आयेगी मंदी? इंडेक्सेशन बेनेफिट हटने से संपत्ति,सोना बेचना मंहगा

प्रॉपर्टी और सोना बेचने पर अब लगेगा झटका! बजट में टैक्स तो घटा लेकिन बदल गया इंडेक्सेशन बेनेफिट नियम
इंडेक्सेशन बेनेफिट में आपकी प्रॉपर्टी और सोने की महंगाई दर के हिसाब से नई कीमत निकाली जाती थी, उसके बाद जो रकम बचती थी उस पर 20 प्रतिशत टैक्स लगता था. लेकिन अब इसे बदल दिया गया है.

प्रॉपर्टी और सोना बेचने वालों को लग सकता है झटका.
नई दिल्ली,23 जुलाई 2024,अगर आपने प्रॉपर्टी, सोना या शेयर बाजार, कहीं भी निवेश किया है या फिर निवेश करने का इरादा रखते हैं तो इस बजट में हुए जरूरी बदलाव आपको जरूर जानने चाहिए. सरकार ने इस बजट में कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव की घोषणा की है. आसान भाषा में समझें तो कैपिटेल गेन टैक्स अर्थात आपके लाभ पर लगने वाला टैक्स. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट में पूंजीगत लाभ (कैपिटेल गेन) टैक्स में बड़े परिवर्तनों की घोषणा की है, साथ ही इंडेक्सेशन बेनेफिट के नियम को हटा दिया है, जिनका असर मुख्य रूप से रियल एस्टेट लेनदेन को प्रभावित कर सकता है.

जानें क्या हुए हैं परिवर्तन

संपत्ति की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स (LTCG) 20% से घटाकर 12.5% ​​कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने लॉन्ग टर्म की परिभाषा को भी स्पष्ट किया . उन्होंने कहा कि जो लिस्टेड फाइनेंशियल एसेट्स हैं, उन्हें एक साल या उससे अधिक समय तक होल्ड करने पर ही लॉन्ग टर्म निवेश माना जाएगा.इसमें शेयर,म्यूचअल फंड भी आएंगे.वहीं, अनलिस्टेड फाइनेंशियल या नॉन फाइनेंशियल दोनों एसेट्स को अगर 2 साल या उससे अधिक होल्ड किया जाता है तो उसे लॉन्ग टर्म निवेश माना जाएगा.

प्रॉपर्टी और सोना बेचने वालों को लग सकता है झटका

सरकार के इस फैसले से प्रॉपर्टी बेचने वालों को झटका लग सकता है.ऐसा इसलिए है क्योंकि पहली नजर में तो आपको लगेगा कि सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटेल गेन टैक्स को कम कर दिया है.लेकिन यहां एक पेंच है. दरअसल, प्रॉपर्टी बेचने पर अब तक जो इंडेक्सेशन बेनेफिट मिलता था उसे इस बजट में हटा लिया गया है.

अब जानिए क्या होता है इंडेक्सेशन बेनेफिट

दरअसल, इंडेक्सेशन बेनेफिट में आपकी प्रॉपर्टी की महंगाई दर के हिसाब से नई कीमत निकाली जाती थी, उसके बाद जो रकम बचती थी उस पर 20 प्रतिशत  टैक्स लगता था. लेकिन अब इसे बदल दिया गया है. उदाहरण के तौर पर दस साल पहले अगर आपने कोई प्रॉपर्टी 50 लाख की खरीदी थी तो आज उसकी वैल्यू 2 करोड़ हो गई होगी. अब ऐसे में अगर आप इस प्रॉपर्टी को बेचेंगे तो तो पहले के नियम के अनुसार इस पर इंडेक्सेशन बेनेफिट लागू होता. यानी महंगाई को ध्यान में रखकर आपके 50 लाख की नई वैल्यू लगाई जाती.

अब मान लीजिए की महंगाई सूचकांक के हिसाब से आज आपके 50 लाख की जमीन की कीमत 1.25 करोड़ है तो आपके जमीन की कीमत 1.25 करोड़ मान ली जाती.फिर नियम के अनुसार आपके 75 हजार रुपये पर 20 प्रतिशत की दर से लॉन्ग टर्म गेन टैक्स लगता. लेकिन अब इस नियम को हटा दिया गया है.

इंडेक्स बेनेफिट खत्म होने से बढ़ा मिडिल क्लास पर बोझ, रियल एस्टेट सेक्टर में बनी मंदी की आशंका!
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रॉपर्टी की बिक्री पर इंडेक्स बेनेफिट को खत्म कर दिया। अब एक्सपर्ट्स का मानना है कि वित्त मंत्री के इस फैसले से मिडिल क्लास को तगड़ा झटका लगा है लेकिन छोटे शहरों के लोगों को अधिक महसूस होगा। इसके अलावा रियल एस्टेट सेक्टर में मंदी की भी आशंका है.

वित्त मंत्री ने चला दी जेब पर कैंची, प्रॉपर्टी-गोल्ड बेचने पर  ज्यादा टैक्स

Indexation benefits on property: सरकार ने प्रॉपर्टी यानी मकान की बिक्री पर लगने वाले इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म करने की घोषणा की है. इसका असर यह होगा कि अब मकान की बिक्री पर पहले की तुलना में कम फायदा होगा.

No indexation benefit for  long term capital gains: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. इस बजट में आयकर मोर्चे पर कुछ बदलावों की घोषणा करते हुए मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को राहत दी.

इसके अलावा सरकार ने प्रॉपर्टी यानी मकान की बिक्री पर लगने वाले इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म करने की घोषणा की है. दरअसल, सरकार ने सभी नॉन फाइनेंशियल एसेट्स में इंडेक्सेशन को पूरी तरह खत्म कर दी है. नॉन फाइनेंशियल एसेट्स में प्रॉपर्टी, गोल्ड, सिल्वर जैसी चीजें आती हैं.

यानी सरकार ने प्रॉपर्टी की कीमतों को महंगाई से एडजस्ट करने के उपाय को खत्म कर दिया है. इंडेक्सेशन बेनिफिट खत्म करने का असर यह होगा कि अब अगर आप मकान की बिक्री करते हैं पहले की तुलना में कम फायदा होगा.

कैपिटल गेन टैक्स घटाया, फिर भी नुकसान

हालांकि, सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर लगने वाले टैक्स को 20 प्रतिशत  से घटाकर 12.5 प्रतिशत  कर दिया गया है. सरकार ने भले ही कैपिटल गेन टैक्स को कम कर दिया है, लेकिन इंडेक्सेशन बेनिफिट को खत्म करने से प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री करने वालों की जेब पर कैंची चल गई है.

इसी इस तरह भी समझ सकते हैं. माना कि आपने कोई प्रोपर्टी 10 लाख रुपये में खरीदी. कुछ सालों के बाद आप इसे 20 लाख में बेच रहे हैं. इस तरह आपने इस प्रॉपर्टी पर 10 लाख का मुनाफा कमाया. इसे ही कैपिटल गेन कहा जाता है. यानी 10 लाख का आपका कैपटल गेन हुआ. इसी कैपिटल गेन पर टैक्स लगता है.

क्या है इंडेक्सेशन बेनिफिट

इंडेक्सेशन बेनिफिट को समझने के लिए सबसे पहले आपको कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (Cost Inflation Index) को समझना होगा. यह एक नंबर है जो हर साल बदलता है. यह उस साल की महंगाई को दर्शता है. इन्हीं नंबरों के बेसिस पर महंगाई मीटर एडजस्ट किया जाता था.

कैसे निकलता है CII

आयकर विभाग हर साल इंडेक्सेशन बेनिफिट निकालने के लिए एक कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स जारी करता है. इसका इस्तेमाल लॉन्ग टर्म कैपिटल एसेट की इप्रॉपर्टी की कीमतों को महंगाई से एडजस्ट करने के लिए किया जाता है. टैक्सेबल कैपिटल गेन का निर्धारण करने के लिए प्रॉपर्टी की बिक्री मूल्य से इन्फ्लेशन-एडजस्टेड एक्विजिशन कॉस्ट को हटा दिया जाता है. हालांकि, इंडेक्सेशन बेनिफिट केवल खास तरह की एसेट्स पर उपलब्ध है.

शेयर बाजार पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ गया, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स बढ़ने से हुई हैरानी- रामदेव अग्रवाल
मोतीलाल ओसवाल के रामदेव अग्रवाल ने कहा कि बजट के ऐलानों के मुताबिक लॉन्ग टर्म, शॉर्ट टर्म और स्पेकुलेशन तीनों कैटेगरी में 25 से 30 प्रतिशत ज्यादा टैक्स देना होगा। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि शेयर बाजार पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ाया गया है। सरकार चाहती है आपने इक्विटी में ज्यादा पैसा कमाया है तो थोड़ा उन्हें भी दीजिए।

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निर्मला सीतारमण

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