’15 मिनट पुलिस हटा लो’…. वाले अकबरुद्दीन की दोष मुक्ति पर क्या कह रहे हैं लोग?
खुदा के कोर्ट में कैसे बचोगे ओवैसी साहब- अकबरुद्दीन ओवैसी भड़काऊ बयान मामले में हुए बरी तो लोग करने लगे ऐसे कमेंट
MP-MLA कोर्ट ने भड़काऊ बयान के दो मामले में अकबरुद्दीन ओवैसी को बरी कर दिया है।
नई दिल्ली 13 अप्रैल।
अकबरुद्दीन ओवैसी (सोर्स- @ANI)
AIMIM अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी को MP-MLA कोर्ट ने निर्मल और निजामाबाद जिले से जुड़े दो मामलों में बरी कर दिया है। पहले MP-MLA कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई थी, लेकिन मामले पर बुधवार तक टाल दिया गया था। बुद्धवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी को बरी कर दिया।
ट्विटर पर छोटे भाई अकबरुद्दीन के बरी होने की खबर को शेयर करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि “अल्हम्दुलिल्लाह, अकबरुद्दीन ओवैसी को MP-MLA विशेष अदालत ने उनके खिलाफ कथित भड़काऊ भाषणों के लिए दो आपराधिक मामलों में बरी कर दिया है। उनके लिए प्रार्थना और समर्थन के लिए आप सभी का आभारी हूं। वकील अब्दुल अजीम एसबी और वरिष्ठ वकीलों को विशेष रूप से धन्यवाद, जिन्होंने अपनी सहायता दी।”
सोशल मीडिया पर अब लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। तनवीर खान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आपकी और भाजपा की मिलीभगत की गहरी साजिश है देश के ताने-बाने को तोड़ना का, देश का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि जिसने खुलेआम हेट स्पीच दी आज वो बरी हो गया और बेगुनाहों के घर गिराए जा रहे हैं बैरिस्टर साहब।’ प्रखर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘खुदा की अदालत में कैसे बचोगे ओवैसी साहब’
महिपाल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप तो कोर्ट का फैसला मानते नहीं! आपने तो सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर के फैसला को भी गलत कहा था, फिर इस फैसले पर इतना ढिंढोरा क्यों?’ सत्येंद्र सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कोर्ट कुछ भी करे लेकिन हेट स्पीच तो दिया है, यह सब जानते हैं। हम भी तुम्हारे तरह ही इस निर्णय को सही नहीं मानते हैं।’
Alhamdulilah Akbaruddin Owaisi has been acquitted by MP/MLA Special Court in two criminal cases against him for alleged hate speeches. Grateful to all for their prayers & support. Special thanks to Advocate Abdul Azeem sb & senior lawyers who provided their valuable assistance
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 13, 2022
ट्रिपल एस नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जैसे सलमान खान ने हिरन को नहीं मारा था, उसी प्रकार ‘हम 25, तुम 100 करोड़, 15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो….’ हेट स्पीच नहीं है।’ मनीष तिवारी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कयामत के दिन तो जबाब देना पड़ेगा। उस दिन ये जज नहीं आएंगे फैसला देने। तब वो भी किसी लाइन में खड़े होकर माफी मांग रहे होंगे।’
निर्मल सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्या उस पर लगा आरोप गलत था? उम्मीद है ईमानदारी से जवाब देंगे।’ नवीन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कानून अपना काम करता है। नौ साल लगे, न्याय में देरी हुई लेकिन न्याय मिला। प्रत्येक फैसले में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी निर्दोष को दोषी न ठहराया जाए – चाहे कोई भी दबाव हो।’
‘हम 25 करोड़, तुम 100 करोड़, 15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो…’, भड़काऊ भाषण केस में अकबरुद्दीन ओवैसी बरी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर कोर्ट का फैसला आ गया है। भड़काऊ बयान मामले में अकबरुद्दीन ओवैसी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अकबरुद्दीन ओवैसी को बरी कर दिया गया है। भड़काऊ बयान मामले में हैदराबाद के नामपल्ली स्थित विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। बता दें कि साल 2012 में अकबरुद्दीन ओवैसी ने भड़काऊ बयान दिया था। ओवैसी ने कहा था कि देश से 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो तो पता चल जाएगा कौन ताकतवर है इसके बाद भी कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
पढ़ें, अकबरुद्दीन ओवैसी का पूरा बयान-
अकबरुद्दीन ने अपने बयान में कहा था, ”लोग मुसलमान को डरा रहे हैं। मोदी है.. मोदी है… काहे का मोदी.. एक बार हैदराबाद आ जाओ बता देंगे। तसलीमा नसरीन आई कहां है किसी को नहीं मालूम। हिंदुस्तान हम 25 करोड़ हैं.. तुम 100 करोड़ है न.. ठीक है तुम तो हमसे इतने ज्यादा हो… 15 मिनट पुलिस को हटा लो हम बता देंगे कि किसमें कितना दम है। एक हजार क्या? एक लाख क्या एक करोड़ नामर्द मिलकर भी कोशिश कर लें तो भी एक को पैदा नहीं कर सकते। और ये लोग हमसे मुकाबला नहीं कर सकते। जब मुसलमान भारी पड़ा तो यह नामर्दों की फौज आ जाती है।”
