साहब सिंह सैनी को देना होगा पूर्व पत्नी को हर माह 15 हजार,एरियर भी
पूर्व मंत्री की याचिका रद, पत्नी को देने होंगे हर माह 15 हजार
सपा सरकार में केबिनेट मंत्री रहे साहब सिंह सैनी को प्रयागराज हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। वह परिवार न्यायालय के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में पहुंचे थे लेकिन उनकी याचिका को रद कर दिया गया है। अब पूर्व मंत्री को अपनी पहली पत्नी को हर माह 15 हजार रुपये देने होंगे
पूर्व मंत्री की याचिका रद, पत्नी को देने होंगे हर माह 15 हजार
सहारनपुर, 02 नवंबर। सपा सरकार में केबिनेट मंत्री रहे साहब सिंह सैनी को प्रयागराज हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। वह परिवार न्यायालय के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में पहुंचे थे, लेकिन उनकी याचिका को रद कर दिया गया है। अब पूर्व मंत्री को अपनी पहली पत्नी को हर माह 15 हजार रुपये देने होंगे। गौरतलब है कि पूर्व मंत्री साहब सिंह सैनी की का अपनी पहली पत्नी के साथ विवाद चल रहा है, जिसके बाद पहली पत्नी ने कोर्ट से हर माह खर्चा मांगा था।
मूल रूप से नकुड़ के रहने वाले साहब सिंह सैनी वर्तमान में सहारनपुर के मंडी समिति रोड पर रहते हैं। उन्होंने अपनी पहली पत्नी सुमित्रा सैनी को छोड़ दिया था, जिसके बाद सुमित्रा सैनी ने परिवार न्यायालय में वाद दायर किया था कि उन्हें हर माह खर्चा दिया जाए। सुमित्रा ने अपनी याचिका में कहा था कि उनके पति सपा सरकार में केबिनेट मंत्री और एमएलसी रह चुके हैं। इसलिए उन्हें हर माह 70 हजार रुपये दिए जाएं। बाद में परिवार न्यायालय सहारनपुर से चार मई 2019 को सुमित्रा सैनी को हर माह 15 हजार रुपये देने का आदेश दिया था। परिवार न्यायालय ने यह भी कहा था कि जब से सुमित्रा का अपने पति से विवाद हुआ है, तब से लेकर अब तक का पैसा पूर्व मंत्री देंगे। साथ ही ब्याज भी देने का आदेश हुआ था। पूर्व केबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौति दी थी। अब हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए परिवार न्यायालय के आदेश को ही मान्य बताया। साथ ही पूर्व मंत्री को परिवार न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए भी कहा है।
हाईकोर्ट में पूर्व मंत्री ने जो याचिका लगाई थी, वह हाईकोर्ट ने रद कर दी है। पूर्व मंत्री की तरफ से हाईकोर्ट में न तो कोई तारीख पर गया और न ही उनका वकील गया, जिस कारण याचिका को खारिज किया गया है।
-प्रदीप सैनी, सुमित्रा सैनी के बेटे।
पत्नी के साथ पारिवारिक विवाद चल रहा है। हाईकोर्ट में क्या हुआ है। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।
-साहब सिंह सैनी, पूर्व केबिनेट मंत्री।
समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे साहब सिंह सैनी की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। उनका पहली पत्नी सुमित्रा सैनी के साथ विवाद चल रहा है। निचली अदालत ने भरण-पोषण के लिए 15 हजार प्रतिमाह सुमित्रा सैनी को देने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी।
पूर्व कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी का काफी समय से पहली पत्नी सुमित्रा सैनी के साथ विवाद चल रहा है। देहरादून निवासी सुमित्रा के पुत्र प्रदीप सैनी ने बताया कि उनकी माता ने परिवार न्यायालय में भरण पोषण के लिए केस दायर किया था। सुमित्रा ने अदालत से कहा था कि साहब सिंह सैनी कैबिनेट मंत्री और एमएलसी रहे हैं। पत्नी होने के नाते उन्हें 70 हजार रुपये प्रतिमाह खर्चा दिलाया जाए। कोर्ट ने चार मई 2019 को 15 हजार रुपये प्रतिमाह सुमित्रा सैनी को देने के आदेश दिए थे।
इस आदेश के खिलाफ साहब सिंह सैनी ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी। प्रदीप सैनी ने बताया कि याचिका में साहब सिंह सैनी ने अपनी आय को छिपाया था। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान साहब सिंह सैनी के अधिवक्ता भी तारीख पर नहीं गए। इसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।
उधर, साहब सिंह सैनी का कहना है कि सुमित्रा के साथ उनका विवाद चल रहा है। हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने की उन्हें जानकारी नहीं है।
उत्तराखंड में सियासी जमीन तलाश रहे सहारनपुर के साहब सिंह सैनी, BJP-कांग्रेस पर लगाया आरोप
उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी ने हरिद्वार में जुलाई में सैनी जागृति अभियान की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश के BJP-कांग्रेस दल पर सैनी समाज की उपेक्षा करने का आरोप लगाया.
2022 चुनाव के नजदीक आते ही प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं. भाजपा-कांग्रेस और यूकेडी के अलावा आम आदमी पार्टी भी उत्तराखंड में राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है. इसी के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी की नजर इस बार उत्तराखंड विधानसभा चुनाव पर है.
हरिद्वार पहुंचे उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी ने सैनी समाज को एकजुट करने के लिए सैनी जागृति अभियान की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने भाजपा-कांग्रेस समेत सभी राजनीतिक दलों पर सैनी समाज की उपेक्षा का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि हरिद्वार जिले में तीसरे सबसे ज्यादा संख्या में सैनी समाज के लोग रहते हैं. लेकिन, राजनीतिक दलों के लोग उनका राजनीतिक इस्तेमाल करते आए हैं, जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उत्तराखंड में राजनीतिक जमीन तलाश रहे साहब सिंह सैनी
उन्होंने कहा कि हरिद्वार की हर विधानसभा में 10 से 20 हजार तक सैनी समाज के लोग निवास करता हैं. लेकिन, दुर्भाग्य है कि आज तक सैनी समाज को इसका कोई लाभ नहीं मिला. किसी भी चुनाव में सैनी समाज से एक भी व्यक्ति को नॉमिनेट नहीं किया जाता है. न ही सरकार में कोई दर्जा मिला है.गौरतलब है कि यूपी के कैबिनेट मंत्री साहब सिंह सैनी की नजर इस बार उत्तराखंड विधानसभा चुनावों पर है. हालांकि, अभी उन्होंने इसकी घोषणा नहीं की है. लेकिन सैनी समाज को एकजुट करने के लिए सैनी जागृति अभियान अभियान शुरुआत कर दी गई गई है.