अफगान उपराष्ट्रपति सालेह के बड़े भाई की तड़पा-तड़पा कर हत्या,बहन मारी थी 25 साल पहले

पंजशीर में तालिबान ने अमरुल्लाह सालेह के भाई की टॉर्चर कर हत्या की
हाईलाइट
रोहुल्लाह सालेह की पंजशीर में तालिबान के साथ संघर्ष में मारे जाने की खबर
पंजशीर घाटी में गुरुवार रात को संघर्ष के दौरान उसकी पहचान की थी
काबुल 10 सितंबर। अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के भाई रोहुल्लाह सालेह की पंजशीर में तालिबान के साथ संघर्ष में मारे जाने की खबर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने पंजशीर घाटी में गुरुवार रात को संघर्ष के दौरान उसकी पहचान की थी। सूत्रों के मुताबिक तालिबान लड़ाकों ने उन्हें प्रताड़ित किया और मार डाला।

इससे पहले 1996 में सालेह की बहन को तालिबान लड़ाकों ने यातना देकर मार डाला था। सालेह ने टाइम पत्रिका के संपादकीय में लिखा, ‘1996 में जो हुआ उसने तालिबान के बारे में मेरी धारणा को स्थायी रूप से बदल दिया।’

तालिबान ने अफगानिस्तान में पंजशीर घाटी पर पूर्ण नियंत्रण का दावा किया है हालांकि नेशनल रजिस्टेंस फ्रंट ने इस दावे का गलत बताया है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि पंजशीर में तालिबान के खिलाफ प्रतिरोध आंदोलन के नेता अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह तालिबान के कब्जे के बाद ताजिकिस्तान भाग गए। हालांकि ताजिकिस्तान में अशरफ गनी की सरकार में अफगानिस्तान के राजदूत ने रिपोर्टों का खंडन किया है।

ताजिकिस्तान में राजदूत ने बुधवार को कहा कि अहमद शाह मसूद और अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह अफगानिस्तान से नहीं भागे हैं और उनके प्रतिरोध बल अभी भी तालिबान से लड़ रहे हैं। लेकिन कल तालिबान ने ठीक उसी लाईब्रेरी पर कब्जे का फोटो जारी किया है जहां से स्वयंभू राष्ट्रपति सालेह ने अपना आखिरी वीडियो जारी किया था।

बीते दिनों पंजशीर घाटी में प्रतिरोध बलों और तालिबान के बीच भीषण लड़ाई देखने को मिली थी। इस लड़ाई में, तालिबान के लड़ाके बड़े पैमाने पर हताहत हुए थे। नॉर्दन रजिस्टेंस फ्रंट (एनआरएफ) को भी इसमें नुकसान उठाना पड़ा था। एनआरएफ के प्रवक्ता फहीम दश्ती की तालिबान ने हत्या कर दी थी।

नॉर्दन अलायंस के कमांडर अहमद मसूद ने गुरुवार को एक वीडियो जारी कर पंजशीर पर हमले में पाकिस्तान की भूमिका का भंडाफोड़ किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मोहम्मद हसन के नेतृत्व वाली सरकार को मान्यता नहीं देने की भी अपील की।

पिछले कुछ दिनों में तालिबान पंजशीर के मुख्य इलाकों पर कब्जा करने में कामयाब रहा है। हालांकि, विरोध अभी भी जारी है। एनआरएफ नेता अली नाज़ारी ने गुरुवार को कहा कि पंजशीर का 60% हिस्सा अभी भी तालिबान विरोधी ताकतों के नियंत्रण में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *