ऋषिकेश भाजपा में ले-दे अब चौराहे पर,भगवा के नाम पर तमाशा
ऋषिकेश में भगवा की आड़ में भाजपा में अंदरूनी राजनीति गरमाई
नगर निगम बोर्ड में तीर्थनगरी को ऑरेंज सिटी बनाने संबंधी महापौर के प्रस्ताव का कांग्रेस के साथ भाजपा के ही कुछ पार्षद विरोध कर चुके हैं। अब भगवा की आड़ में भाजपा के भीतर राजनीति गरमा गई है।
ऋषिकेश 17 मार्च। नगर निगम बोर्ड में तीर्थनगरी को ऑरेंज सिटी बनाने संबंधी महापौर के प्रस्ताव का कांग्रेस के साथ भाजपा के ही कुछ पार्षद विरोध कर चुके हैं। अब भगवा की आड़ में भाजपा के भीतर राजनीति गरमा गई है। महापौर के साथ तीर्थ नगरी के संत महात्माओं ने नगर में ऑरेंज सिटी (भगवा नगरी) प्रस्ताव के समर्थन में रैली निकाली थी। जवाब में भाजपा के 15 पार्षदों ने पार्टी कार्यालय में मीडिया के समक्ष संगठन अध्यक्ष की मौजूदगी में महापौर पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगाए।
दरअसल, नगर निगम बोर्ड की बीते सोमवार को बैठक बुलाई गई थी। जिसमें महापौर अनीता ममगाई ने ऋषिकेश को ऑरेंज सिटी बनाने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव के खिलाफ कांग्रेस और भाजपा के करीब 22 पार्षदों ने हंगामा कर कार्रवाई का विरोध और बैठक का बहिष्कार किया था। इन सभी ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए प्रदर्शन भी किया था। बीते मंगलवार को तीर्थ नगरी के संतों और महात्माओं ने नगर निगम पहुंचकर महापौर के इस प्रस्ताव का समर्थन किया। इतना ही नहीं संतों ने नगर में रैली भी निकाली।
इसी कड़ी में इस प्रस्ताव के खिलाफ नगर निगम में आवाज उठा चुके भाजपा के ही 15 निर्वाचित पार्षद और चार मनोनीत पार्षदों ने रेलवे रोड स्थित भाजपा के मंडल कार्यालय में पत्रकार वार्ता आयोजित की। नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ पार्षद शिव कुमार गौतम ने कहा कि महापौर ने कभी भी पार्षदों से समस्याओं पर चर्चा नहीं की। ढाई साल तक हम कुछ नहीं बोले,अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। महापौर को हमारे साथ चलना होगा, नहीं तो उनके साथ ऐसा ही व्यवहार होगा।
उन्होंने कहा कि तीर्थ नगरी भगवा नगरी बने इससे हमें कोई आपत्ति नहीं है, मगर, पहले मन भगवा होना चाहिए। भगवाकरण के पीछे महापौर की मंशा साफ नहीं है। पार्षद शिव कुमार गौतम ने अपनी ही पार्टी की महापौर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। वरिष्ठ पार्षद विकास तेवतिया ने भी विभिन्न कार्यों में भ्रष्टाचार और अनियमितता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बोर्ड के भीतर जब यह प्रस्ताव आया था तो हमारा यही सवाल था कि भगवाकरण में होने वाला खर्च कौन वहन करेगा। क्यों नगर निगम और व्यापारी वर्ग पर अनावश्यक आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। पत्रकार वार्ता में नगर निगम की पार्षद रीना शर्मा, सुंदरी कंडवाल, जयेश राणा, पूर्व सभासद हरीश तिवाड़ी ने भी मुखर होकर अपनी बात कही।
इस दौरान भाजपा के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती, पार्षद तनु तेवतिया, शारदा देवी, राजेंद्र प्रेम सिंह बिष्ट, लता तिवाड़ी, राजेश दिवाकर, सोनू प्रभाकर, चेतन चौहान, शौकत अली, मीनाक्षी बिड़ला, लव काम्बोज, नामित पार्षद प्रदीप कोहली ऋषिकांत गुप्ता,संजीव पाल राजू नरसिम्हा आदि मौजूद रहे।
