धर्मांतरण और महिला आरक्षण उत्तरांखड के मौलिक चरित्र की रक्षा को महत्वपूर्ण: कर्नल कोठियाल

देहरादून 06 दिसंबर।  भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता कर्नल अजय कोठियाल ने कहा है कि धार्मिक स्वातंत्र्य विधेयक और महिला आरक्षण विधेयक उत्तरांखड के मौलिक स्वरूप को बनाये रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इसीलिए सरकार ने इसे अपनी प्राथमिकता बनाया है,जो उसकी संवेदनशीलता दर्शाता है।

जैसा कि विदित है कि प्रदेश के यस्वस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के कुशल नेतृत्व तथा  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मार्ग दर्शन में राज्य में विकास के नये आयाम स्थापित हो रहे हैं। सड़क, रेल और एयर कनेक्टिविटी के ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं। वहीं, अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सरकार और उसके कार्य पहुँच रहे है जो कि भाजपा की बड़ी उपलब्धि है।

हाल ही में आहूत उत्तराखंड विधानसभा ने यशस्वी व लोकप्रिय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण एवं ज़रूरी दो ऐतिहासिक विधेयक पास किए हैं ।
पहला जबरन या प्रलोभन देकर होने वाले धर्मांतरण पर रोक के उद्देश्य से उत्तराखंड धार्मिक संशोधन विधेयक, जो देवभूमि के सांस्कृतिक स्वरूप व जनसांख्यकीय संतुलन को बनाए रखने के लिए नितांत आवश्यक था।
दूसरा, प्रदेश की आधी आबादी ( मातृ शक्ति ) के जीवन स्तर में सुधार व उनका पूरा हक देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होने वाला “क्षैतिज महिला आरक्षण विधेयक, “ जो प्रदेश की मातृ शक्ति की आर्थिक क्षमता व सामाजिक कार्यों में भागेदारी को बढ़ाने एवं उनके योगदान व स्वाभिमान को सम्मान देने का प्रयास है ।

कर्नल कोठियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार का वर्तमान अनुपूरक बजट सत्र में सर्वसम्मति से इन विधेयकों को पारित कराना, अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट से पूर्ववर्ती महिला आरक्षण कानून पर रोक लगाने के बाद राज्य की भाजपा सरकार ने पहले सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के माध्यम से इस रोक पर स्टे लगवाया फिर कुछ दिन पूर्व कैबिनेट ने इस विषय पर विधेयक लाने के सभी अधिकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को दिये थे। इसी क्रम में 30 नवंबर  को विधानसभा में महिला आरक्षण व धर्मांतरण पर सख्त संशोधन कानून  पास किया जो राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन जायेगा ।

उत्तराखण्ड देवभूमि है और देश भर की तरह यहाँ भी जबरन या बरगलाकर धर्मान्तरण की घटनाएँ प्रदेश के सांस्कृतिक, सामाजिक व जनसांख्यिक स्वरूप के लिए चुनौती बन रही थी। इस समस्या के प्रतिकार व षड्यंत्र में इस अपराध में लिप्त लोगों पर लगाम कसने के उद्देश्य से एक सख्त कानून की आवश्यकता महसूस की जा रही थी ।

कर्नल कोठियाल ने कहा कि  भारत के संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 27 और 28 में, धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार  के लिए पहले से ही मौजूद उत्तराखंड धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम, 2018 में संशोधन किया गया है। इस विधेयक में जबरन, कपटपूर्ण या प्रलोभन द्धारा धर्मांतरण के दोषी पाए जाने पर न्यूनतम तीन साल से लेकर अधिकतम 10 साल तक के कारावास का प्रावधान किया गया है। इतना ही नही, इसे गैरजमानती अपराध बनाते हुए दोषी पर 50 हजार रुपए का जुर्माने की व्यवस्था की गई है । इस अधिनियम में पीड़ित पक्ष को 5 लाख रुपये तक का जुर्माना दोषी को देना पड़ सकता है, जो जुर्माने से अलग होगा।

कर्नल कोठियाल ने कहा कि  उत्तराखंड प्रथम प्रदेश है जिसमे 3 से 10 साल की सजा का प्रावधान है । उत्तर प्रदेश में भी 1 से 5 साल की ही सजा है । केवल मध्य प्रदेश में सजा 1 से 10 वर्ष है लेकिन वह भी उत्तराखंड के 3 से 10 के मुक़ाबले कम है । अब तक उत्तराखंड समेत कुल 9 राज्यों में यह कानून लागू है जिनमे ओडिशा, मध्यप्रदेश , उत्तर प्रदेश , अरूणाचल प्रदेश, हिमाचल , झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़ राज्य शामिल ।

कर्नल कोठियाल ने कहा कि  उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में मातृशक्ति का बहुत बड़ा योगदान रहा है और भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह पहले ही तय किया था  कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस प्रदेश में मातृशक्ति को क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिले। उत्तराखण्ड लोकसेवा (महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 में राज्य में महिलाओं को सरकारी सेवाओं में राज्य गठन से ही आरक्षण दिया गया जिसे 2006  में बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया था । इसी साल हरियाणा की पवित्रा चौहान व अन्य प्रदेशों की महिलाओं ने क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की और कोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी थी ।  इसके खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विशेष पहल पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के माध्यम से पैरवी कर 4 नवंबर 2022  को हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाकर आरक्षण को बरकरार रखा। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इस विधेयक को सदन में पास करवाकर इसे कानूनी रुप दे दिया है जो मौजूदा सरकार का मातृ शक्ति के प्रति कृतज्ञ भाव को प्रदर्शित करता है।

इसी तरह कुछ अन्य जनसरोकारों से जुड़े संशोधन विधेयक भी सदन से पारित किए गए हैं जिनमें प्रमुख हैं

3) जिला योजना समिति (संशोधन) अधिनियम – क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष (ब्लॉक प्रमुख) भी अब जिला योजना समिति का सदस्य होगा |

4) उत्तराखंड कूड़ा निस्तारण एवं थूकना प्रतिषेद (संशोधन) अधिनियम- इस कानून के तहत दोषी के लिए कारावास की सजा को समाप्त कर अर्थदण्ड तक सीमित किया |

5) उत्तराखंड माल एवं सेवा कर (संशोधन अधिनियम) 2022- इसके तहत जीएसटी नियमों को सरल व व्यापारियों को सहूलियत दी गयी हैं

6) उत्तराखंड पंचायती राज (संशोधन) अधिनियम

7) भारतीय स्टांप (उत्तराखंड संशोधन) अधिनियम

8)उत्तराखंड दुकान एवं स्थापन्न (संशोधन) अधिनियम

9) बंगाल, आगरा व आसाम सिविल न्यायालय (उत्तराखंड संशोधन) अधिनियम

भाजपा महानगर कार्यालय पर हुई प्रेस वार्ता में  सर्वप्रथम  महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने प्रदेश प्रवक्ता कर्नल कोठियाल का स्वागत किया।

इस अवसर पर मीडिया प्रभारी राजीव उनियाल,महामंत्री रतन चौहान, आईटी सेल प्रभारी अनुराग भाटिया, सोशल मीडिया प्रभारी श्याम सिंह चौहान, वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र सिंह ढिल्लों, सौरभ कपूर , संदीप मुखर्जी विजय थापा आदि भी उपस्थित रहे.

https://youtube.com/shorts/by8Kno39Q-E?

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