ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेदिक कॉलेजों का होगा उच्चीकरण
*सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद काॅलेजों ऋषिकुल और गुरुकुल का होगा कायाकल्प*
*ऋषिकुल काॅलेज के उच्चीकरण की डीपीआर तैयार, गुरूकुल पर थोड़ा इंतजार*
*उत्तराखंड के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार का रूख सकारात्मक, दर्जनभर ही हैं देश में सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद काॅलेज, वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस का मंच बना राज्य के लिए मददगार*
देहरादून, 13 दिसंबर। उत्तराखंड में सौ वर्ष पुराने दो आयुर्वेद काॅलेजों का जल्द ही कायाकल्प होगा। इसमें से एक ऋषिकुल काॅलेज के उच्चीकरण का मामला तेजी से आगे बढ़ रहा है। केंद्र सरकार को भेजने को उत्तराखंड ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली है। केंद्र सरकार का मंतव्य इस संबंध में बेहद सकारात्मक है। इसी तरह, सौ वर्ष पुराने गुरूकुल आयुर्वेद काॅलेज पर भी सरकार की नजर है। हालांकि अभी इसका विचार बेहद प्राथमिक स्तर पर है।
इन स्थितियों के बीच, वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं एक्सपो -2024 का देहरादून में आयोजन उत्तराखंड के पक्ष में वातावरण बनाने वाला सिद्ध हो रहा है। सौ वर्ष पुराने आयुर्वेद काॅलेजों के उच्चीकरण की उत्तराखंड लगातार पैरवी कर रहा है। उत्तराखंड ने ऋषिकुल आयुर्वेदिक काॅलेज को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। केंद्र ने उत्तराखंड से इसके स्थान पर इसके उच्चीकरण का प्रस्ताव भेजने को कहा था। उत्तराखंड के आयुष विभाग ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई कर ली है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग ने उच्चीकरण से संबंधित डिटेल प्रोजेक्ट (डीपीआर) भी तैयार कर ली है। शासन स्तर जल्द ही इस पर निर्णय प्रस्तावित है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डाक्टर एके त्रिपाठी के अनुसार-केंद्र के सकारात्मक रूख को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि जल्द ही ऋषिकुल काॅलेज का उच्चीकरण हो जाएगा। दूसरी तरफ, केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा का कहना है कि उत्तराखंड के प्रस्ताव पर कार्यवाही गतिमान है और मंत्रालय का रूख सकारात्मक है।
*पूरे देश में दर्जन भर है ऐसे काॅलेजों की संख्या*
-आयुर्वेद के सौ वर्ष पुराने काॅलेज पूरे देश में दर्जन भर ही हैं। उत्तराखंड इस मामले में भाग्यशाली है कि उसके पास हरिद्वार में ऋषिकुल और गुरूकुल के रूप में दो ऐसे आयुर्वेद काॅलेज हैं, जो सौ वर्ष से ज्यादा पुराने हैं। इनमें भी ऋषिकुल काॅलेज सबसे ज्यादा पुराना है, जिसकी स्थापना वर्ष 1919 में हुई थी। बहुत कम लोग जानते हैं कि स्वयं महामना मदन मोहन मालवीय ने इसकी स्थापना की थी। गुरूकुल काॅलेज की स्थापना दो वर्ष बाद वर्ष 1921 में स्वामी श्रद्धानंद ने की थी।
*ऋषिकुल में सात मंजिला हाॅस्पिटल का प्रस्ताव*
-उच्चीकरण के लिए जो विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है, उसके अनुसार ऋषिकुल में सात मंजिला हाॅस्पिटल का प्रस्ताव रखा गया है। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति डाक्टर एके त्रिपाठी के अनुसार-ऋषिकुल काॅलेज में पुराने हाॅस्पिटल को तोड़कर यह हाॅस्पिटल प्रस्तावित है। ऋषिकुल काॅलेज के पास 25 एकड़ जमीन उपलब्ध है। वर्तमान में यहां पर 11 विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कराई जा रही है।
*उत्तराखंड में आयुष से जुड़ी हर गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार का भी इस संबंध में राज्य को पूर्ण सहयोग मिल रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आयुष के संबंध में उत्तराखंड के जो भी प्रस्ताव है, उन पर जल्द ही मुहर लग जाएगी।*
*पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री*