वर्षा से उत्तराखंड में भी छह की मौत, चारधाम यात्रा अटकी,रेड अलर्ट दो दिन और
Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से छह व्यक्तियों की मौत, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री से ली जानकारी
उत्तराखंड में मौसम विभाग ने आज और एक दिन के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश की चेतावनी के दृष्टिगत चारधाम यात्रा रोक दी गई है। श्रद्धालुओं को अगले आदेश तक विभिन्न पड़ावों पर ठहरने को कहा गया हैै।
देहरादून 18 अक्तूबर। उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश के कारण छह व्यक्तियों की मौत हो गई। सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि राज्य में 20 स्थानों पर भारी वर्षा हुई है। इस दौरान पौड़ी जिले की की लैंसडौन तहसील के अंतर्गत एक मकान की छत गिरने से तीन व्यक्तियों की मौत हुई है, जबकि दो घायल हैं। वहीं, तीन मौतें कुमाऊं में हुई हैं।
मलबे में दबकर एक बच्ची समेत तीन की मौत
पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल प्रखंड में भारी बरसात के चलते गिरे मलबे में दबने से दो नेपाली महिला मजूदरों समेत एक बच्ची की मौके पर मौत हो गई है, जबकि अन्य दो घायल हुए है। प्रखंड के लैंसडौन-गुमखाल मोटर मार्ग में ग्राम समखाल के निकट भारी बरसात के चलते पहाड़ी से मलबा गिरने लगा। घटना स्थल के निकट ही काम कर रहे मजदूर सड़क से सौ मीटर नीचे झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। मलबा झोपड़ी के ऊपर गिरने के कारण झोपड़ी में रहने वाली समूना(50वर्ष,पत्नी नियाज हाल निवासी समखाल), सपना(40वर्ष पत्नी लिंगडा) और अलीसा(चार साल, पुत्री सपना ) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, नियाज( पुत्र मुमताज,55 वर्ष, हाल निवासी समखाल )और सविया(16 वर्ष, पुत्री नियाज) घायल हुए है।
सूचना पर लैंसडौन से कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर और राजस्व निरीक्षक वंदना टम्टा मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गए। घायलों को उपचार के लिए 108 आपातकालीन सेवा से प्राथमिक स्वास्थ केंद्र जयहरीखाल में भर्ती करवाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को कोटद्वार के लिए रेफर कर दिया गया। कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर ने बताया की सभी मजदूर समखाल में निर्माणाधीन एक होटल में कार्य कर रहे थे। सोमवार को बरसात तेज होने की वजह से मजदूर अपनी झोपड़ी में ही थे। भारी बरसात के चलते गिरे मलबे से मजदूर तो बाहर निकलने में कामयाब रहे, लेकिन महिला और मासूम की अंदर ही मलबे में दबने के कारण मौत हो गई।
चंपावत:घर में मलबा घुसने से मां-बेटे की दर्दनाक मौत,20 मीटर ऊंचाई से हुआ था भू-स्खलन
भू-स्खलन से चम्पावत के सेलाखोला गांव में एक मकान और कच्ची रसोई में बड़ी मात्रा में मलबा घुसा गया। हादसे में मां और बेटे की मौत हो गई। पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। मकान के पीछे करीब 20 मीटर ऊंचाई से भारी मात्रा में गिरे मलबे के कारण ये हादसा हुआ। एसडीआरएफ, पुलिस, एसएसबी और ग्रिफ के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों शवों को बाहर निकाला।
कोतवाल शांति कुमार ने बताया कि सोमवार को भारी बारिश की वजह से दोपहर साढ़े 11-12 बजे के बीच सेलाखोला गांव में एक मकान और उससे लगी कच्ची रसोई में बड़ी मात्रा में ऊपर पहाड़ी से मलबा और पत्थर घुस गए। घटना की जानकारी भाजपा नगर अध्यक्ष कैलाश अधिकारी, विनोद और मोहन चंद्र ने प्रशासन को दी।
कोतवाल ने बताया कि हादसे में कलावती देवी (48) पत्नी आनंद सिंह मौनी और राहुल सिंह मौनी (17) पुत्र आनंद सिंह मौनी की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि कड़ी मशक्कत के बाद कलावती देवी का शव कच्ची रसोई से और राहुल का शव मकान के अंदर से बरामद किया गया। कोतवाल ने बताया कि करीब 20 मीटर ऊंचाई से बड़ी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरने से मकान की दीवारें क्षतिग्रस्त हो गई।
