मत:राहुल की व्हाइट हाउस गुप्त बैठक, 2024 में व्हाइट हाउस के उम्मीदवार होंगें राहुल?
राहुल गांधी ने व्हाइट हाउस में की गुप्त बैठक! प्रधानमंत्री
मोदी को सत्ता से हटाने को 2024 चुनाव के लिए बनी गुप्त रणनीति
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे को लेकर एक महत्वपूर्ण बात पता चली है। राहुल गांधी ने अमेरिका यात्रा के दौरान व्हाइट हाउस में गुप्त बैठक की। वे न तो भारत में विपक्ष के नेता हैं और न ही किसी संवैधानिक पद पर हैं। सांसद तक भी नहीं हैं। ऐसे में राहुल गांधी किस हैसियत से व्हाइट हाउस पहुंचे, यह अपने आप में बड़ा सवाल है। राहुल की इस बैठक न केवल व्हाइट हाउस ने बल्कि कांग्रेस पार्टी ने भी गुप्त रखा है जो कि संदेह पैदा करता है। अमेरिका की ऐसी क्या मजबूरी है कि एक सजायाफ्ता, अयोग्य सांसद से बैठक उसे जरूरी लगा?
इस बैठक में राहुल ने अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण एशिया के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू सहित वरिष्ठ अमेरिकी अफसरों से मुलाकात की। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार जब गिरी थी तब उन्होंने डोनाल्ड लू को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था। इसे देखते हुए यह प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से बाहर करने को जो अंतर्राष्ट्रीय षड्यंत्र रचा जा रहा हैं, कहीं राहुल गांधी भी उसका हिस्सा तो नहीं हैं?
राहुल गांधी की व्हाइट हाउस बैठक भारत में सत्ता परिवर्तन के लिए?
बताया जा रहा है कि राहुल गांधी 2 जून को व्हाइट हाउस गए थे। इस दौरान उन्होंने भारत और अमेरिका संबंधों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान राहुल गांधी ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर हिंदुस्तान के स्टैंड को लेकर भी बातचीत की। राहुल के व्हाइट हाऊस में गुप्त बैठक का यह एक पहलू है जबकि दूसरा पहलू कुछ और ही है। अब दूसरे पहलू का अनावरण हुआ है। हालांकि इस बैठक के पीछे उनकी क्या मंशा थी और आखिर उन्होंने इसे गुप्त क्यों रखा। यह बड़े सवाल खड़ी करती है, यह चौंकाने वाली है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि किसके बुलावे पर व्हाइट हाऊस गए थे राहुल? वहां किससे मुलाकात हुई और क्या बातें हुईं? क्या इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत में सत्ता परिवर्तन रहा?
राहुल-डोनाल्ड लू मुलाकात को गुप्त क्यों रखा गया?
राहुल गांधी अपने अमेरिकी दौरे के दौरान व्हाइट भी गए और वहां उन्होंने अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण एशिया के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू सहित वरिष्ठ अमेरिकी अफसरों से मुलाकात की थी। उनकी इस मुलाकात को गुप्त रखा गया था। उनके इस कथित व्हाइट हाउस दौरे पर न तो बाइडेन प्रशासन और न ही कांग्रेस पार्टी की ओर से कोई स्टेटमेंट जारी किया गया है। सवाल यही उठता है इस मुलाकात को गुप्त क्यों रखा गया?
राहुल गांधी 2024 में व्हाइट हाउस के उम्मीदवार होंगे?
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने चुपके से व्हाइट हाउस का दौरा किया और अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की। इसका मतलब है कि व्हाइट हाउस भारत में शासन परिवर्तन अभियान चला रहा है। इसे इस रूप में समझा जा सकता है कि राहुल गांधी 2024 के चुनाव के लिए व्हाइट हाउस के उम्मीदवार हो सकते हैं। और इसमें उनकी मदद के लिए CIA, डीप स्टेट, मीडिया, टेक दिग्गज, जार्ज सोरोस से वित्तपोषित NGO भारतीय चुनावों में हस्तक्षेप करेंगें। सवाल यह भी है कि जैसे कांग्रेस पार्टी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जिस तरह गुप्त समझौता किया जिसका विवरण आज तक सामने नहीं आ पाया। क्या अमेरिका में राहुल ने कुछ इसी तरह का गुप्त समझौता तो नहीं किया। अमेरिका का समर्थन हासिल करने के बदले राहुल ने उन्हें क्या आश्वासन दिया है?