महापौर और पार्षदों को बिठाया जाएगा
भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती ने कहा कि नगर निगम में उपजे इस विवाद में महापौर और पार्षदों को एक साथ बिठा बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं संवादहीनता रही है। जिसका परिणाम बोर्ड मीटिंग में इस रूप में देखने को मिला है। भगवा रंग नहीं विचार है, प्रस्ताव सदन में लाने से पूर्व पार्षदों और संगठन से विचार होता तो बेहतर होता। मंडल अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस यहां खत्म हो गई है,भाजपा बनाम भाजपा लड़ाई नहीं होनी चाहिए। इस विवाद को महापौर बनाम पार्षद बनाना भी ठीक नहीं है। दोनों पक्षों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नहीं। इन्हें दूर किया जाएगा।
भ्रष्टाचार के आरोप पर अध्यक्ष निरुत्तर
भाजपा के मंडल कार्यालय में आयोजित पार्षदों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुंचे मंडल अध्यक्ष दिनेश सती अपनी ही पार्टी महापौर पर अपने ही पार्षदों के भ्रष्टाचार के आरोप से असहज और निरुत्तर नजर आए। संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब मैं पत्रकार वार्ता में पहुंचा तो उसके पहले इस तरह का आरोप लगा होगा तो मैं कह नहीं सकता। किंतु मेरे सामने इस तरह की कोई बात नहीं आई है। इस पर पार्षद शिव कुमार गौतम ने फिर खड़े होकर भ्रष्टाचार का आरोप दोहराया तो मंडलाध्यक्ष इस पार्षद का मुंह ताकते रह गए। उन्होंने कहा कि मुझे यहां पार्षदों की बैठक की सूचना दी गई थी,पत्रकार वार्ता की जानकारी मुझे नहीं थी।
मैं पार्टी फोरम में रखूंगी अपनी बात
भाजपा पार्षदों के भ्रष्टाचार के आरोप के संबंध में नगर निगम की महापौर अनीता ममगाईं से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सभी आरोप बेबुनियाद हैं, वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार है। महापौर ने कहा कि मैं इस मामले में अपनी बात सड़कों पर या मीडिया में नहीं उठाऊंगी। मैं संगठन की अनुशासित कार्यकर्ता हूं। मैं पार्टी फोरम पर ही इस पूरे मामले को ले जाऊंगी। संगठन ही इस पर अपने स्तर पर कार्रवाई करेगा।
शहर को भगवा रंग में रंगने के प्रस्ताव पर पक्ष-विपक्ष के पार्षद हुए लाल
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इसके पहले शहर को भगवा रंग में रंगने (ऑरेंज सिटी) के प्रस्ताव का नगर निगम की बोर्ड बैठक में खूब हंगामा हुआ। पार्षदों ने इसे फिजूलखर्ची बताया। पक्ष-विपक्ष के पार्षदों के भारी विरोध के वाबजूद इस पर वोटिंग करवाई कराई गई। इसके बाद पक्ष-विपक्ष के तीन चौथाई पार्षदों ने बोर्ड बैठक का विरोध कर वॉकआउट कर दिया। ऐसे में न तो बजट ही पेश किया जा सका और न ही न ही प्रस्तावों पर चर्चा हो पाई। अब संभवत आगामी बैठक 21 मार्च को दोबारा बोर्ड बैठक बुलाई जाएगी।
