भगदड़: ममता के तीसरे कैबिनेट मंत्री राजीव बनर्जी का भी इस्तीफा
चुनाव के पहले मुश्किल में TMC:अब ममता के वन मंत्री राजीब बनर्जी का इस्तीफा, 17 दिन में ऐसा करने वाले दूसरे मंत्री
कोलकाता 21 जनवरी। पश्चिम बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शुक्रवार यानी 22 जनवरी को राज्य के वन मंत्री राजीब बनर्जी ने भी पद से इस्तीफा दे दिया। इससे 17 दिन पहले यानी पांच जनवरी को खेल मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला ने इस्तीफा दे दिया था।
राजीब बनर्जी ने ममता को लिखी चिट्ठी में कैबिनेट से इस्तीफे की कोई वजह नहीं बताई है। सिर्फ इतना लिखा है कि मुझे पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करने का सौभाग्य मिला। मुझे मौका मिला, इसके लिए मैं बहुत आभारी हूं।’ राजीब बनर्जी दोमजुर से विधायक है। उन्होंने इस्तीफे की एक कॉपी गवर्नर जगदीप धनखड़ को भी भेज दी है।
एक महीने में कितने मंत्रियों ने पद छोड़ा?
बीते एक महीने में तीन मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। दिसंबर में ममता के खास रहे शुभेंदु अधिकारी ने मंत्री पद छोड़ा था। पांच जनवरी को लक्ष्मी रतन शुक्ला ने खेल और युवा मामलों के मंत्री और 22 जनवरी को वन मंत्री राजीब बनर्जी ने रिजाइन कर दिया। यानी अब तक तीन मंत्री कैबिनेट से जा चुके हैं।
20 जनवरी को MLA अरिंदम भट्टाचार्य भाजपा में शामिल हो गए। अरिंदम नादिया के शांतिपुर से विधायक हैं।
जिन मंत्रियों ने पद छोड़ा, उनकी स्थिति?
19 दिसंबर को शुभेंदु अधिकारी, अमित शाह की मौजूदगी की भाजपा में शामिल हो गए। लक्ष्मी रतन शुक्ला और राजीब ने फिलहाल TMC नहीं छोड़ी है। शुक्ला के इस्तीफे के बाद ममता ने कहा था कि इस्तीफा कोई भी दे सकता है, इसे निगेटिव नहीं लेना चाहिए।
दिसंबर में 10 विधायक भी भाजपा के पाले में आए थे
19 दिसंबर को शुभेंदु के साथ ही सांसद सुनील मंडल, पूर्व सांसद दशरथ तिर्की और 10 विधायकों ने भी भाजपा ज्वॉइन की थी। इनमें 5 विधायक तृणमूल के ही थे।
30 मई को खत्म हो रहा सरकार का टेन्योर
ममता बनर्जी सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म हो रहा है। लिहाजा अप्रैल-मई में ही विधानसभा की 294 सीटों के लिए चुनाव करा लिए जाएंगे।
ममता बनर्जी ने जगमोहन डालमिया की विधायक बेटी वैशाली को पार्टी से निकाला, जानिए कारण
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपनी ही पार्टी के विधायक वैशाली डालमिया को बाहर का रास्ता दिखा दिया। टीएमसी ने यह फैसला अनुशासनात्मक समिति की बैठक के बाद लिया है। आपको बता दें कि वैशाली डालमिया बीसीसीआई की पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी है। बेल्ली से विधायक डालमिया टीएमसी नेतृत्व के एक वर्ग के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपनी बात रख चुकी हैं।
साथ ही उन्होंने दावा किया था कि पार्टी में ईमानदार लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। टीएमसी ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को उसकी अनुशासन समिति की बैठक हुई, जिसमें डालमिया को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया। इससे कुछ ही घंटे पहले टीएमसी के ही वरिष्ठ नेता राजीव बनर्जी ने ममता बनर्जी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। डालमिया ने बनर्जी के इस्तीफे के लिए भी पार्टी नेतृत्व की आलोचना की थी।
शुक्रवार को बनर्जी के पार्टी से जाने के बाद डालमिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कई नए विधायकों को हावड़ा जिला इकाई के अध्यक्ष और मंत्री अरूप रॉय की ओर से स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति नहीं दी गई थी। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि रॉय ने उन्हें अपनी परियोजनाओं का उद्घाटन तक नहीं करने दिया।
वहीं, टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी ने डालमिया को निष्कासित करके सही काम किया। पार्टी के खिलाफ बयान देने वाले लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने 2016 के चुनावों में डालमिया को मैदान में उतारा क्योंकि वह विकास परियोजनाओं में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को शामिल करना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो बिना शिकायत किए काम कर रहे हैं।
ममता बनर्जी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी नेताओं के एक धड़े के खिलाफ आवाज उठाने पर उनके खिलाफ हो रहे व्यक्तिगत हमलों से बेहद आहत हो कर उन्होंने राज्य के वन मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है। बनर्जी ने हालांकि आने वाले दिनों में पार्टी छोड़ने की योजना के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया।
उन्होंने राज भवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुझे कुछ शिकायतें थीं और मैंने पार्टी नेतृत्व को उस बारे में बता दिया था। पार्टी प्रमुख के साथ मेरी बात भी हुई थी,लेकिन कुछ नहीं हुआ। बल्कि नेताओं के एक धड़े ने मुझ पर व्यक्तिगत हमले किए।