के रूप में, मैंने भारतीय ओवरसीज कांग्रेस (IOC) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा से संपर्क किया, जिनका मैंने पहले इंटरव्यू लिया था. हमारे पिछले संवाद हमेशा अच्छे रहे हैं, और मुझे यकीन था कि वह राहुल की यात्रा के बारे में एक इंटरव्यू देने के लिए सहमत होंगे.

सैम ने सहमति दी. तय समयानुसार, मैं शाम 7:30 बजे के आसपास इरविंग, टेक्सास के रिट्ज कार्लटन होटल पहुंचा. वहां कुछ IOC सदस्यों से मिलने के बाद, मुझे सैम के विला ले जाया गया – एक आरामदायक जगह, जहां लगभग 30 लोग थे, जिनमें कुछ लोग भारत से आए थे और कुछ IOC यूएसए से. वे सभी उत्सुकता से राहुल गांधी के डीएफडब्ल्यू इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचने का इंतजार कर रहे थे.

वहां की हलचल के बावजूद, सैम ने मुझे तुरंत पहचाना और इंटरव्यू के लिए सबको शांत रहने को कहा. मैंने अपना फोन रिकॉर्डिंग के लिए सेट किया और हमने राहुल गांधी की यात्रा के बारे में बात करना शुरू किया. सैम ने मेरे चार सवालों का बेहतरीन जवाब दिया, राहुल की यात्रा के प्रति आशा को बढ़ाते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी के आगामी अमेरिकी दौरे की तुलना करते हुए, और एनआरआई समुदाय से जुड़े मुद्दों पर बात की.

लेकिन फिर मेरे आखिरी सवाल के बाद वहां सब कुछ बदल गया. ‘क्या राहुल गांधी यूएस के सांसदों से बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं के बारे में चर्चा करेंगे?’ सैम ने जवाब देना शुरू ही किया था, ‘ये राहुल और सांसदों पर निर्भर करता है कि वे क्या मुद्दे उठाते हैं, मैं उनकी ओर से नहीं कह सकता…’ तभी वहां माहौल बदल गया. एक व्यक्ति ने चिल्लाते हुए कहा कि यह सवाल ‘विवादास्पद’ है, और अन्य लोग भी इसमें शामिल हो गए. तभी राहुल गांधी की एडवांस टीम के एक सदस्य ने मेरा फोन छीन लिया और चिल्लाने लगे, ‘बंद करो! बंद करो!’

सैम और मैं दोनों चौंक गए, लेकिन राहुल की टीम और समर्थक फैसला कर चुके थे. एक व्यक्ति ने मेरा माइक छीनने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसे नहीं दिया. वे किसी तरह रिकॉर्डिंग रोकने में कामयाब हो गए और मेरा फोन जबरन ले लिया. सैम को जल्दबाजी में एयरपोर्ट पर राहुल गांधी से मिलने के लिए भेज दिया गया.

इसके बाद जो हुआ, वह एक बुरे सपने जैसा था. कम से कम 15 लोग कमरे में रह गए और मुझसे इंटरव्यू का आखिरी सवाल डिलीट करने की मांग करने लगे. मैंने समझाया कि सवाल में कुछ भी विवादास्पद नहीं है और उनकी हरकतें अनैतिक हैं. लेकिन वे मेरी बात नहीं माने और मेरे फोन में छेड़छाड़ करने लगे, इंटरव्यू डिलीट करने की कोशिश की. हालांकि उन्होंने इसे फोटो लाइब्रेरी से डिलीट कर दिया, वे ‘रिसेंटली डिलीटेड’ फोल्डर में नहीं जा सके, क्योंकि इसके लिए मेरे फेस आईडी की जरूरत थी.

उनमें से एक ने चालाकी से मेरा फोन मेरे चेहरे के पास लाकर उसे अनलॉक कर दिया, और इंटरव्यू को ‘रिसेंटली डिलीटेड’ फोल्डर से भी हटा दिया. इसके बाद वे iCloud भी चेक करने लगे, लेकिन मेरा फोन एयरप्लेन मोड पर था, जिससे वीडियो सिंक नहीं हो सका था.