विज्ञापननगर निगम के स्वर्ण जयंती सभागार में सोमवार को बैठक में निगम द्वारा विभिन्न वार्डों में किए गए विकास कार्यों पर चर्चा हो रही थी। इसके बाद बैठक के एजेंडे में शामिल मेयर अनिता ममगाईं का पहला ही प्रस्ताव रखा गया, जिसमें शहर में दुकानों के साइनबोर्ड, शहर के प्रवेशद्वार और सरकारी भवनों को भगवा रंग में रंगे जाना था। इस प्रस्ताव का भाजपा पार्षद विकास तेवतिया ने इसे फिजूलखर्ची बताकर विरोध किया। पार्षद का कहना था कि कोविड-19 के कारण पहले ही शहर के व्यापारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो रखी है, ऐसे में यदि शहर और आसपास के व्यापारियों पर दुकानों के साइनबोर्ड को भगवा रंग में रंगने का आदेश पारित किया जाता है तो इससे व्यापारियों पर आर्थिक बोझ पड़ेगा। पार्षद शिव कुमार गौतम ने कहा कि यह प्रस्ताव तर्क संगत नहीं है, इसे अगली बोर्ड बैठक में रखा जाना चाहिए। इस पर मेयर अनिता ममगाईं ने जवाब दिया कि उन्होंने दुकानों साइनबोर्ड को भगवा रंग में रंगने के लिए व्यापारी संगठनों के साथ पहले की बात कर रखी है। सभी व्यापारियों ने उन्हें समर्थन दिया है। वह साधु संतों की इच्छा के अनुरूप पूरे शहर को भगवा रंग में रंगना चाह रही हैं। इस पर अधिकांश पार्षद भगवाकरण के विरोध में खड़े हुए। इसके बाद मेयर ने वार्ड वाइज वोटिंग करने की बात कही, इसको लेकर पार्षदों ने विरोध कर बैठक का वॉकआउट किया। बाहर आकर नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की।
वॉकआउट करने वालों में शारदा,शिव कुमार गौतम,विकास तेवतिया,ऋषिकांत गुप्ता,सुंदरी कंडवाल,जयेश राणा,प्रभाकर शर्मा,चेतन शर्मा,तनु तेवतिया,रीना शर्म,लव कंबोज,मनीष शर्मा,संजीव पाल,प्रदीप कोहली,देवेंद्र प्रजापति,जगत सिंह नेगी,पुष्पा मिश्रा,राकेश मियां,राधा रमोला आदि थे।
ऑरेंज सिटी का देख रहे सपना
निगम में जब बोर्ड बैठक चल रही थी, तब शिवाजी नगर के पार्षद जयेश राणा ने कहा कि 30 फीट चौड़ी सड़क पर भी अतिक्रमण हो रखा है। ऐसे में ऑरेंज सिटी (भगवा सिटी) का सपना देखना बेकार है।
जब नगर निगम में भगवा मुद्दे पर चर्चा चल रही थी,भारी विरोध के वावजूद विषय में 36 मिनट लग गये। पार्षद शिवकुमार गौतम ने कहा कि बोर्ड बैठक में अध्यक्ष किस नियम में अपना प्रस्ताव रख रही हैं। इस पर मुख्य नगर आयुक्त एनएस क्वीरियाल ने बताया कि बोर्ड बैठक की अध्यक्ष मेयर हैं, इसलिए वह अपना प्रस्ताव रख सकतीं हैं।
मीडिया को नहीं दी गई बैठक की जानकारी
आमतौर पर अपनी छोटी-बड़ी उपलब्धियों की सूचनाएं तुरंत मीडिया में प्रसारित करने वाले नगर निगम प्रशासन और खुद मेयर अनिता ममगाई ने सोमवार को आयोजित बोर्ड बैठक की सूचना मीडिया को नहीं दी। शहर के विकास को अति महत्वपूर्ण बोर्ड की सूचना मीडियाकर्मियों को अन्य स्रोतों से पता चली। जबकि इससे पूर्व जब भी नगर निगम बोर्ड की बैठक आयोजित की गई,मीडियाकर्मियों को बाकायदा बैठक का एजेंडा उपलब्ध कराकर सूचना दी गई। ऐेसे सवाल उठाता है कि क्या नगर निगम प्रशासन गुपचुप बैठक आयोजित कर इसे निपटाना चाहता था।
कोट
भगवा रंग आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। यह प्रस्ताव शहर के गणमान्य व्यक्तियों,साधु संतों और व्यापारियों से चर्चा करने के बाद ही लाया गया था। कुछ पार्षदों ने उनके प्रस्ताव का विरोध कर बोर्ड बैठक से वॉक आउट किया है। अगली बैठक 21 मार्च को रखी है,उसमें भी विरोध होता है तो इसके लिए जनमत संग्रह कराया जाएगा। रही बात खर्च की इसमें नगर निगम का एक पैसा भी खर्च नहीं होना है। संबंधित विभागों से उनकी बिल्डिंग को ऑरेंज कलर में करने पर वार्ता चल रही थी।
