राहुल ने रामलला प्राण-प्रतिष्ठा बताई नाच-गाना,संतों ने कसे खानदान पर व्यंग्य
Uttar PradeshAyodhya Saint Slams Rahul Gandhi Congress Over Pran Pratishtha Nach Gana Statement
रामलला प्राण-प्रतिष्ठा में नाच-गाना बयान पर घिरे राहुल गांधी, अयोध्या के संतों ने कांग्रेस परिवार पर कसा व्यंग्य
राहुल ने इस साल जनवरी में अयोध्या में हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को नाच-गाना करार दिया है। इसको लेकर साधु-संतों ने आक्रोश जताते हुए राहुल और कांग्रेस पर हमला बोला है। वहीं भाजपा नेता अपर्णा यादव ने भी गांधी परिवार को निशाने पर लिया है।
मुख्य बिंदु
राहुल गांधी के बयान पर संतों में है नाराजगी
प्राण प्रतिष्ठा में नाच गाना बताने पर आक्रोश
अपर्णा यादव ने गांधी परिवार पर कसा व्यंग्य
अयोध्या 28 सितंबर 2024: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर से विवादित बयान दे दिया । हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार में राहुल ने इस साल जनवरी में अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) प्राण प्रतिष्ठा समारोह को नाच-गाना कह दिया है। इसको लेकर साधु-संतों ने आक्रोश में राहुल और कांग्रेस पर हमला बोला है। वहीं भाजपा नेता अपर्णा यादव ने भी गांधी परिवार को निशाने पर लिया है।
राम मंदिर में राहुल गांधी के नाच-गाना वाले बयान को लेकर अयोध्या के साधु-संतों ने नाराजगी जताई है। राहुल ने 26 सितंबर को हरियाणा चुनाव प्रचार में कहा था, कि’अयोध्या के राम मंदिर उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं आने दिया गया। उनसे कहा गया कि आप आदिवासी हो। आप अंदर आ ही नहीं सकती, अलाउ नहीं है। अयोध्या में नाच-गाना चल रहा है।’ उन्होंने अंबानी के बेटे की शादी पर भी सवाल उठाए।
राहुल का पूरा बयान, जिस पर विवाद है…
अयोध्या में मंदिर खोला, वहां अडाणी दिखे, अंबानी दिखे, पूरा बॉलीवुड दिख गया, लेकिन एक भी गरीब किसान नहीं दिखा। सच है… इसलिए तो अवधेश ने इनको पटका है। अवधेश वहां के एमपी हैं। इसलिए तो वो जीता है। सबने देखा, आपने राम मंदिर खोला, सबसे पहले आपने राष्ट्रपति से कहा कि आप आदिवासी हो। आप अंदर आ ही नहीं सकती, अलाउ नहीं है। आपने किसी मजदूर, किसान, आदिवासी को देखा, कोई नहीं था वहां। डांस-गाना चल रहा है। प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे हैं, सब देख रहे हैं।
अयोध्या के संत राहुल के बयान से नाराज
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, ‘राहुल का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। हम निंदा करते हैं। मांग करते हैं, उन हिंदू संगठन और सेक्युलर लोगों से कि वो राहुल के लिए प्रार्थना करें। उनकी बुद्धि खराब हो गई है। उन्हें यही नहीं पता है कि 500 साल के संघर्ष के बाद लाखों हिंदू जनों ने त्याग किया। तब यह पल आया। भव्य रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण हुआ। तब ये कहना कि बॉलीवुड एक्टर्स को बुलाकर डांस-गाना किया जा रहा था। कांग्रेस तो शुरू से ही नहीं चाहती थी कि मंदिर बने। मंदिर का विरोध करती थी, कांग्रेस को परेशानी है। कांग्रेसी हमेशा सनातन विरोधी रहे हैं। राहुल गांधी लगातार हिंदू देवी-देवता, साधु-संतों, मंदिर और संस्कृति का विरोध करते रहे हैं। राम मंदिर का तो बार-बार अपमान कर रहे हैं।’
विश्व हिंदू प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मीडिया इंचार्ज शरद शर्मा ने कहा, ‘राहुल गांधी की मानसिकता विक्षिप्त हो गई है। उनकी पार्टी तो राम के अस्तित्व को ही नकारती है। ऐसी भाषा का प्रयोग दुखद है। वह विदेशी मानसिकता से ग्रस्त हैं। उनका इलाज आगरा में कराया जाना चाहिए और समाज ऐसे लोगों को दंड देने का काम करे।
मंगल भवन पीठाधीश्वर महंत राम भूषण दास कृपालु, ‘अयोध्या के मंदिर में भगवान श्रीराम खुद बैठे हैं। वह गरीबों के सबसे बड़े मसीहा हैं। हमें लगता है कि राहुल गांधी देश के सबसे बड़े गरीब हैं, लेकिन वह खुद प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आए। वे आते तो हम सबको अच्छा लगता। जहां खुद गरीबों का मसीहा देवता के रूप में विराजमान हो, वहां गरीबों का कल्याण वैसे ही होता है।’
भाजपा बोली- आपके लिए ताजमहल उदाहरण, जिसमें श्रमिकों के हाथ कटवा दिए
राहुल गांधी के इस बयान के बाद दिल्ली BJP मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- ‘राहुल गांधी को प्राण-प्रतिष्ठा में कोई श्रमिक नजर नहीं आया। अरे श्रमिकों पर पुष्प वर्षा की गई। श्रमिकों का जैसा सम्मान हुआ, वैसा ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के दौरान हुआ था। मैं पूछता हूं कि कांग्रेस के शासन काल में कभी ऐसा हुआ हो। आप तो उस ताजमहल को उदाहरण बताते थे,जिसे बनवाने के बाद हजारों श्रमिकों के हाथ कटवा दिए गए।
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने कहा, ‘राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए। उन्हें प्रधानमंत्री या रामलला पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
अपर्णा यादव ने कहा कि वो खुद क्या कर रहे हैं ये पूरे देश को पता है। जिसने ऐसा बोला है उसने वह कार्यक्रम देखा ही नहीं। पीएम नरेंद्र मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद खुद सबके ऊपर फूल छिड़के। एक एक व्यक्ति से मिलकर आए। जिसने यह बोला है उनके घर में खुद ही 3-3 प्रधानमंत्री रहे हैं। क्या उन लोगों ने ऐसा कभी किया है। उन्होंने खुद सनातन को खत्म किया है। राहुल जी को माफी मांगनी चाहिए। उन्हें प्रधानमंत्री या रामलला पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार शुरू से नकार रही है कि राम नहीं हैं। उनका अस्तित्व नहीं है। तो उनके नेता तो ऐसा बोलेंगे ही। जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। प्राण प्रतिष्ठा को राहुल जी अगर नौटंकी बता रहे हैं तो उनकी ऐसी भावना रही होगी। उनकी दृष्टि में नौटंकी है, लेकिन भक्तों की नजर में प्राण प्रतिष्ठा हुई है। इसमें भगवान श्रीराम की बालक रूप में स्थापना हुई है।’