जबकि कच्ची रसोई पूरी तरह से नेस्तानाबूत हो गई। मकान के अंदर करीब डेढ़ मीटर ऊंचाई तक मलबा जमा हो गया। इससे घर के अंदर रखा पूरा सामान नष्ट हो गया। आनंद सिंह मौनी मजदूरी कर के परिवार का भरण पोषण करते हैं। घटना के वक्त आनंद दूध बेचने बाजार गए हुए थे।
ग्राम दरऊ में घर का लेंटर गिरा, तीन घायल
मूूूूसलाधार बारिश के चलते ग्राम दरऊ में एक घर का लेंटर (पक्की छत) भरभरा कर गिर गया। जिससे एक ही परिवार के तीन लोग दब गये। घटना के बाद वहां चीख पुकार मच गई। आस पड़ोसियों ने घटना की सूचना 112 को दी। सूचना मिलते ही 108 एम्बूलेंस एवं तहसीलदार मौके पर पहुंच गए। तीनों घायलों को सीएचसी लाया गया। यहां सभी का उपचार किया जा रहा है।
ग्राम दरऊ निवासी ढ़ाकन लाल (80 वर्ष)छोटे किसान है। सोमवार सांय वह अपनी पत्नी मोहन देई एवं पुत्र छेदालाल के साथ घर के बरामदे में आराम कर रहे थे। इसी दौरान तेज बारिश के चलते उनके बरामदे का लेंटर भरभरा कर गिर गया। गनीतम रही कि बरामदे के एक हिस्से में भूसा का ढ़ेर रखा था, जिसके रोकने के लिए बल्लियां लगी थी।
लेंटर गिरने का अधिकांश वेग बल्लियों ने रोक लिया जिससें एक बड़ी घटना होने से बच गयी। इस घटना में तीनों परिवारजन घायल हो गये। घटना के बाद मौहल्ले में चीख पुकार मच गई। आस पड़ोसियों ने घटना की सूचना 112 नंबर पर दी। जिसके बाद 108 एम्बूलेंस एवं तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी मौके पर रवाना हो गये। तीनों घायलों को सीएचसी लाया गया। यहां तीनों का उपचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने हालातों की ली जानकारी
मुख्यमंत्री धामी ने सचिवालय स्थित राज्य आपदा कन्ट्रोल रूम से प्रदेश में हो रही वर्षा की जानकारी ली। उन्होंने राष्ट्रीय राजमर्गों और अन्य सम्पर्क मार्गों की जानकारी भी ली। जिलाधिकारी पौड़ी एवं जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग से मुख्यमंत्री ने फोन से वार्ता कर ताजा अपडेट लिया। जिलाधिकारी पौड़ी द्वारा जानकारी दी गई कि तहसील लैंसडौन के में मलबे में दबने से तीन की मौत हो गई, जबकि दो घायल हो गये थे। घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने जानकारी दी कि केदारनाथ में कल तक छह हजार श्रद्धालु थे। इसमें से चार हजार वापस आ गए हैं। शेष दो हजार सुरक्षित स्थानों पर है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि बारिश के कारण यदि कोई राजमार्ग बाधित होता है, तो उनमें आवगमन जल्द सुचाररू करने के लिए पूरी व्यवस्था हो। जिन क्षेत्रों में अधिक वर्षा हो रही हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जाय। मुख्यमंत्री सुबह से सभी जिलाधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरूगेशन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल, जितेन्द्र सोनकर, डाक्टर आनंद श्रीवास्तव उपस्थित थे।
मानसून की विदाई के बावजूद उत्तराखंड में मौसम दो दिन संवेदनशील हो सकता है। मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार के लिए प्रदेश में रेड अलर्ट जारी किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर राज्य में भारी बारिश से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों के विषय में जानकारी ली एवं केंद्र सरकार से ज्यादा को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