वहीं, अब कोर्ट ने ओवैसी को बेनिफिट ऑफ डाउट दिया यानी संदेह के आधार पर बरी कर दिया गया। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सबूतों के अभाव में अकबरुद्दीन को बरी किया जाता है। कोर्ट ने कहा कि अकबरुद्दीन का भाषण टुकड़े-टुकड़े में दिखाया गया, उनकी स्पीच पूरी नहीं थी।
ओवैसी के खिलाफ ये मामले करीब एक दशक पहले दर्ज किए गए थे। विधायकों व सांसदों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष सत्र अदालत ने यह फैसला सुनाया। तेलंगाना विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी फैसला सुनाए जाने के समय अदालत में मौजूद थे। एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन पर ‘नफरत भरे भाषण’ देने को लेकर भारतीय दंड संहिता
विधायकों व सांसदों के खिलाफ मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष सत्र अदालत ने यह फैसला सुनाया। तेलंगाना विधानसभा में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी फैसला सुनाए जाने के समय अदालत में मौजूद थे।
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन पर ‘नफरत भरे भाषण’ देने को लेकर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए गए थे।
ओवैसी पर एक समुदाय के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप था। उन्होंने आठ दिसंबर 2012 को तेलंगाना के निजामाबाद और 22 दिसंबर 2012 को निर्मल टाउन में अपने सार्वजनिक भाषणों के दौरान कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
इसके बाद ओवैसी को गिरफ्तार कर लिया गया था और फिर जमानत पर रिहा किया गया था। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने निजामाबाद मामले की जांच की थी और 2016 में आरोप पत्र दायर किया था। वहीं, निर्मल टाउन मामले की जांच जिला पुलिस ने की थी और उसी वर्ष आरोप पत्र दाखिल किया था।
निजामाबाद मामले में कुल 41 गवाहों, जबकि निर्मल टाउन मामले में 33 लोगों से पूछताछ की गई थी।
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने निजामाबाद मामले की जांच करके वर्ष 2016 में आरोपपत्र दाखिल किया था। वह 40 दिनों तक जेल में रहे थे।
हेड स्पीच मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी को कोर्ट में बड़ी राहत दी है। जिन मामलों में उनके खिलाफ ऐक्शन होने की चर्चा हो रही थी, कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। मामला हैदराबाद की विशेष अदालत ने चल रहा था। मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली थी और बुधवार को फैसला सुनाने की तारीख तय की थी।
दो मामले हुए थे दर्ज
एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। उन पर सार्वजनिक भाषण के दौरान एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक और भड़काने वाली भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था।
40 दिनों तक जेल में रहे
अकबरुद्द्दीन ने कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण निजामाबाद में आठ दिसंबर, 2012 को और निर्मल कस्बे में 22 दिसंबर, 2012 को भाषण दिया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। वह 40 दिनों तक जेल में रहे थे, उसके बाद उन्हें जमानत पर जेल से रिहा किया गया था।
2016 में दायर हुई थी चार्जशीट
अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने निजामाबाद मामले की जांच करके वर्ष 2016 में आरोपपत्र दाखिल किया। इसी तरह निर्मल मामले में भी जिला अदालत ने वर्ष 2016 में आरोपपत्र दाखिल किया था। अपराध जांच विभाग ने 41 गवाहों से पूछताछ की थी। इसी तरह निर्मल पुलिस के दर्ज मामले में 33 गवाहों से पूछताछ की गई थी।
अकबरुद्दीन पर यह बयान देने का था आरोप
‘लोग मुसलमान को डरा रहे हैं। मोदी है.. मोदी है… काहे का मोदी.. एक बार हैदराबाद आ जाओ बता देंगे। तसलीमा नसरीन आई कहां है किसी को नहीं मालूम। हिंदुस्तान हम 25 करोड़ हैं.. तुम 100 करोड़ है न.. ठीक है तुम तो हमसे इतने ज्यादा हो… 15 मिनट पुलिस को हटा लो हम बता देंगे कि किसमें कितना दम है। एक हजार क्या? एक लाख क्या एक करोड़ नामर्द मिलकर भी कोशिश कर लें तो भी एक को पैदा नहीं कर सकते। और ये लोग हमसे मुकाबला नहीं कर सकते। जब मुसलमान भारी पड़ा तो यह नामर्दों की फौज आ जाती है।’
RSS को लेकर दिया था बयान
‘कोई भी आरएसएस वाले, कोई भी हमारा बाल भी बांका नहीं कर सकता और याद रखो दुनिया उसी को डराती है जो डरता है। दुनिया उसी से डरती है जो डराना जानता है। क्या है अकबरुद्दीन ओवैसी से नफरत क्यों है? नफरत क्यों? सौ सुनार की तो एक लोहार की। पंद्रह मिनट ऐसा दर्ब है जो अभी भी नहीं भर सका’