राममंदिर निर्माण को दान में मिले रही चांदी की ईंटें बनी समस्या
Varanasi News: दान में मिली चांदी ने बढ़ाई टेंशन, मकर संक्रांति से शुरू होगा राम मंदिर का निर्माण
चंपत राय ने बताया कि मंदिर की नींव में लोहा और स्टील का प्रयोग नहीं होगा। पत्थर और कंक्रीट के साथ ही तांबे से मंदिर की नींव बनाई जाएगी। सीमेंट की आयु कैसे बढ़ाई जाए, इसपर पर एक्सपर्ट टीम लगातार काम कर रही है। निर्माण शुरू होने के 3 साल में मंदिर का स्वरूप भक्तों को दिखने लगेगा।
वाराणसी 02 जनवरी। मकर संक्रांति से अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। देश के जाने-माने संस्थानों के विशेषज्ञों और आर्किटेक्ट की टीम अगले 14 दिनों में राम मंदिर की फाइनल ड्राइंग तैयार कर लेगी। इसके बाद मकर संक्रांति से मंदिर के नींव के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा। वाराणसी आए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने इसकी जानकारी दी।
शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान चंपत राय ने बताया कि मंदिर की नींव में लोहा और स्टील का प्रयोग नहीं होगा। पत्थर और कंक्रीट के साथ ही तांबे से मंदिर की नींव बनाई जाएगी। सीमेंट की आयु कैसे बढ़ाई जाए, इसपर पर एक्सपर्ट टीम लगातार काम कर रही है। निर्माण शुरू होने के 3 साल में मंदिर का स्वरूप भक्तों को दिखने लगेगा। पत्थरों पर नक्काशी के काम ज्यादा होंगे, इसलिए ये कब तक फाइनल होगा कहा नहीं जा सकता है।
दान में मिली चांदी ने बढ़ाई टेंशन
अयोध्या में राम मंदिर के लिए ट्रस्ट देशभर में धन संग्रह का काम शुरू करने का रही है। इसके लिए बड़े पैमाने पर 10,100 और हजार रुपये के टिकट बनवाए गए है। लेकिन उसके पहले ही भक्त अयोध्या में बनने वाले राममंदिर के लिए दिल खोल कर दान दे रहे हैं। रुपये के साथ ही भक्त चांदी के ईंट भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दे रहे हैं जो अब ट्रस्ट के लिए मुसीबत बन गई है। चंपत राय ने भक्तों से चांदी दान न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि दान में मिले इन चांदी का कहां उपयोग होगा, इसका पता नहीं है। इसलिए उन्होंने भक्तों से चांदी के बजाय ट्रस्ट के खाते में रुपये दान करने की अपील की है।
अब तक 85 करोड़ मिला चंदा
मंदिर निर्माण के लिए भले ही विश्व हिंदू परिषद और साधु-संत देशभर में धन संग्रह के लिए अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। लेकिन अभियान से पहले ही भक्तों ने ऑनलाइन माध्यम से अब तक 80 से 85 करोड़ रुपये ट्रस्ट के खाते में जमा किए हैं। इनमें मुस्लिम समाज के लोग भी शामिल हैं।