30 मिनट तक मेरी प्राइवेसी और पत्रकारिता की हर मर्यादा का उल्लंघन करने के बाद, वे शांत हुए. कुछ लोग तो मेरा फोन चार दिनों तक अपने पास रखने पर बहस कर रहे थे. मैंने किसी तरह उन्हें फोन वापस करने पर मजबूर किया और वहां से बाहर निकल आया. मुझे एक बार तो 911 कॉल करने का ख्याल आया, लेकिन मेरे पास फोन नहीं था. होटल के बाहर आकर मैंने सैम को टेक्स्ट किया और बताया कि क्या हुआ. उन्होंने कहा कि हम अगले दिन फिर से इंटरव्यू कर सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

विडंबना यह है कि राहुल गांधी ने अमेरिकी मीडिया से भारत में मीडिया की घटती आजादी पर बात की और उनकी टीम मुझे चुप कराने में लगी हुई थी. उन्होंने यह मुद्दा हर अमेरिकी दौरे पर उठाया है, लेकिन लगता है कि प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्य उनके अपने खेमे तक नहीं पहुंचता है.

मजेदार बात ये है कि मेरे एक साथी, जो एक प्रेस क्लब इवेंट में मॉडरेटर थे, ने राहुल से वही सवाल पूछा – ‘क्या वह बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या का मुद्दा उठाएंगे?’ – जिसे बाद में INC के आधिकारिक X (पहले ट्विटर) हैंडल से ट्वीट भी किया गया

राहुल गाँधी के कार्यक्रम में पत्रकार के साथ हो गई मारपीट, सैम पित्रौदा- ‘हमें कुछ नहीं पता’ कहकर निकले: बोले- पहले हमसे बात करते, फिर पब्लिक को बताते

इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस को फिर से अध्यक्ष बने सैम पित्रोदा ‘हुआ तो हुआ’ बयान को लेकर चर्चा में रहे थे। अब उनके कार्यक्रम में राहुल गाँधी और सैम पित्रोदा से सवाल पूछने पर इंडिया टुडे के पत्रकार के साथ मारपीट की गई है, तो वो ये कह कर अपना पीछा छुड़ा रहे हैं कि मारपीट के बारे में ‘मुझे नहीं पता’। सैम पित्रोदा ने कहा कि पत्रकार को मारपीट के मामले को सार्वजनिक करने से पहले ‘मुझसे’ बात करनी चाहिए थी।

बता दें कि इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा ने दावा किया कि जब उन्होंने सैम पित्रोदा से यह सवाल किया कि क्या राहुल गाँधी अमेरिका में बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे हमलों का मुद्दा उठाएँगे, तो कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता भड़क गए। इसके बाद उनका मोबाइल फोन छीन लिया गया और उनसे इंटरव्यू डिलीट करने के लिए कहा गया। रोहित शर्मा का दावा है कि इस दौरान उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट भी की गई।

इंडिया टुडे टीवी से विशेष बातचीत में सैम पित्रोदा ने कहा कि उन्हें इस घटना की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि वह उस समय जल्दी में थे और उन्हें कहीं और जाना था, इसलिए वह रोहित शर्मा से मिलकर निकल गए। पित्रोदा ने कहा, “मुझे इस घटना की जानकारी नहीं है। मैं वहाँ मौजूद नहीं था। अगर ऐसा कुछ हुआ है, तो मैं इसकी जाँच करूँगा।”

पित्रोदा ने प्रेस की स्वतंत्रता का दिखावा करते हुए कहा कि रोहित को मामले को सार्वजनिक करने से पहले मुझसे बात करनी चाहिए थी। पित्रोदा ने कहा, “मैं किसी भी प्रकार की हिंसा या दुर्व्यवहार का समर्थन नहीं करता। मैं चाहता हूँ कि रोहित शर्मा पहले मुझसे बात करते, बजाय इसके कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह मामला उठाया।”

बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी विदेश में जाकर अफवाह उड़ाते हैं कि भारत की मौजूदा सरकार के शासन में देश में पत्रकारिता की स्वतंत्रता कम हो गई है। वे अपनी हर अमेरिकी यात्रा में इस बात को दोहराते रहे हैं, लेकिन राहुल गाँधी के टीम के लोग ही मनमाफिक सवाल नहीं पूछने पर पत्रकारों के साथ मारपीट करते हैं और उनके मोबाइल फोन छीन लेते है। इस पूरी घटना में खुद राहुल गाँधी का निजी सचिव अलंकार भी शामिल था।

शर्मा ने इंडिया टुडे पर लिखे अपने लेख में बताया, “अपनी तैयारी के हिस्से के रूप में मैंने इंडियन ओवरसीज कॉन्ग्रेस (IOC) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा से संपर्क किया। मैंने पहले भी उनका साक्षात्कार लिया है। सैम इंटरव्यू देने के लिए तैयार हो गए। शाम करीब 7.30 बजे मैं टेक्सास के इरविंग में रिट्ज कार्लटन पहुँचा। वहाँ मुझे सैम के विला में ले जाया गया, जहाँ करीब 30 लोग बैठे थे, जिनमें भारत से आए कुछ लोग भी थे।”

