उत्तराखंड: ज्यों-ज्यों सड़कें बेहतर,त्यों-त्यों बढ़ी दुर्घटनायें
उत्तराखंड में जहां अच्छी सड़क, वहां दुर्घटनायें ज्यादा; 5 साल में 7000 हादसों में 5000 मौतें
देहरादून 08 जून।
उत्तराखंड में रविवार को चार धाम यात्रा के श्रद्धालुओं को लेकर जा रही बस खाई में गिर गई। इसी के साथ हादसों के लिए बदनाम उत्तराखंड फिर सुर्खियों में आ गया। आंकड़े बताते हैं कि पिछले पांच साल में 7,000 वाहन दुर्घटनाओं में लगभग 5,000 लोग जान गंवा चुके हैं। इतने ही लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इस साल की शुरुआत में ही राज्य में 500 सड़क दुर्घटनों में 300 लोगों की जान गई।
आंकड़ा इसलिए भी भयावाह है, क्योंकि जनसंख्या के लिहाज से हादसों और उसमें होने वाली मौतें देश में सबसे ज्यादा हैं। इस हिमालयी राज्य में आपदा से भी ज्यादा मौतें सड़क दुर्घटनाओं से हुई हैं। एक और चौंकाने वाली बात ये हे कि अच्छी सड़कों पर हादसे कम होते हैं, लेकिन उत्तराखंड में स्थिति उलट है। वहां हादसे ज्यादा हो रहे है, जहां सड़क अच्छी है। ऑल वेदर रोड बनने के बाद सड़कें काफी चौड़ी हो गई हैं।
इससे ड्राइवर ओवर स्पीड से जा रहे हैं। मोड़ पर वाहन अनियंत्रित हो रहे हैं। मध्य प्रदेश के यात्रियों की बस भी यमुनोत्री में ओवर स्पीड के कारण खाई में गिरी। जांच में सामने आया कि ज्यादा फेरे लगाने के चक्कर में ड्राइवर सिर्फ 7 से 10 दिन में यात्रा पूरी कर रहे हैं। पहले इसमें 15 दिन लगते थे।
तीर्थयात्रियों को ले जा रही ये बस 400 फीट नीचे खाई में गिरी थी। बस की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यात्रियों की कितनी दर्दनाक मौत हुई होगी।
तीर्थयात्रियों को ले जा रही ये बस 400 फीट नीचे खाई में गिरी थी। बस की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यात्रियों की कितनी दर्दनाक मौत हुई होगी।
जांच में ड्राइवर की गलती आ रही सामने
यमुनोत्री हाइवे में डामटा के पास हुई मप्र के तीर्थयात्रियों की बस हादसे की जांच में ड्राइवर की लापरवाही सामने आ रही है। घायलों में ड्राइवर हीरा सिंह भी है। खाई में गिरने से पहले ही उसने बस से छलांग लगा दी थी। उसने पुलिस को बताया कि बस का स्टीयरिंग लॉक हो गया था।
अब जांच में सामने आ रहा है कि जहां बस गिरी, वहां पर सड़क बहुत चौड़ी थी। स्टीयरिंग लॉक भी हो जाता तो बस को रोका जा सकता था। बस की स्पीड तय सीमा से बहुत ज्यादा थी, इसलिए बस नहीं रोक सका।
ड्राइवरों के लिए ये सीजन का टाइम
ट्रैवल बिजनेस के लिए चार धाम तीर्थयात्रा का समय सीजन का होता है। इसी समय ड्राइवरों की पूछ परख भी सबसे ज्यादा होती है। ज्यादातर ट्रैवल एजेंसियों के ड्राइवर भी लगातार काम कर रहे होते हैं। बीते महीने भर में ही यहां 16.11 लाख तीर्थयात्री पहुंच चुके हैं
ओवर स्पीडिंग और लोडिंग में काटे 13516 चालान, 7470 लाइसेंस को निरस्त करने की संस्तुति
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इस वर्ष अप्रैल तक 537 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनका बढऩा जारी है। वहीं वर्ष 2021 में हुई सड़क दुर्घटनाओं पर नजर डालें तो पूरे वर्ष 1405 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं।
प्रदेश में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए अब परिवहन व पुलिस विभाग भी हरकत में आ रहा है। इन दोनों विभागों ने वर्ष 2022 में अप्रैल तक कुल 13516 व्यक्तियों के चालान काटे हैं। इनमें से 7470 लाइसेंस के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। वहीं, 6046 का मौके पर ही चालान काट कर दंड राशि वसूल की गई है।
प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। इस वर्ष अप्रैल तक 537 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनका बढऩा जारी है। वहीं वर्ष 2021 में हुई सड़क दुर्घटनाओं पर नजर डालें तो पूरे वर्ष 1405 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं। इनमें 820 व्यक्तियों की मौत हुई है और 1091 घायल हुए हैं। दुर्घटना के कारणों की जांच में जो बात सामने आई है, उसमें सबसे अधिक दुर्घटनाएं ओवर स्पीडिंग से हुई हैं।
1079 दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने से हुईं। गलत तरीके से वाहन चलाने के 98 मामले सामने आए हैं। वहीं गलत तरीके से ओवरटेकिंग करने के 27 और शराब पीकर वाहन चलाने के 16 मामले सामने आए हैं। सबसे अधिक मौत भी इन्हीं चार मामलों में हुई है। इसे देखते हुए पुलिस व परिवहन विभाग ने ओवर स्पीडिंग, रेड लाइट जंपिंग, भार वाहनों में ओवर लोडिंग, नशे की स्थिति में वाहन चलाना और मोबाइल पीकर वाहन चलाने में प्रवर्तन की कार्रवाई की।
वर्ष 2021 में परिवहन विभाग ने कुल 97160 चालान किए और 22.47 करोड़ रुपये चालान के रूप में वसूल किए। पुलिस ने 529165 चालान किए और 29.42 करोड़ चालन के रूप में वसूले। वहीं अप्रैल 2022 तक परिवहन विभाग ने 31602 चालान काटे और 8.16 करोड़ रुपये शुल्क के रूप में वसूल किए। पुलिस ने 147675 चालान किए और 9.83 करोड़ रुपये शुल्क के रूप में वसूल किए। इसके साथ ही इन वाहनों को निरस्त करने की भी संस्तुति की जा रही हैं। वर्ष 2021 में ऐसे 27017 मामलों में लाइसेंसधारकों के खिलाफ लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है।