घर से ही होगी क्रांति? अडानी नहीं,संजय पुगलिया हैं रबीश के एनडीटीवी छोड़ने का कारण
रवीश कुमार ने इस्तीफ़ा क्यों दिया??
कोई कह रहा है कि अडानी ने एक पत्रकार को हटाने के लिए NDTV खरीद लिया है.
कोई कह रहा है कि मोदी ने रवीश कुमार की आवाज़ बंद करने के लिए अपने दोस्त अडानी को कह कर NDTV खरीद लिया.
कोई कह रहा है, channel बिक गया लेकिन रवीश नहीं बिका.
ये सभी बातें बकवास हैं…. सच क्या है वह सुनिए.
अडानी ने अगस्त में खरीदा VCPL को…
VCPL वालों ने प्रणय और राधिका रॉय को 400 करोड़ का कर्ज दिया हुआ था 2008… वो भी Interest Free…..जिसके बदले में दोनों ने VCPL वालों को अपनी कंपनी RRPR में 29% stakes दिए हुए थे…. NDTV इसी RRPR का ही एक छोटा सा हिस्सा है.
कुलमिलाकर जो भी VCPL खरीदता, उसे RRPR के रास्ते NDTV में 29% stakes मिल जाते…. अडानी ने यही किया, और इसके बाद Open Offer देकर RRPR में Controlling stakes लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.
यह पूरी दुनिया को पता था कि अगस्त में चली इस प्रक्रिया का अंत कहाँ जा कर होगा… फिर भी रवीश ठाठ से NDTV में नौकरी करते रहे और मोटी सैलरी उठाते रहे.
इतने ही खुद्दार थे तो अडानी के VCPL खरीदने पर ही इस्तीफ़ा दे देते…. क्यों नहीं दिया???
कल हुआ क्या??
कल राधिका और प्रणय रॉय ने RRPR के Director पद से इस्तीफ़ा दिया…. लेकिन दोनों अभी भी NDTV के director पद पर हैं.
वहीं एक और जाने माने पत्रकार संजय पुगलिया को नया Director बना दिया गया है…. कुल मिलाकर अब पुगलिया ही NDTV वालों के boss हैं.
और यहाँ आता है अहम् का टकराव…. रवीश के अनुसार वह इस ब्रह्माड के सबसे बद्र पत्रकार हैं…. ऐसे में वह अपने से छोटे और कम Qualified (ऐसा वह सोचते हैं ) पत्रकार संजय पुगलिया को कैसे रिपोर्ट करेंगे???
एक कारण तो यह है…. अब दूसरा क्या है??
रवीश कुमार को आपने आखिरी बार सड़को पर reporting करते, या Outdoor पत्रकारिता करते कब देखा था???
याद करने की कोशिश कीजिए…. कोरोना के बाद तो नहीं देखा होगा….. रवीश कुमार पिछले लगभग तीन साल से घर से ही पत्रकारिता कर रहे हैं… उनके मुँह में WFH का खून लग चुका है… अब वह बाहर आ कर, स्टूडियो से, सड़को से, मंत्रालय, सत्ता के गालियारों से पत्रकारिता नहीं कर सकते.. सक्षम ही नहीं हैं… इसलिए अब Youtube पर ही क्रांति की मशाल जलाएंगे.
यह तो रहे रवीश के NDTV छोड़ने के कारण.
अब आते हैं मोदी अडानी द्वारा कथित रूप से NDTV खरीदने की बात पर…
तो NDTV के बिकने के लिए कोई जिम्मेदार है, तो वह है प्रणय और राधिका रॉय…. एक अनजान कंपनी से 400 करोड़ कर्ज लेते हैं.. वह भी बिना ब्याज के… बदले में कड़ी शर्ते होती हैं…..10 साल बाद भी कर्ज का एक पैसा नहीं चुकाते… NDTV से कोई कमाई नहीं हो रही थी… ऐसे में उन्हें सब कुछ बेच बाच कर निकलना ही सही लगा….. NDTV के बिकने के लिए ना अडानी जिम्मेदार है, ना मोदी…. स्वयं NDTV के मालिक जिम्मेदार हैं.
हाँ चमचे यह कह सकते हैं कि VCPL भी मोदी की कंपनी थी.. जिसने 2022 में NDTV खरीदने के लिए 2008 में उन्हें 400 करोड़ का loan दिया था… ताकि बाद में अपने मित्र अडानी को कह कर loan के बदले रवीश को खरीद सकें..