चेतावनी के दृष्टिगत फिलहाल चार धाम यात्रा रोक दी गई है। सावधानी को श्रद्धालुओं को अगले आदेश तक विभिन्न पड़ावों पर ही ठहरने को कहा गया है। साथ ही, सभी 13 जिलों में सोमवार को 12वीं तक के स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव डॉक्टर एसएस संधू से हालात से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री से वार्ता के बाद शासन ने राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस, आपदा प्रबंधन से जुड़े महकमों को हाई अलर्ट पर रखा है। अफसरों को जिला मुख्यालय न छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, गंगोत्री व यमुनोत्री की पहाड़ियों सहित नेलांग घाटी में बर्फबारी हो रही है ।
उत्तराखंड में मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार रुक रुककर बारिश हो रही है। देहरादून, टिहरी, चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, ऋषिकेश, कोटद्वार, मसूरी में रात्रि से बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अलर्ट के चलते तीर्थयात्रियों को विभिन्न पड़ावों पर रोका गया है। बदरीनाथ हाईवे सुचारु है। उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग चिन्यालीसौड के निकट नगुण में भूस्खलन होने से बाधित हो गया था, जिसे सुचारु कर दिया गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग खरादी और किसाला के पास अवरुद्ध हो गया है।
हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा से नीचे बह रही
हरिद्वार और आसपास क्षेत्रों में भी लगातार बारिश जारी है। गंगा चेतावनी स्तर से करीब 3 मीटर नीचे बह रही है। चेतावनी स्तर 293 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 294 मीटर है। मौसम विभाग की चेतावनी के दृष्टिगत आपदा की स्थिति से निबटने के लिए एनडीआरएफ की 31 सदस्यीय टीम मय उपकरण हरिद्वार पहुंच चुकी है। टीम पुलिस लाइन रोशनाबाद में है। रुड़की और आसपास के क्षेत्र में भी हल्की बारिश हो रही है।
देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अरब सागर से उठे पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम में यह बदलाव आ रहा है। उन्होंने बताया कि इसका असर पूरे प्रदेश में देखने को मिलेगा। मैदानी क्षेत्रों में 70-80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चल सकती है। इसके अलावा ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात की संभावना है। इस बीच प्रदेश में पहाड़ से लेकर मैदान तक घने बादल छाए रहे और कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हुई। इसके अलावा बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में बूंदाबांदी के साथ ही चोटियों पर हिमपात की सूचना है।
रविवार को 18 हजार श्रद्धालु केदारनाथ और 10 हजार बदरीनाथ पहुंचे
बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री पहुंच रहे हैं। विशेषकर केदारनाथ में यात्रियों का तांता लगा है। शनिवार को करीब 16 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए, वहीं रविवार को यह संख्या लगभग 18 हजार रही। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि दर्शनों के बाद श्रद्धालुओं को वापस भेजा जा रहा है। पैदल मार्ग पर एसडीआरएफ और पुलिस की टीम तैनात है। उन्होंने बताया कि फिलहाल केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग, गुप्तकाशी और फाटा में रोका गया है।
वहीं, चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि रविवार को करीब दस हजार यात्री बदरीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने बताया कि धाम में 15 हजार से अधिक यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है। वहीं धाम जाने वाले यात्रियों को जोशीमठ और पांडुकेश्वर में रोका जा रहा है। दूसरी ओर उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि रविवार को 479 यात्रियों ने गंगोत्री और 839 ने यमुनोत्री धाम में दर्शन किए। यमुनोत्री धाम से सभी यात्री बड़कोट पहुंच गए हैं, वहीं गंगोत्री से भी ज्यादातर श्रद्धालु हर्षिल लौट आए। वहीं, हरिद्वार जिले में उत्तर प्रदेश से सटी सीमाओं और ऋषिकेश में बस, टैक्सी स्टैंड के साथ ही रेलवे स्टेशन पर भी एनाउंसमेंट किया जा रहा है। तटीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
