राम मिलाई जोड़ी: ज़ुबैर के साथी प्रतीक, निर्झरी सिन्हा भी कुख्यात बदमाशीभरे झूठ फैलाने में

 

सऊदी अरब रिटर्न है मोहम्मद जुबैर, ‘हनीमून-हनुमान’ वाला ट्वीट प्लान का हिस्सा: दिल्ली की कोर्ट को बताया, UP में दर्ज FIR रद्द कराने सुप्रीम कोर्ट पहुँचा AltNews का को-फाउंडर

मोहम्मद जुबैर (फाइल फोटो)

हिंदुओं की धार्मिक भावनायें आहत करने वाले AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) की अतीत को लेकर सोशल मीडिया में अक्सर सवाल उठते रहे हैं। अब यह बात सामने आई है कि वर्षों तक सऊदी अरब (Saudi Arab) में रहा है।

यह आरोप अभियोजन पक्ष के वकील अतुल श्रीवास्तव ने कोर्ट में लगाया है। वकील का कहना है कि उसके टेलीफोन नंबर से पता चलता है कि वह वर्षों तक सऊदी अरब रहा है। हनीमून-हनुमान वाला ट्वीट प्लान का हिस्सा है। जुबैर को पाकिस्तान, सऊदी अरब, सीरिया जैसे देशों से चंदा मिल रहा है।

जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने किसी भी विदेशी चंदे से इनकार करते हुए कहा कि ना ही व्यक्तिगत रूप से मोहम्मद जुबैर ने और ना ही प्रवदा मीडिया ने विदेश से चंदा लिया है। उन्होंने सिर्फ भारतीय दानदाताओं से चंदा लिया है और वह भी भारतीय बैंक के खाते में।

आफिस आफ द रजिस्ट्रार आफ कंपनीज का आल्ट न्यूज की मालिक प्रवदा मीडिया को जारी नोटिस

इस पर अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा, जुबैर ने बहुत ही चतुराई से ‘गुमनाम’ कई चंदे लिए। कोई दे रहा है और इसे लिया जा रहा है। जुबैर ने FCRA का उल्लंघन कर 56,00,000 रुपए लिए। चंदे लेते समय कई तरह की फॉरजरी हुई है।

अर्णव गोस्वामी केस का उदाहरण देते हुए वृंदा ग्रोवर ने कहा, “मैं (जुबैर) पत्रकार और फैक्ट चेकर हूँ। मेरी कही बातें अप्रसन्नताजनक हो सकती हैं। मेरी व्यक्तिगत स्वतंत्रता कम करना मेरे अधिकार का उल्लंघन होगा।

मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने पाया था कि मोहम्मद जुबैर के खिलाफ जाँच अभी शुरुआती चरण में है जिसमें गंभीर आरोप हैं। इस मामले में जुबैर की जमानत की याचिका पर अगली सुनवाई शुक्रवार (15 जुलाई 2022) को ही है।

उधर, जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका देकर उत्तर प्रदेश पुलिस  की 6 FIR रद्द करने की माँग की है। याचिका में सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और हाथरस की दो FIR का जिक्र है। याचिका में यह भी है कि दिल्ली से बाहर की सी FIR दिल्ली वाली FIR के साथ क्लब कर दी जाए।

इसके साथ ही याचिका में इन सभी मामलों में सुप्रीम कोर्ट से जमानत माँगी गई है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में मामलों की जाँच को यूपी सरकार के SIT गठन को भी चुनौती दी गई है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी के बेंच ने ज़ुबैर को यूपी के सीतापुर मामले में कुछ निश्चित शर्तों के साथ पाँच दिन की अंतरिम बेल दी थी।

सुप्रीम कोर्ट आदेश में था कि इस दौरान ज़ुबैर ट्वीट नहीं करेगा। इसके साथ ही दिल्ली छोड़कर कहीं नहीं जाएगा। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट से पाँच दिन की अंतरिम जमानत के बाद भी वह अन्य मामलों में पुलिस हिरासत में है।

बेटा ही नहीं, माँ भी फेक न्यूज मास्टरनी: AltNews के प्रतीक सिन्हा जैसी ही ‘कुख्यात’ हैं डायरेक्टर अम्मी निर्झरी सिन्हा


निर्झरी सिन्हा के साथ उनका बेटा प्रतीक सिन्हा (फोटो साभार: Ahmedabad Mirror)

वैसे तो ऑल्ट न्यूज (Alt News) फैक्टचेक करने का दावा करती है। लेकिन फेक न्यूज फैलाने में वह किस कदर माहिर है, यह अब जगजाहिर है। इस संस्थान से जुड़े लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने और हिंदू घृणा फैलाने का कोई अवसर जाया नहीं करते। इन्हीं कारणों से इस वेबसाइट का सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर फिलहाल जेल में बंद है। एक कहावत है कि ‘राम मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी’ । ज़ुबैर के बाकी साथी भी नाम से तो हिंदू हैं लेकिन हिंदुओं के प्रति घृणा फैलाने में वे भी किसी से कम नहीं हैं। उदाहरण को एक अन्य संस्थापक प्रतीक सिन्हा भी पुराना फेक न्यूज पैडलर है। प्रतीक सिन्हा की माँ निर्झरी सिन्हा जो ऑल्ट न्यूज की डायरेक्टर हैं, वह भी सोशल मीडिया पर बेटे की तरह कारनामों के लिए ही कुख्यात हैं। और तो और इसके वकील पिता मुकुल सिन्हा भी अपनी पार्टी जन संघर्ष मोर्चा से इनका सहयोग करते हैं।