विदेश नीति को लेकर लेख में राहुल की प्रशंसा
‘इकोनॉमिक टाइम्स’ में सीमा सिरोही के लिखे लेख में राहुल गांधी की जमकर प्रशंसा की है। साथ ही बताया गया है कि विदेशी नीतियों के मामले में अब वो परिपक्व हो गए हैं और एक रणनीतिक साझेदार के रूप में अमेरिका की महत्ता समझते हैं। प्रवासी भारतीय समुदाय में उत्साह भरने के लिए भी इस लेख में राहुल की प्रशंसा की गई है। जब ट्विटर पर ‘हिन्दू एक्शन’ पेज ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आलोचक बताया तो वो कहने लगीं कि प्रधानमंत्री मोदी को प्रतिदिन साष्टांग प्रणाम न करने वालों को उनका आलोचक बता दिया जाता है। हालांकि, सीमा सिरोही ने माना कि राहुल गांधी का इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को सेक्युलर बताया जाना ठीक नहीं था।
भारत में अमेरिका मिशन के डिप्टी चीफ रह चुके हैं डोनाल्ड लू
डोनाल्ड लू फॉरेन सर्विस ऑफिसर हैं, जिनके पास अमेरिकी सरकार के लिए काम करने का 30 साल से ज्यादा का अनुभव है। वह भारत में 2010 से लेकर 2013 तक अमेरिका मिशन के डिप्टी चीफ रह चुके हैं। डोनाल्ड दक्षिण और मध्य एशिया के मामलों पर विदेश विभाग में सबसे टॉप राजनयिक हैं। वह किर्गिस्तान और अल्बानिया के पूर्व राजदूत भी रह चुके हैं। डोनाल्ड ने भारत में दो अलग-अलग मौकों पर अमेरिकी दूतावास में अपनी सेवाएं भी दी हैं।
इमरान खान ने सरकार गिरने के लिए डोनाल्ड लू को दोषी ठहराया था
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी अपनी सरकार गिरने के लिए डोनाल्ड लू को दोषी ठहराया था। इमरान खान ने यह साफ तौर पर कहा था कि अमेरिकी डिप्लोमैट डोनाल्ड लू हमारी सरकार गिराने के षड्यंत्र में शामिल था। बाइडेन प्रशासन ने डोनाल्ड लू मध्य और दक्षिण एशियाई देशों अमेरिकी एजेंडा लागू करने का दायित्व सौंपा है।
भारत तरक्की की राह पर, अमेरिका और डीप स्टेट घबराया
राहुल गांधी की व्हाइट हाउस में अमेरिकी अधिकारियों की मुलाकात और इसे गुप्त रखने से यह बात साफ हो जाती है कि यह भारत में शासन परिवर्तन एजेंडा का एक हिस्सा है। इससे यह भी पता चलता है कि भाजपा सरकार भारत में सही काम कर रही है। हम तेजी से आगे बढ़े हैं और पश्चिम नहीं चाहता कि इस क्षेत्र में एक और युद्ध हो । मोदी सरकार ने वैक्सीन युद्ध जीत लिया है, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार रुपये में शुरू हो रहा है, रूस से थोक तेल खरीद, स्वतंत्र विदेश नीति, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में तेजी आ रही है। ऐसे में डीप स्टेट एजेंडा भारत में चल नहीं पा रहा है और उनकी दाल नहीं गल रही है। ऐसे में उन्हें कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी में उम्मीद दिखी जो भारत को नीचा दिखा सकते हैं। इसीलिए उन्हें मारन । उन्हें अमेरिका का समर्थन करने के लिए मजबूर करेंगे और भारत को हमेशा एक और चीन होने से नियंत्रित करेंगे।
राहुल गांधी ने अमेरिका में बोले कई सफेद झूठ, भारत को नीचा दिखाया
राहुल गांधी ने अमेरिका में भारत को नीचा दिखाने वाले कई ऐसे बयान दिए जो विवादस्पद रहे। डीआरडीओ की खुफिया जानकारी को विदेशी एजेंसियों के साथ साझा करने वाले पत्रकार विवेक रघुवंशी का अपरोक्ष समर्थन किया। इसी बहाने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष करार दिया। सनातन संस्कृति का अपमान किया। प्रवासी भारतीयों से कहा कि भारत वापस आएं और लोकतंत्र के साथ संविधान की रक्षा करें। प्रधानमंत्री मोदी का अपमान किया। मुसलमानों को खुश करने के लिए उनकी तुलना दलितों से की। राहुल ने कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा रोकने की कोशिश की गई। जबकि वह बेखौफ कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत विरोधी तत्वों से मिलते रहे। राहुल ने कहा कि भारत में राजनीति करना अब आसान नहीं है और एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है। यहां राहुल से पूछा जाना चाहिए कि अगर राजनीति करना आसान नहीं तो फिर वह हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक का चुनाव कैसे जीते? राहुल ने एक और सफेद झूठ बोला कि ‘मैं पहला ऐसा व्यक्ति, जिसे मानहानि मामले में इतनी बड़ी सजा मिली।’ जबकि उनसे पहले कई सांसदों के दोष सिद्ध होने पर संसद सदस्यता जा चुकी है। कुछ लोग भारत से इतनी नफरत करते हैं कि कुछ भी बोलते हैं, सारी दुनिया देखती है भारत को विश्व गुरु की तरह, पर कुछ लोग आंखों पर पट्टी बांध लेते हैं जिससे उन्हें कुछ नजर नहीं आताl
राहुल गांधी को भारत का जेलेंस्की बनाना चाहता था डीप स्टेट!
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल के समय में चीन का जिक्र बार-बार किया था। चीन भारत में घुसपैठ कर रहा है। चीनी सैनिक भारतीय जवानों को पीट रहे हैं। चीन में काफी सद्भावना है। इस तरह के न जाने कितने ही बयान हैं। लेकिन ब्रिटेन के दौरे के दौरान उनके जुबान से वह बात भी निकल गई जिसका उन्हें सब्जबाग दिखाया गया था। उन्होंने कहा- जैसा रूस ने यूक्रेन में किया, वही भारत के खिलाफ दोहरा सकता है चीन। दरअसल पश्चिमी देशों के डीप स्टेट (दुनिया को अपने हिसाब से चलाने वाले) और अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस ने मई 2022 में राहुल गांधी के मेकओवर और प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने की पटकथा तैयार की थी। तब राहुल ब्रिटेन के दौरे पर थे। तभी यह तय हुआ था कि जिस तरह यूक्रेन में आंदोलन खड़ा कर जेलेंस्की को प्रधानमंत्री बनाया गया उसी तरह 2024 में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर राहुल की ताजपोशी करवाई जाएगी। अब इसी कड़ी में राहुल गांधी ने अमेरिका में गुप्त बैठक की है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रधान मंत्री मोदी को दिल में बसा चुकी जनता इन तिकड़मों का किस तरह जवाब देती है।