भाई कह दो यह भी… क्या जाता है कहने में 🤣🤣
एक अफवाह से NDTV को 10 फीसदी का फायदा, अपने इस्तीफे पर Ravish Kumar ने दी सफाई
Ravish Kumar NDTV Adani Sanjay Pugalia
Photo: Ravish Kumar-NDTV-Adani-Sanjay Pugalia
अडानी ग्रुप NDTV खरीद रहा है। इस एक उड़ती हुई खबर ने एनडीटीवी के शेयर को उछाल दे दिया। बैठे बैठाए प्रति शेयर +7.95 रुपये की बढ़त के साथ 87.80 रुपये पर पहुंचा दिया। यानी एक उड़ती हुई खबर एनडीटीवी शेयर धारकों को एक दिन में 9.96 प्रतिशत का फायदा देने वाला बन गया।
NDTV 1
Source: google.com
अब इस खबर की शुरूआत कैसे हुई? खबर ये आई कि Adani Group मीडिया बिजनेस में उतरने जा रही है और वह दिल्ली स्थित एक मीडिया हाउस को खरीदने का प्लान बना रही है। 18 सितंबर को एक ट्वीट पायोनियर के पत्रकार जी गोपीकृष्णन ने अपने ट्वीटर हैंडल @jgopikrishnan70 से एक ट्वीट किया जिसमें लिखा कि अडानी ग्रुप एक पुराने टीवी चैनल को खरीदने जा रही है। वह चैनल हमेशा से अडानी ग्रुप पर हमला करते रहा है। खरीद के लिए चैनल के साथ लंदन में कागज साइन होंगे। चैनल का टोटल वैल्यू 1600 करोड़ रुपये बताए जा रहे हैं। लेकिन वर्तमान में उसे केवल 100 करोड़ ही मिलेंगे और जो केस चल रहे हैं उससे राहत मिलेगी। प्रमुख शेयरधारकों को 750 करोड़ रुपये मिलेंगे।
Sanjay Pugalia संभालेंगे अडानी ग्रुप का मीडिया वेंचर
इस ट्वीट के साथ ही एक और लेटर वायरल हो रहा है जिसमें बताया गया है कि अडानी ग्रुप ने मीडिया वेंचर के लिए Sanjay Pugalia को ज्वाइन कराया है। वही मीडिया का सारा काम देखेंगे। अडानी ग्रुप की ओर से जारी लेटर के अनुसार ‘अडानी ग्रुप’ (Adani Group) ने संजय पुगलिया को सीईओ और एडिटर-इन-चीफ के पद पर नियुक्त किया है। इस भूमिका में वह ग्रुप की मीडिया पहलों (Media Initiatives) का नेतृत्व करेंगे। लेटर में बताया गया है कि वह अपनी इस भूमिका में सुदीप्त भट्टाचार्य के साथ मिलकर काम करेंगे और कॉरपोरेट कम्युनिकेशन टीम को सपोर्ट देंगे। वह प्रणव अडानी को रिपोर्ट करेंगे। पुगलिया की नियुक्ति के बारे में ‘अडानी ग्रुप’ की ओर से जारी स्टेटमेंट में कहा गया है कि संजय को मीडिया, कम्युनिकेशन और ब्रैंडिंग का व्यापक अनुभव है। हम अडानी समूह के विविध व्यवसायों और राष्ट्र निर्माण की पहल में उनके इस अनुभव का लाभ उठाने के लिए तत्पर हैं।
Sanjay Pugalia Adani Group
Adani Group द्वारा Sanjay Pugalia को दिया गया नियुक्ति पत्र
संजय पुगलिया की अडानी ग्रुप के साथ जुड़ने और दिल्ली के एक पुराने टीवी चैनल को खरीदने की अफवाह ने चैनल के प्रमुख शेयर धारकों को बैठे बिठाए करोड़ों का मुनाफा दे दिया। ठीक ऐसी ही खबर जुलाई 2017 में भी चली थी और एनडीटीवी के शेयर में काफी उछाल आया था। वैसा ही अभी हुआ है। क्या ये सब एनडीटीवी चैनल के प्रमुख शेयरधारकों द्वारा पूर्व नियोजित क्रियाकलाप तो नहीं है?
