सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज इंदू मल्होत्रा करेंगी मोदी की सुरक्षा चूक की जांच

PM Modi Security Breach: सुप्रीम कोर्ट ने गठित की पांच सदस्यीय कमेटी, जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में होगी जांच

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा में गठित यह कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी।
पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गठित की कमेटी

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी। जांच कमेटी में चंडीगढ़ डीजीपी, एनआईए के आईजी, पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, एडीजीपी पंजाब शामिल हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब व केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई कमेटियों को अपनी-अपनी जांच रोकने का आदेश दिया है।

पंजाब व केंद्र को नहीं था एक-दूसरे की कमेटी पर भरोसा
मामले में केंद्र व पंजाब सरकार की ओर से अलग-अलग कमेटी गठित की गई थी, लेकिन दोनों को एक-दूसरे की कमेटी पर भरोसा नहीं था। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। जहां केंद्र ने कहा था मामले में कार्रवाई उसकी जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर की जाए। केंद्र का कहना था कि वह जांच पूरी करके रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप देगा, उसकी समीक्षा करके कार्रवाई की जा सकती है। इस पर पंजाब सरकार ने आपत्ति जताई थी, कहा था कि केंद्र की ओर से बनाई गई समिति में एनएसजी व अन्य केंद्रीय अधिकारी भी शामिल हैं। इसलिए उसे उसकी कमेटी पर विश्वास नहीं है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों कमेटियों पर रोक लगाते हुए अपनी तरफ से एक कमेटी गठित करने का फैसला लिया थाा।

कौन हैं रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा जिन्हें पीएम सुरक्षा चूक जांच की मिली जिम्मेदारी?

जस्टिस इंदु मल्होत्रा कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुना चुकी हैं, इनमें केरल का सबरीमाला सबसे चर्चित रहा। इस केस में इंदु मल्होत्रा ही वह जज थीं, जिन्होंने चार पुरुष न्यायाधीशों से अलग राय जाहिर की थी।
पंजाब में पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कथित चूक मामले में सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज इंदु मल्होत्रा जांच करेंगी। बेंगलुरु से ताल्लुक रखने वाली इंदु मल्होत्रा पिछले साल मार्च में ही रिटायर्ड हुई हैं। वह पहली ऐसी महिला अधिवक्ता थीं जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं।

इंदु मल्होत्रा

इंदु मल्होत्रा 27 अप्रैल, 2018 को सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनी थीं। वह पहली ऐसी महिला अधिवक्ता थीं जो वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनीं। करीब तीन साल की सेवा के बाद वह 21 मार्च 2021 को रिटायर हो गईं। उनके पिता ओमप्रकाश मल्होत्रा भी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील थे। अंतिम दिन वह चीफ जस्टिस बोबड़े की पीठ में बैठीं। उन्हें विदाई देने के लिए अटॉर्नी जनरल समेत सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मौजूद थे।

सबरीमाला केस में पुरुष जजों से अलग राय दी थी

जस्टिस इंदु मल्होत्रा कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसला सुना चुकी हैं, इनमें केरल का सबरीमाला सबसे चर्चित रहा। इस केस में इंदु मल्होत्रा ही वह जज थीं, जिन्होंने चार पुरुष न्यायाधीशों से अलग राय जाहिर की थी। गौरतलब है कि इस मामले में चारों पुरुष न्यायाधीशों ने महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश देने की बात कही थी, जबकि इंदु मल्होत्रा ने इसके खिलाफ राय दी थीी।

 

PM सिक्योरिटी में चूक पर SC का फैसला:सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज करेंगी जांच, NIA ऑफिसर-DGP चंडीगढ़ भी कमेटी में; केंद्र और पंजाब की जांच बंद

पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक मामले की जांच अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुआई वाली कमेटी करेगी। इसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के IG, चंडीगढ़ के DGP, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और पंजाब के ADGP सिक्योरिटी शामिल हाेंगे।

चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुआई वाली बेंच ने सोमवार को यह आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले की जांच कर रही केंद्र और पंजाब सरकार की कमेटियों को जांच आगे न बढ़ाने के लिए कहा है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि PM के दौरे पर ब्लू बुक के हिसाब से सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए। राज्य में DGP की देखरेख में रूट पर सुरक्षा इंतजाम किए जाने थे, लेकिन इसमें चूक हुई। इस मामले में पंजाब के अफसरों को नोटिस दिया गया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

पंजाब ने कहा- केंद्र अफसरों को धमका रहा

पंजाब सरकार ने कहा कि केंद्र अफसरों को नोटिस भेजकर धमका रहा है। अगर कोई अफसर जिम्मेदार है, तो उस पर कार्रवाई हो, लेकिन इस तरह के आरोप न लगाए जाएं। पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने सुप्रीम कोर्ट से स्वतंत्र जांच कमेटी बनाने की मांग की।

PM की सुरक्षा में चूक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जोरदार बहस, CJI ने SG से किए ये सवाल

मुख्य न्याय़ाधीश जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज इंदू मल्होत्रा की अगुवाई में बनाई गई जांच कमेटी में डीजीपी चंडीगढ़, आईजी एनआईए, एडिशनल डीजी पंजाब और हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल शामिल हैं

पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में जांच के लिए अब एक नई कमेटी बनाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को लंबी सुनवाई और जोरदार बहस के बाद सुनाया.

मुख्य न्याय़ाधीश जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में एक जांच कमेटी बनाई गई है जिसमें डीजीपी चंडीगढ़, आईजी एनआईए, एडिशनल डीजी पंजाब और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल शामिल होंगे. अभी पंजाब और केंद्र की तरफ से जो अलग-अलग जांच चल रही है, वो बंद होगी.

इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबी बहस हुई. सॉलिसिटर जनरल ने जांच कमेटी में पंजाब के एडीजीपी को शामिल करने पर आपत्ति जताई. सॉलिसिटर जरनल कहना है कि एडीजीपी सिक्य़ोरिटी खुद जांच के दायरे में है, इसलिए वो जांच दल के सदस्य नहीं हो सकते. सॉलिसिटर जनरल ने साफ कहा कि ये खुफिया नाकामी का नतीजा था. इसलिए पंजाब के जिम्मेदार अधिकारियों पर एक्शन लेने में कोई हर्ज नहीं.

एसजी ने राज्य सरकार पर अपने लापरवाह अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया. इस पर जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, ऐसा लगता है कि आप पहले ही तय कर चुके हैं कि कौन गुनहगार है. अगर ऐसा है तो कोर्ट क्यों आए? जस्टिस कोहली ने कहा कि जब शुक्रवार को हमने कार्रवाई रोकने को कहा था तो आपने नोटिस किस आधार पर भेजा?

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि नोटिस तो शुक्रवार को हुई सुनवाई से पहले ही जारी कर दिए गए थे.

जस्टिस सूर्यकांत ने भी सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आपका कारण बताओ नोटिस विरोधाभास से भरा है. एक तरफ आप कह रहे हैं कि आप जांच कमेटी बना रहे हैं और दूसरी आप उन्हें दोषी बता रहे हैं. इसमें जांच कहां है?

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पंजाब के अफसरों को कारण बताओ नोटिस देने पर सवाल किए.

चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि अगर आप राज्य के अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाना चाहते हैं तो फिर कोर्ट के लिए बाकी क्या कह जाता है?

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ये प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मामला है. केंद्र सरकार का टॉप अधिकारी इसकी जांच कर सकता है.

इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ऐसी छवि पेश करने की कोशिश ना करें कि हम पीएम की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.

कोर्ट में पंजाब की तरफ से एडवोकेट जनरल ने पक्ष रखा और केंद्र की जांच कमेटी पर सवाल उठाए. पंजाब के एडवोकेट जनरल ने कहा कि केंद्र की जांच कमेटी में आईजी एसपीजी भी शामिल हैं जबकि हम हमारी नजर वो कसूरवार हैं. कमेटी की अगुवाई गृह सचिव कर रहे हैं और गृह मंत्रालय कारण बताओ नोटिस देकर पहले ही हमें दोषी मान चुका है. ऐसे में गृह मंत्रालय के सचिव कैसे जांच करेंगे.

सॉलिसिटर जनरल ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार की कमेटी जांच करे और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे. कमेटी या सरकार अपनी ओर से किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेगी. लेकिन तमाम दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कमेटी बनाने का फैसला सुना दिया.

ये था पूरा मामला

पीएम मोदी 5 जनवरी को पंजाब दौरे पर गए थे. यहां सड़क के रास्ते हुसैनीवाला जाते वक्त कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक लिया था. इसके बाद पीएम मोदी का काफिला यहां 15-20 मिनट रुका रहा. इसे पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक बताई जा रही है. इसे लेकर गृह मंत्रालय और पंजाब सरकार की कमेटी अलग अलग जांच कर रही थी.

HC के रजिस्ट्रार के पास सुरक्षित रखवाए गए थे PM दौरे के रिकॉर्ड

पिछली सुनवाई में SC ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को PM विजिट का रिकॉर्ड कब्जे में लेकर सुरक्षित रखने को कहा था। इसके लिए उन्हें NIA के IG संतोष रस्तोगी और चंडीगढ़ पुलिस की मदद भी दी गई थी। यह मामला 5 जनवरी का है। जब PM मोदी पंजाब में चुनावी रैली को संबोधित करने फिरोजपुर जा रहे थे। रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने जाम लगा दिया, जिससे प्यारेआणा गांव के फ्लाईओवर पर उनके काफिले को 15 से 20 मिनट के लिए रुकना पड़ा, जिसके बाद वह बठिंडा वापस लौट आए।

केंद्र से अलग राज्य भी कर रहा था जांच

PM मोदी की सुरक्षा में चूक को लेकर केंद्र और राज्य सरकार भी जांच कर रही थी। केंद्र ने इसके लिए सुरक्षा सचिव की अगुआई में इंटेलिजेंस ब्यूरो और SPG अफसरों की टीम बना रखी थी। वहीं, पंजाब सरकार ने सेवामुक्त जस्टिस मेहताब सिंह गिल और गृह सचिव अनुराग वर्मा की टीम बनाई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने कार्रवाई करने पर लगाई थी रोक

सुप्रीम कोर्ट में राज्य के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने कहा था कि वह चूक की जांच करवा रहे हैं। हालांकि, याचिकाकर्ता सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह का कहना था कि चूक की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का शामिल होना जरूरी है।

वहीं केंद्र के सॉलिसिटर जनरल ने इस मामले में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का भी जिक्र किया था, जिसने इस संबंध में वीडियो भी जारी किया था। केंद्र ने भी इसकी जांच कमेटी बनाने की बात कही थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, यानी आज तक की सुनवाई से पहले किसी पर कार्रवाई न करने को कहा था।

पंजाब में DGP और SSP को हटाया गया

PM की सुरक्षा चूक की बहस के बीच पंजाब के कार्यकारी DGP सिद्धार्थ चट्‌टोपाध्याय को हटाया जा चुका है। उनकी जगह वीके भवरा को नया DGP बनाया गया है। वहीं पंजाब सरकार ने फिरोजपुर के SSP हरमनदीप सिंह का भी ट्रांसफर कर दिया है।

 

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