इसके बाद पत्रकार शर्मा इंटरव्यू रिकॉर्ड करने के लिए अपना फोन सेट किया और राहुल गाँधी की यात्रा पर चर्चा करने लगे थे। इस दौरान सैम पित्रोदा ने उनके चार सवालों का सहजता से जवाब दिया। उन्होंने अंतिम सवाल पूछा कि ‘क्या राहुल गाँधी अमेरिकी सांसदों के साथ अपनी बैठकों के दौरान बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं का मुद्दा उठाएँगे?’

इस सवाल का जवाब देने से पहले सैम पित्रोदा ने कहा, “यह राहुल और सांसदों पर निर्भर है कि वे तय करें कि क्या प्रासंगिक है। मैं उनकी ओर से नहीं बोल सकता लेकिन…।” इसी बीच वहाँ बैठे लोग हंगामा करने लगे।

रोहित शर्मा ने कहा, “राहुल की टीम के एक सदस्य ने मेरा फ़ोन छीन लिया और चिल्लाने लगा- ‘बंद करो! बंद करो!, साक्षात्कार बंद करो!” उन्होंने आगे कहा, “सैम भी मेरी तरह घबराए हुए थे और लोगों से शांत रहने की अपील कर रहे थे। हालाँकि, राहुल गाँधी के टीम के लोगों एवं समर्थकों ने उनकी बात नहीं मानी और मेरी माइक छीनने लगे। मैंने विरोध किया और उन्होंने मोबाइल की रिकॉर्डिंग बंद कर दी।”

इस हंगामे के बीच ही सैम पित्रोदा को राहुल गाँधी से मिलने के लिए एयरपोर्ट ले जाया गया। हालाँकि, कमरे में कम से कम 15 लोग रह गए। रोहित ने आगे कहा, “उन्होंने मुझसे साक्षात्कार से अंतिम प्रश्न हटाने के लिए कहा। मैं उन्हें समझाता रहा कि प्रश्न में कुछ भी विवादास्पद नहीं है और उनकी हरकतें गलत हैं। इसके बावजूद वे अड़े रहे और मेरा फोन लेकर उसमें खोजबीन करने लगे।”

इसके बाद उन लोगों ने उस साक्षात्कार को पत्रकार की फ़ोटो लाइब्रेरी से डिलीट कर दिया, लेकिन वह डिलीट फ़ोल्डर में वह रह गया और उसे खोलने के लिए पत्रकार के फेस आईडी की जरूरत थी। रोहित ने बताया, “जब मैं वहाँ बैठा था तो दो आदमी मेरे बगल में खड़े थे। उनमें से एक ने चुपके से मेरा फ़ोन मेरे चेहरे के पास लाया और मेरी सहमति के बिना उसे अनलॉक कर दिया।”

इसके बाद उन्होंने डिलीट किए गए फ़ोल्डर से इंटरव्यू को डिलीट करना शुरू कर दिया। iCloud भी चेक किया। रिकॉर्डिंग के दौरान फ़ोन एयरप्लेन मोड में था। इसलिए वीडियो सिंक नहीं हो पा रहा था। इस तरह वे लगभग आधे घंटे तक हर तरह की हरकत करने के बाद शांत बैठ गए। हालाँकि, इसके बाद भी वे फोन नहीं लौटाए और उसे चार दिनों तक अपने पास रखा।

इस तरह इंडिया टुडे के वॉशिंगटन स्थित संवाददाता रोहित शर्मा के साथ राहुल गाँधी की टीम के लोगों ने जबरदस्ती की और प्रेस की स्वतंत्रता को हर तरह से कुचलने की कोशिश की। अब सैम पित्रोदा कह रहे हैं कि वो प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। वो भी इस तरह कि पत्रकार को पहले सैम पित्रोदा से बताना चाहिए था कि वो इस मुद्दे को सार्वजनिक मंच पर रखे भी या न? सैम को सीधे-सीधे बताना चाहिए कि उनका जो इंटरव्यू रोहित शर्मा ने रिकॉर्ड किया, वो कहाँ है?

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(रोहित शर्मा वाशिंगटन स्थित एक अवार्ड विनिंग पत्रकार हैं).

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राहुल गांधी
सैम पित्रोदा
संयुक्त राज्य अमेरिका

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