रिंकू शर्मा हत्याकांड: मुस्लिम आतताई जलाना चाहते थे पूरा परिवार, अस्पताल में भी हमला
रिंकू शर्मा(बांये) मन्नू और मां
हॉस्पिटल में ताजुद्दीन ने गला दबाया, जाहिद ने चाकू और धँसा दी: रिंंकू शर्मा के भाई और माँ की जुबानी निर्मम हत्या की कहानी
रवि अग्रहरि | 13 फरवरी, 2021
दिल्ली के मंगोलपुरी में 10 फरवरी 2021 की रात बजरंग दल के कार्यकर्ता रिंकू शर्मा पर घर में घुसकर हमला किया गया। अगले दिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई। हमने इस मामले में रिंकू शर्मा के परिवार से विस्तृत बात की, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। रिंकू के भाई मन्नू ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले नसरूदीन, ज़ाहिद, ताजुद्दीन के परिवार ने अपने दोस्तों इस्लाम, मेहताब और अन्य के साथ मिलकर रिंकू शर्मा की हत्या कर दी।
रिंकू शर्मा के भाई मन्नू के मुताबिक राम मंदिर शिलान्यास के बाद से ही पड़ोस में रहने वाले नसरूदीन के परिवार से उनके भाई की अक्सर कहासुनी हुआ करती थी। इसको लेकर दोनों परिवारों के बीच काफी समय से मनमुटाव था। पहले भी कई बार ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने, हनुमान चालीसा का पाठ कराने, गली में दीप जलाने को लेकर मुस्लिम परिवार ने गाली-गलौज और मारपीट की थी।
राम मंदिर शिलान्यास के बाद रिंकू शर्मा की नसीरुद्दीन, ताजुद्दीन, जाहिद के परिवार से कहासुनी हो गई थी। करीब 6 महीने पहले हुई इस घटना के दौरान आरोपितों ने रिंकू शर्मा को देख लेने की धमकी दी थी। लेकिन बाद में लाली के परिवार (मुस्लिम परिवार) ने रिंकू की माँ राधा देवी से माफ़ी माँग ली थी। इसके कारण उस समय उन्होंने पुलिस में शिकायत नहीं की।
मन्नू ने बताया कि हर मंगलवार हनुमान चालीसा पढ़ने और राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने से चिढ़ उन्होंने हत्या की ये साजिश रची। उन्होंने बताया कि हमलावर पाँचों भाई के साथ उनकी बीवी और परिवार के अन्य सदस्य भी थे। उनकी संख्या करीब 30-40 थी। मन्नू ने बताया कि रिंकू को जब वे लोग अस्पताल ले जा रहे थे तब भी आरोपितों ने उन्हें रास्ते में रोकने की कोशिश की थी। ज़ाहिद, ताजुद्दीन सहित कुछ लोग पहले ही संजय गाँधी हॉस्पिटल पहुँच गए थे। वहाँ उन्होंने इलाज में बाधा पहुँचाने की कोशिश की। सबूत मिटाने को वे पीठ में धँसा चाकू ले जाना चाहते थे। मन्नू के अनुसार;
जब रिंकू को ICU ले जाया जा रहा था तो उसके पीठ में धँसा चाकू निकाल ले जाने की कोशिश हुई। ज़ाहिद ने चाकू पकड़ कर जोर से खींचा। नहीं निकला तो उसे घूमा दिया, जिससे वह रिंकू की पीठ में और गहरे धँस गया।
इस बीच दूसरे आरोपित ताजुद्दीन ने रिंकू शर्मा की माँ का गला दबाने दिया। मन्नू ने बताया कि ताजुद्दीन ने माँ का गिरेहबान कस के पकड़ लिया था। भैया (रिंकू) के दोस्तों ने उन्हें बचाया। ताजुद्दीन और जाहिद ने रिंकू के इलाज को आए उनके दोस्तों के साथ भी हाथापाई और गाली-गलौज की।
रिंकू के भाई मन्नू के साथ विस्तृत बातचीत
रिंकू शर्मा की माँ ने बताया कि हमलावरों ने मन्नू को भी बहुत मारा था। सर फूल गया है। मन्नू ने कहा कि मेरे भाई के हत्यारों को सख्त से सख्त सजा हो। उन्हें जल्द से जल्द फाँसी की सजा सुनाई जाएँ। रिंकू की बेहाल माँ का बस बार-बार इतना ही कहना था कि जैसे हम आज रो रहे है वैसे वो भी रोए। जल्दी से जल्दी कार्रवाई हो।
हमने जब रिंकू की हत्या की वजह को लेकर मन्नू से सवाल किया तो उन्होंने कहा, “ये हमेशा से हमारा विरोध करते थे। हम हर मंगलवार हनुमान चालीसा का आयोजन और राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करते थे। हमने 5 अगस्त 2020 में राम जन्मभूमि के भूमि पूजन के दौरान एक यात्रा भी निकाली थी और ये उसी का विरोध कर रहे थे। तभी से ये पीछे पड़े थे भाई के, कहते थे जान से मार देंगे।” बीच में बेसुध माँ भी बोल पड़ीं कि माफी भी माँग ली थी इन्होंने। फिर हमने गौर नहीं किया। सोचा- हमारे बच्चे की तरह हैं।
भाई मन्नू ने हत्यारों के बारें में बताते हुए कहा, “ये पाँचों लोग अपने बीवी बच्चों के साथ यहीं रहते है। ये सब ऐसे ही है। लगभग 30-35 लोग घर में घुस गए थे उस दिन, सभी मुस्लिम। कोई पड़ोसी बचाने नहीं आया सिर्फ हम ही बचा रहे थे। भैया के बस 1-2 दोस्त आए थे बचाने। हॉस्पिटल में भी चाकू निकालने की कोशिश की। फिर नहीं निकला तो घुमा दिया जाहिद अली ने। ताजुद्दीन ने मम्मी का गला पकड़ा।” मन्नू ने हत्यारों के परिवार का नाम बताते हुए कुछ नाम गिनाते हुए कहा, “इनका नाम है नसरुद्दीन, साबूउद्दीन, ताजुद्दीन, सलामुद्दीन, शकरुद्दीन। इनके बच्चे भी इसमें शामिल हैं।”
रिंकू के भाई ने डर के बारे में बताते हुए कहा, “हत्या के बाद इनके घर से कल रात फ़ोन आया था मेरे पास। लेकिन मैंने उठाया नहीं। अभी पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन बाकी फरार हैं।”
आरोपित नसीरुद्दीन , ताजुद्दीन , ज़ाहिद का घर
बर्थडे पार्टी में झगड़े की थ्योरी पर मन्नू ने क्या कहा
मीडिया में रिंकू शर्मा की हत्या की मुख्य वजह बर्थडे पार्टी में हुुुआ झगड़़ा बताया जा रहा है। इस संबंध में मन्नू ने बताया, “जैसा कि मीडिया में बताया जा रहा कि बिज़नेस या बर्थडे पार्टी को लेकर हत्या की गई, यह सब झूठ है। न हमारा कोई बिज़नेस है, न हम कोई बिज़नेस करते है। हमारे बड़े भाई रिंकू शर्मा हॉस्पिटल में एक लैब टेक्नीशियन थे। जैसा कि न्यूज़ चैनल वाले बता रहे बिज़नेस और बर्थडे पार्टी में हुए झगड़े की वजह से हत्या की गई है, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। सब झूठ बताया जा रहा है।”
सुरक्षा, कार्रवाई और पुलिस के बयान पर मन्नू ने जवाब दिया, “हमारी बात हो गई है SHO से। पुलिस कोऑपरेट कर रही है। न्यूज़ चैनलो से हाथ जोड़ कर रिक्वेस्ट है, कृपया झूठी बातें न दिखाएँ। झूठी अफवाए न फैलाएँ। जब बर्थडे पार्टी में झगड़े जैसा कोई मामला है ही नहीं, तो क्यों दिखाया जा रहा है।”
हमने संजय गाँधी हॉस्पिटल में हुई घटना पर सवाल किया तो मन्नू ने कहा, “हत्या में शामिल लोग पहले से ही हॉस्पिटल में बैठे हुए थे। जब इमरजेंसी के अंदर भाई को लेकर गए, तो जाहिद अली और ताजुद्दीन वहाँ पहुँचे हुए थे। जाहिद ने चाकू निकालने की कोशिश की। उसने सोचा चाकू निकाल कर भाग जाऊँगा। लेकिन चाकू निकला नहीं। फिर पीठ में चाकू और घुमा कर वह भाग गया।” उसने कहा;
“ताजुद्दीन ने भैया के जो दोस्त बीच-बचाव में आए उन्हें चाटें भी मारे। मम्मी के भी गिरेबान पर हाथ लगाया। ताजुद्दीन, नसरुद्दीन का भाई है जो गिरफ्तार है अभी। ताजुद्दीन पुलिस का मुखबिर भी है। 15000 में काम करता है लेकिन करोड़ों का मालिक है। सट्टा चलाता है। सारे गलत काम करता है।”
मन्नू शर्मा ने बताया, “नसीरुद्दीन, ज़ाहिद, ताजुद्दीन सहित हमलावरों के निशाने पर मेरा पूरा परिवार था। उन्होंने मुझे भी मारा, घर में मम्मी-पापा को भी मारने की कोशिश हुई, जिन्हें मैंने अंदर के कमरे में भेज दिया।”
रिंकू की माँ ने बताया कि हमलावर उनके पूरे परिवार को जिंदा जलाने की फिराक में थे। उन्होंने कहा कि किचन में लगा नया गैस सिलिंडर निकाल लिया था और उसमें आग लगाने की कोशिश की थी, ताकि पूरे घर को जलाया जा सके और आग में झुलस कर पूरे परिवार की मौत हो जाए। रिंकू की माँ ने अपने बेटों के साथ मिल कर किसी तरह हत्यारों से सिलिंडर छीन लिया। रिंकू के भाई मन्नू ने भी यही बताया कि हत्यारों ने उनके घर पर पूरे परिवार को मार डालने के इरादे और साजिश के साथ ही धावा बोला था। उनका मकसद ही था कि उनकी करतूतों का कोई सबूत या गवाह न बचे। इस बीच, शुरुआत में कम्युनल एंगल को नकार रही दिल्ली पुलिस ने मामले की जॉंच क्राइम ब्रांच को सौंप दी है।