युवक पर जबरन धर्म परिवर्तन को दबाव, बिना पूर्वानुमति धर्मपरिवर्तन व विवाह पर पति-पत्नी और पंडित-गवाहों पर मुकदमा
युवक ने लगाया जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप, पुलिस से लगाई इंसाफ की गुहार
काशीपुर के एक युवक ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है. युवक ने बताया कि उसकी पूर्वसहकर्मी के परिजन उसका धर्म परिवर्तन करवाकर शादी करवाना चाहते हैं.
काशीपुर: एक युवक ने कोतवाली में तहरीर देते हुए आरोप गया है कि दूसरे संप्रदाय की उसकी पूर्व सहकर्मी के परिवार वाले उसका धर्म परिवर्तन करवा कर शादी करवाना चाहते हैं. युवक ने आशंका जताई है कि युवती के परिजन उसे कभी भी झूठे केस में फंसा सकते हैं. मामले में युवक ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है.
दरअसल, काशीपुर के मोहल्ला टांडा उज्जैन के रहने वाले एक युवक ने कोतवाली पुलिस व अपर पुलिस अधीक्षक काशीपुर को लिखित शिकायत दी है. जिसमें बताया गया है कि वह जून 2018 में एक निजी कंपनी में काम करता था. उसी दौरान शहर की एक युवती से उसकी जान-पहचान और फिर दोस्ती हो गई. युवती की गरीबी को देखते हुए समय-समय पर वह उसकी मदद करता था.
लॉकडाउन के दौरान उसकी नौकरी छूट गई. युवती के कहने पर वह उसके परिजनों को लेकर बनारस भी गया. 31 दिसंबर 2020 की शाम लगभग सात बजे युवती उसके घर आ गई. युवती ने कहा कि मुझे कहीं ले चलो वरना मैं आत्महत्या कर लूंगी. युवती के काफी जिद करने के कारण युवक उसे रोडवेज बस अड्डे के पास स्थित एक होटल में ले गया. युवती को वहां छोड़कर उसने उसके परिजनों को सूचना दे दी. जिसके बाद वह अपने घर चला गया. बाद में युवती के घर वाले उसे वापस ले गए.
उसके बाद से युवती के घर वाले उसे परेशान कर रहे हैं. अब युवती के परिजन जबरन उसका धर्म परिवर्तन करवा कर शादी करवाना चाहते हैं. युवक ने आशंका जताई कि युवती के परिजन उसे कभी किसी झूठे मुकदमे में फंसा सकते हैं।
बिना अनुमति धर्मांतरण कर रचाई शादी, नव दंपति और पंडित समेत 5 के खिलाफ मुकदमा दर्ज
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 में धर्म परिवर्तन करने से पहले जिला अधिकारी से अनुमति लेनी होती है, लेकिन इस मामले में शादी से पहले जिलाधिकारी से कोई अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए ये कार्रवाई की गई है.
हरिद्वार: ज्वालापुर कोतवाली पुलिस में समुदाय विशेष की लड़की की हिंदू रीति रिवाज से शादी कराने का मामला सामने आया है. पुलिस ने शादी कराने वाले पंडित समेत पांच लोगों के खिलाफ उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 में धर्म परिवर्तन करने से पहले जिला अधिकारी से अनुमति लेनी होती है, लेकिन इस मामले में शादी से पहले जिलाधिकारी से कोई अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए ये कार्रवाई की गई है. ज्वालापुर कोतवाली इंचार्ज प्रवीण सिंह कोश्यारी का कहना है कि ज्वालापुर की रहने वाली लड़की ने रुड़की निवासी मोहित कुमार से 16 नवंबर को उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद में आर्य समाज मंदिर में शादी की थी.
कोतवाली इंचार्ज कोश्यारी के मुताबिक, शादी के दौरान लड़की ने अपना धर्म परिवर्तन भी किया था. मंदिर के पुजारी आचार्य शोभित ने दोनों की शादी कराई थी, जिसमें रुड़की निवासी अरविंद और मोहित निवासी गवाह बने थे. शादी होने के बाद लड़का-लड़की एक साथ रहने लगे थे, लेकिन वकील की सलाह पर लड़की ने धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी हरिद्वार के यहां आवेदन कर दिया और खुद का धर्म परिवर्तन कानूनी तौर पर करने की प्रार्थना की.लड़की ने जिलाधिकारी के यहां जो दस्तावेज दिए उसमें साफ था कि वह पहले ही शादी कर अपना धर्म परिवर्तन कर चुकी है, जो उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 की धारा 3, 8 और 12 का उल्लंघन है. अगर किसी को भी धर्म परिवर्तन करना होता है तो उसे जिलाधिकारी से अनुमति लेनी जरूरी होती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ. इसी कारण नवदंपति सहित पंडित व अन्य दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 की धाराओं में ज्वालापुर पुलिस द्वारा 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और इस मामले में जांच की जा रही है क्योंकि शादी करने से पहले महिला द्वारा धर्म परिवर्तन किया गया था मगर उसके बावजूद हरिद्वार जिलाधिकारी को कानूनी तौर पर धर्म परिवर्तन करने के आवेदन के बाद मामला खुल गया. यह अपने आप में ही एक अनोखा मामला है कि पहले लड़की द्वारा बिना कानूनी रूप से धर्म परिवर्तन किए शादी कर ली गई और उसके बाद धर्म परिवर्तन के लिए जिलाधिकारी को आवेदन किया गया. अब पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रही है.