बेटे जैसी ही ‘कुख्यात’ निर्झरी सिन्हा भी

निर्झरी सिन्हा (Nirjhari Sinha) का फर्जी खबरें फैलाने और बेबुनियाद दावे करने का लंबा और घिनौना इतिहास रहा है। हाल ही में @Gujju_Er ट्विटर हैंडल ने निर्झरी सिन्हा के ऐसे कुछ कारनामों को सोशल मीडिया में शेयर किया है। सिन्हा को 2016 में गुजरात टूरिज्म एड का मजाक उड़ाने के लिए 2004 की एक तस्वीर साझा करते हुए पकड़ा गया था। इसी तरह एक तस्वीर ऐसे पेश की जैसे भगवान कृष्ण ईद मना रहे हों।

 

एक बार उन्होंने दक्षिणी दिल्ली में कानूनी फर्म टीएंडटी पर छापे का वीडियो यह बताते हुए शेयर किया कि चेन्नई में तमिलनाडु के मुख्य सचिव के आवास पर छापे पड़े हैं। गायक झवेरचंद मेघनानी की 125 वीं जयंती के अवसर पर गुजरात सरकार ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। सिन्हा ने इसके निमंत्रण कार्ड का कवर पेज साझा करते हुए दावा किया कि इसमें मेघनानी की ही तस्वीर नहीं है। जबकि हकीकत में कार्ड में गायक की 13 तस्वीरें थी।

 

निर्झरी सिन्हा ने भाजपा नेताओं के खिलाफ भी फर्जी खबरें फैलाती रहती हैं। एक बार दावा किया कि भाजपा नेता नक्सलियों को हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराती है। एक बार फेक तस्वीर से यह बताने की कोशिश की कि आर्थिक अपराधों में लिप्त लोग देश से सुरक्षित भाग सके इसके लिए एयर इंडिया नया काउंटर खोल रही है।

2020 में चीन से कोरोना वायरस भारत में आने के बाद इन्होंने पीएम से अपनी असहमति जाहिर करते हुए एक गरीब परिवार की फोटो शेयर की थी, जो बिना छत के बैठे थे। सिन्हा ने इस फोटो पर पीएम के लिए लिखा था कि पीएम इन्हें क्या कहना चाहेंगे घर में रहें, बाहर न घूमें। उन्होंने जो तस्वीर शेयर की थी वह 2016 की थी। लेकिन अपनी नफरत का प्रदर्शन करने के लिए सारी समझ को किनारे रखते हुए कोरोना से लड़ाई के समय लॉकडाउन पर ही सवाल उठा दिया था।

निर्झरी वहीं महिला हैं, जिन्होंने अपने पति मुकुल सिन्हा के साथ 2002 में गुजरात दंगों के ‘पीड़ितों’ के लिए लड़ाई लड़ी और गोधरा कांड को एक्सीडेंट बताने का भरसक प्रयास किया।

ऑल्ट न्यूज का सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा

ऑल्ट न्यूज का सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा भी माँ (निर्झरी सिन्हा) की तरह फेक न्यूज फैलाने में माहिर है। दिसंबर 2020 में सोशल मीडिया यूजर @BefittingFacts ने ट्विटर पर AltNews के प्रतीक सिन्हा को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी और भ्रामक जानकारी देने पर बेनकाब किया था। बताया था कि हिंदुओं से नफरत करने वाले सिन्हा ने ‘फैक्ट चेक’ के रूप में गुजरात के ट्रुथ, इओपिनियन और ऑल्ट न्यूज जैसे संदिग्ध पोर्टल पीएम मोदी को गाली देने और बदनाम करने के लिए बनाया है।

2016 में नोटबंदी के बाद सिन्हा ने वित्तीय संस्थानों में लंबी कतारों में खड़े लोगों की तस्वीरें साझा करते हुए आरोप लगाया था कि मोदी सरकार के फैसले के कारण लोगों कई परेशानियां उठानी पड़ी। हालाँकि, सिन्हा ने अपनी बात कहने की जल्दबाजी में नोटबंदी से लगभग दो साल पहले 2014 की एक तस्वीर साझा कर दी। इसी तरह 2016 में गुजरात में गायों की दुर्दशा बताने के लिए 2004 की एक तस्वीर का उपयोग करते हुए उसे पकड़ा गया था।

गौरतलब है कि प्रतीक सिन्हा ऑल्ट न्यूज का सह-संस्थापक है। लेकिन उसकी पहचान स्टॉकर सिन्हा के तौर पर भी होती है। यदि उसे कोई पसंद न आए तो वह साइबर स्टॉकिंग और डॉक्सिंग से भी गुरेज नहीं करता।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *