बंदियों की रिहाई बाद होगी सरकार से बात: राकेश टिकैत

 

Farmers Protest: हमारे जो लोग जेल में बंद हैं वो रिहा हो जाएं फिर बातचीत होगी- राकेश टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार और हमारे बीच प्रधानमंत्री कड़ी बने हैं और उन्होंने पहल की है. देश के प्रधानमंत्री का भी सम्मान रहेगा और किसानों की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा. सरकार के साथ हमारी लड़ाई विचारधारा की है, इसे लाठी और डंडे से नहीं लड़ा जा सकता.
नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारे जो लोग जेल में बंद हैं वो रिहा हो जाएं फिर बातचीत होगी. प्रधानमंत्री ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं. किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और देश के प्रधानमंत्री का भी सम्मान रहेगा.

शनिवार को राकेश टिकैत ने कहा कि केन्द्र सरकार से कहा कि वह खुद किसानों को बताये कि वह कृषि कानूनों को वापस क्यों नहीं लेना चाहती और हम वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगें

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के साथ हमारी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी/डंडों, बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है. किसान तभी घर लौटेंगे जब नये कानून वापस ले लिए जाएंगे.’’

नरेश टिकैत बोले- 26 जनवरी हिंसा की जांच हो

उधर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि सरकार को हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के लिए मंच तैयार करना चाहिए. हमें उम्मीद है कि बीच का कोई रास्ता निकलेगा. हम किसी को तिरंगे का अपमान नहीं करने देंगे, इसे हमेशा ऊंचा रखेंगे. 26 जनवरी को हुई हिंसा षड्यंत्र का परिणाम थी, इसकी समग्र जांच होनी चाहिए. हम नहीं चाहते कि सरकार या संसद हमारे आगे झुके, लेकिन वह किसानों के आत्म-सम्मान की भी रक्षा करे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कहा, हम उसका सम्मान करते हैं, उनकी गरिमा की रक्षा की जाएगी.

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