बारिश पर आस्था भारी: केदारनाथ में चार हजार से अधिक तीर्थयात्री मौजूद, सैकड़ों को दर्शन कर लौटाया
केदारनाथ में तीर्थयात्री
बारिश पर तीर्थयात्रियों की आस्था भारी पड़ रही है। केदारनाथ धाम में चार हजार से अधिक यात्री मौजूद हैं। सैकड़ों यात्री बाबा के दर्शन कर गौरीकुंड, सोनप्रयाग लौट आए हैं। वहीं, बरसात के कारण यात्रा रुकने से बीते रविवार से यात्री निचले स्थानों पर रुके हुए हैं। प्रशासन उनके लिए भोजन की उचित व्यवस्था करवा रहा है।
जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए यात्रियों को सुरक्षा की दृष्टि से केदारनाथ नहीं भेजा जा रहा है। धाम में भी पुलिस व प्रशासनिक टीम को सतर्क रहने को कहा गया है। साथ ही पैदल मार्ग से लेकर पड़ावों व केदारघाटी के बाजारों में भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुख्ता इंतजाम को लेकर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
यात्रियों की सुरक्षा में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए यात्रा से जुड़े विभागीय अधिकारियों व एसडीएम को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। वह स्वयं यात्रा कंट्रोल रूम से मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
केदारनाथ में तीर्थयात्री
लगातार हो रही बारिश से रुद्रप्रयाग से केदारनाथ तक तापमान में गिरावट से ठंड बढ़ गई है। दोपहर बाद से ऊपरी इलाकों में कोहरा छाया हुआ है। अधिकतम तापमान 10 डिग्री व न्यूनतम 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, रुद्रप्रयाग में अधिकतम 26 डिग्री व न्यूनतम 18 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
केदारनाथ में तीर्थयात्री
उधर, केदारनाथ यात्रा के अंतिम बस्ती पड़ाव गौरीकुंड में अव्यवस्थाओं का अंबार है। इस कारण श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कस्बे में शाम ढलते ही जहां बिजली गुल हो रही है। वहीं, सीमित वाहनों के कारण बाबा केदार के दर्शन कर लौट रहे यात्रियों को सोनप्रयाग जाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
केदारनाथ जाने के लिए गौरीकुंड में तीर्थयात्री
आपदा के बाद से प्रशासन की ओर से वर्ष 2014 से सोनप्रयाग से यात्रा का संचालन किया जा रहा है। यात्राकाल में आठ वर्षों से सोनप्रयाग से गौरीकुंड के लिए शटल सेवा (टैक्सी-मैक्सी) संचालित की जा रही है लेकल इस बार, सीमित वाहनों के कारण यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है।
केदारनाथ में तीर्थयात्री
केदारनाथ से लौट रहे यात्रियों को गौरीकुंड से सोनप्रयाग जाने के लिए वाहनों का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। व्यापार संघ के अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने बताया कि ऊर्जा निगम के अधिकारियों के साथ ही उप जिलाधिकारी को कई बार फोन से स्थिति से अवगत करा दिया गया है।
केदारनाथ में तीर्थयात्री
बावजूद इसके कार्रवाई नहीं हो रही है। यात्रा संचालन के नाम पर गौरीकुंड के प्रति शासन, प्रशासन व विभाग उपेक्षित रवैया अपनाए हुए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से गौरीकुंड में व्याप्त अव्यवस्थाओं के निस्तारण की मांग की है।
19 अक्टूबर तक पर्वतारोहण पर पाबंदी
मौसम विभाग के अलर्ट के बाद नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क व अन्य वन प्रभागों में ट्रैकिंग व पर्वतारोहण पर पाबंदी लगा दी गई है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के निदेशक अमित कंवर ने बताया कि दोनों दिन भारी बारिश के साथ ही, हिमपात, आकाशीय बिजली गिरने और तेज हवा चल सकती हैं।