संजय पुगलिया को अडानी ग्रुप का मीडिया हेड बनाए जाने और एनडीटीवी जैसे चैनल को खरीदने (?) की खबर का असर एनडीटीवी हिंदी के जीरो टीआरपी वाले एंकर (यह खुद उन्हीं का कथन है) रवीश कुमार पर क्या हुआ? एनडीटीवी के बिकने या कोई स्टैंड लेने की बात जब भी सामने आती है तो सबसे पहले रवीश कुमार चर्चा में आते हैं। आज भी वैसा ही हुआ। ऑप इंडिया की वेबसाइट ने अपने हास्य-व्यंग्य सेक्शन में ”NDTV से रवीश कुमार का इस्तीफा, जहाँ जा रहे… वहाँ चलेगा फॉर्च्यून कड़ुआ तेल का विज्ञापन” शीर्षक के साथ खबर चलाया। मीडिया जगत में रवीश कुमार के इस्तीफे की खबर घूमने लगी और अंतत: रवीश कुमार तक भी पहुंच गई। इन तमाम अटकलों पर रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट लिखा। उसे यहां अक्षरश: दिया जा रहा है:
रवीश कुमार के इस्तीफ़े की अफ़वाह का सच
मैं भी पता कर रहा हूँ कि मेरा इस्तीफ़ा किसने दिया? मैंने ही दिया या इसकी कहानी लिखकर हिट्स उड़ाने वालों ने दिलवा दिया।
जो लोग इस तरह की अफ़वाह उड़ा रहे हैं लगता है उनके पास उड़ाने के लिए पैसे नहीं हैं।
कृपया इस बारे में मुझसे सही जानकारी न माँगे। पहले ग़लत फैला दो और फिर मुझी से पूछो कि ग़लत है या यही।
मैं सिर्फ़ यही जानना चाहता हूँ कि जनसत्ता ने ये अफ़वाह छापी है या नहीं। मेरे बारे में कुछ भी छाप कर हिट्स कमाने वाला जनसत्ता क्या कर रहा है।
बाक़ी रिलैक्स करें। दोस्तों, नौकरी की हालत देश में बहुत बुरी है। सभी के लिए। आपके प्रिय नेता श्री नरेंद्र मोदी ने इस प्यारे देश की अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क कर दिया है। इसमें अब पहले जैसी न तो नौकरी है और न सैलरी। इसका मतलब यह नहीं कि आप दुखी हो जाएँ। बिल्कुल नहीं। जब लगे कि भविष्य में कुछ नहीं ठीक होगा तो अतीत का ठीक करने में लग जाएँ। महापुरुषों की मूर्ति या स्मारक बनाने के नाम पर अतीत के गौरव की बहाली में जुट जाएँ। अच्छा टाइम कटेगा। उसके बाद भी मन दुखी हो तो नेहरू के मुसलमान वाली मीम सामने रखें और मुसलमानों को क्या करना चाहिए उस पर विचार करें, इस काम में इतनी ख़ुशी मिलेगी कि आप कंट्रोल नहीं कर पाएँगे। महापुरुष और मुसलमान आपके पास ख़ुश होने के दो दो फ़ैक्टर हैं। बस एक नौकरी नहीं है तो इसे लेकर क्या दुखी होना।
NDTV Takeover: गौतम अडानी का होने के बाद इन तीन लोगों के हाथ में होगी एनडीटीवी की कमान
NDTV Takeover : नई दिल्ली टेलीविज़न लिमिटेड (NDTV) के अधिग्रहण के लिए अडानी समूह (Adani Group) के ओपन ऑफर के बीच मंगलवार को प्रणय रॉय (Prannoy Roy) और राधिका रॉय (Radhika Roy) के आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड (RRPRH) से इस्तीफा दे दिए जाने के बाद 29 नवंबर को बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की बैठक में तय किया गया है कि सुदीप्ता भट्टाचार्य, संजय पुगलिया और सेंथिल चेंगलवारायण तत्काल प्रभाव से आरआरपीआरएच के बोर्ड में नए निदेशक होंगे। कौन हैं निदेशक नियुक्त किए गए यह तीन लोग, आइए जानते हैं।
संजय पुगलिया (Sanjay Pugalia)
संजय पुगलिया (Sanjay Pugalia) एक अनुभवी पत्रकार हैं और एक व्यापार और वित्तीय समाचार कंपनी क्विंटिलियन बिजनेस मीडिया लिमिटेड में संपादकीय निदेशक भी हैं। साथ ही संजय पुगलिया (Sanjay Pugalia) एएमजी मीडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रधान संपादक हैं। अडानी एंटरप्राइजेज ने 2021 में समूह की मीडिया पहल का नेतृत्व करने के लिए अनुभवी पत्रकार को सीईओ और प्रधान संपादक के रूप में शामिल किया था। CNBC-आवाज़ को लॉन्च करने के बाद पुगलिया ने 12 वर्षों तक उसका नेतृत्व किया। समाचार निदेशक के रूप में पुगलिया ने हिंदी में स्टार न्यूज़ की स्थापना की और आजतक की संस्थापक टीम का हिस्सा भी रहे।
सेंथिल चेंगलवारायण (Senthil Chengalvarayan)
सेंथिल चेंगलवारायण (Senthil Chengalvarayan) भारत की बिजनेस न्यूज मीडिया में जाना-माना नाम हैं। उन्हें व्यापार समाचार पत्रकारिता में 35 से अधिक वर्षों का अनुभव है और वे CNBC TV18 के संस्थापक संपादक भी रहे हैं। चेंगलवारायण नेटवर्क 18 के बिजनेस न्यूजरूम के प्रधान संपादक भी रह चुके हैं।
सुदीप्ता भट्टाचार्य (Sudipta Bhattacharya)
सुदीप्त भट्टाचार्य (Sudipta Bhattacharya) अडानी समूह (Adani Group) के लिए उत्तरी अमेरिका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं। समूह में अपने वर्तमान कार्यभार से पहले भट्टाचार्य अडानी पोर्ट्स और एसईजेड के सीईओ और समूह के मुख्य रणनीति अधिकारी थे।
अडानी समूह में शामिल होने से पहले वह इंजीनियरिंग और आईटी कंपनी इनवेन्सिस के सॉफ्टवेयर व्यवसाय के सीईओ थे। उन्होंने 10 वर्षों तक टाटा समूह के साथ काम किया है।