– अनिता ममगाईं, मेयर, नगर निगम, ऋषिकेशऋषिकेश को भगवा रंग के प्रस्ताव पर संतों ने महापौर का किया समर्थन, नगर में निकाली रैली
तीर्थ नगरी को भगवा रंग में रंगने के महापौर के प्रस्ताव का सर्मथन करते हुए संत समाज ने नगर में रैली निकाली। तीर्थ नगरी को भगवा रंग में रगंने संबंधी प्रस्ताव बीते सोमवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में महापौर अनीता ममगाई ने रखा था। तीर्थ नगरी को भगवा रंग में रंगने के महापौर के प्रस्ताव का सर्मथन करते हुए संत समाज ने नगर में रैली निकाली। संतो ने इस प्रस्ताव को तीर्थ नगरी की गरिमा और सात्विकता के अनुरूप बताया। तीर्थ नगरी को भगवा रंग में रगंने संबंधी प्रस्ताव सोमवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक में महापौर अनीता ममगाई ने रखा था। प्रस्ताव का भाजपा के ही कुछ पार्षदों ने विरोध किया। बाद में कांग्रेसी पार्षदों ने भी इस प्रस्ताव का विरोध किया और बैठक का बहिष्कार कर दिया था।
मंगलवार को विभिन्न संस्थाओं के साथ शहर का संत समाज इस मुद्दे पर निगम की महापौर के साथ खड़ा दिखाई दिया। मंगलवार दोपहर बड़ी भारी संख्या में शहर के धर्माचार्य, संत ,महात्मा और महामंडलेश्वर निगम कार्यालय पहुंचे जहां महापौर का ऋषिकेश को भगवा रंग में रंगने के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए उन्हें अपने पूर्ण सर्मथन का आश्वासन दिया । ऋषिकेश को आरेंज सिटी (भगवा रंग) में रंगने की मांग को लेकर अखिल भारतीय संत समिति ने नगर निगम से प्रस्ताव के सर्मथन में संतों ने रैली निकाली और गंगा तट त्रिवेणी घाट पर मां गंगा की पूजा कर ऋषिकेश को भगवा रंग में रंगने के संकल्प के साथ यहां स्थित मंदिर को भगवा रंग में रंग दिया। इससे पूर्व महापौर अनिता ममगाई ने कहा कि इस मुद्दे पर जनमत संग्रह कराया जायेगा। उन्होंने ऑरेंज सिटी को लेकर विरोध कर रहे पार्षदों पर एक जनप्रतिनिधि के हाथों में खेलने का आरोप भी जड़ा। कहा कि देवभूमि को भगवा रंग से सजाने का प्रस्ताव शहर के पौराणिक महत्व को ध्यान में रखकर लाया गया है। उन्होंने कहा कि देवभूमि की पहचान आदिकाल से साधू संतों की तप स्थली के रूप में रही है।जहां संत ज्ञान की धारा प्रवाह कर रहे हो वही सच्चा तीर्थ है, मनुष्य तीर्थों के दर्शन करने यहां आता हैं ।ऐसे में देवभूमि भगवा रंग में रगीं हुई श्रद्वालुओं को दिखेगी तो उसकी अमिट छाप सदैव यहां आने वाले श्रद्वालुओं और पर्यटकों के मनोमस्तिष्क में अंकित रहेगी।
महापौर ने बताया कि कुछ माह पूर्व ऋषिकेश के तीर्थ महत्व के मुताबिक विकास को लेकर संतों के साथ समन्वय स्थापित करने के विषय पर चर्चा हुई थी जिसमें शहर के विकास के दौरान पौराणिक,धार्मिक व तीर्थ के महत्व के अनुरूप कार्य करने को लेकर राय ली गई थी। इस दौरान महामंडलेश्वर दया राम दास महाराज,रामानुजाचार्य स्वामी गोपालचार्य महाराज, महंत लोकेश दास महाराज,तुलसी मानस मंदिर अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री,महंत सुरेश दास महाराज,केशव दास महाराज, जय नारायण दास,महाराज गोपी किशन दास,महाराजरामेश्वर दास महाराज,चक्रपाणि दास महाराज,मोहन दास महाराज, स्वामी अखंडानंद महाराज,कपिल मुनि महाराज,बिंद्रावन दास महाराज चेतन आनंद,गोविंद गिरी,चित्रमणि आदि शामिल थे।