पांच जिलों के भू क्रय-विक्रय की रिपोर्ट शासन में,भ्रम ना फैलाये विपक्ष: मनवीर चौहान

प्रमुख विपक्ष कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा में आज कल उत्तरांखड में प्रस्तावित भू कानून को लेकर बहस चल रही है। इसमें कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के समय का भूकानून वापस लाने की मांग कर रहे हैं जिसमें औद्योगीकरण के प्रयासों में भाजपा सरकारों ने परिवर्तन- परिवर्धन किये हैं।

जमीनों के क्रय-विक्रय संबंधी 5 जिलों की रिपोर्ट शासन को मिली, भ्रम न फैलाये कांग्रेस:चौहान

कड़े भू कानून की प्रक्रिया अंतिम चरण में, मुख्यमंत्री धामी निभाते रहे है हर वायदा

देहरादून 04 नवंबर 2024 । भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य के कड़े भू कानून के लिए सभी प्रक्रियाएं त्वरित गति से चल रही है। विपक्ष किसी तरह से भ्रम मे न रहे और न ही फैलाये, क्योंकि नियमों के विपरीत क्रय-विक्रय  संबंधित 5 जिलों से जिलाधिकारियों ने रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को जिलों से भूमि खरीद की रिपोर्ट मांगी है। नियम विरुद्ध अथवा प्रायोजन के विपरीत होने पर जमीन राज्य सरकार में निहित की जायेगी। सरकार इस मामले मे स्पष्ट रुख जाता चुकी है और सीएम पुष्कर सिंह धामी घोषणा कर चुके हैं कि बजट सत्र मे भू कानून लाया जायेगा। उससे पहले जरूरी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जल्दी ही अन्य जिलों से भी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध होगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को धैर्य रखने की जरूरत है, क्योंकि उसका यही रवैया भर्ती घोटालों की जांच, यूसीसी, लैंड जिहाद और लव जिहाद जैसे फैसलों के वक्त रहा है। भाजपा ने जब जन सरोकारों के अनुरूप राज्य मे भू कानून की जरूरत पर नया कानून लाने की बात की तो इसमें भी कांग्रेस को ही सबसे पहले कठिनाई हुई। कांग्रेस अब तक भू कानून जैसे मुद्दे पर आँख मूंद कर चुप रही, लेकिन दिखावे के लिए अब समर्थन का दावा कर रही है। जब कि जन हित मे उसे सकारात्मक रुख अपनाते हुए सुझाव देने चाहिए थे। भू कानून को लेकर एकाएक कांग्रेस की सक्रियता और झुंझलाहट को राजनीति से प्रेरित बताया।

चौहान ने कहा कि भाजपा ने जन अपेक्षाओं के अनुरूप 2007 मे भी पूर्ववर्ती कांग्रेस कार्यकाल मे बने भू कानून मे संशोधन किया था। एक बार फिर राज्य के मौलिक स्वरूप को बनाये रखने तथा सांस्कृतिक सरंक्षण के लिए जन अपेक्षाओं की खातिर भू कानून मे बड़ा बदलाव कर इसे कड़ा किया जा रहा है। नये भू कानून से पहले पूर्व मे हुई अवैध खरीद फरोख्त की जांच और अनियमिताओं की जांच जरूरी है। बेशक, इसमें समय लगेगा, लेकिन राज्य के हित सुरक्षित होंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में नगर निकाय क्षेत्र से बाहर ढाई सौ वर्ग मीटर भूमि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति खरीद सकता है, किंतु एक परिवार के कई सदस्यों के नाम पर क्रय-विक्रय के मामले आने पर जांच करायी जा रही है। वहीं पर्यटन, उद्योग आदि व्यवसायिक गतिविधियों के लिए अनुमति लेकर भूमि प्रयोजन के अनुरूप उपयोग नही किया है , उनकी भी जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जनता मुख्यमंत्री धामी के किसी भी वायदे पर पूरा विश्वास करती है, क्योंकि उन्होंने जो कहा वह किया है। जनता को कांग्रेस के किसी भ्रामक दावे पर भरोसा नही है, क्योंकि वह कभी भी राज्य के सरोकारों के प्रति गंभीर नही रही।
राज्य की एक- एक इंच जमीन की रक्षा करने के लिए मजबूत भू कानून अस्तित्व में आने को है जिसका मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश की जनता को विश्वास दिया है।

२०१७ से २०२४ तक हुई सभी जमीन खरीद फरोख्त की जांच हो: सूर्यकांत धस्माना
भू कानून के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार जनता को गुमराह कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि प्रदेश में पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी ने प्रदेश को सबसे मजबूत और मुफीद भू कानून बना कर दिया था जिसे भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने ही नष्ट भ्रष्ट किया यह बात आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में यह घोषणा करी थी कि भू कानून का उल्लंघन करने वालों पर प्रदेश सरकार कार्यवाही करेगी किंतु उन्होंने यह नहीं बताया कि तिवारी सरकार द्वारा बनाए गए भू कानून के साथ छेड़ छाड़ किसने की और किस सरकार के कार्यकाल में भू कानून में साढ़े बारह एकड़ से ज्यादा भूमि खरीद की सीलिंग समाप्त की गई और किस सरकार ने भू प्रयोजन का उपयोग बदलने पर उसे राज्य सरकार में निहित होने की शर्त को समाप्त कर दिया गया। श्री धस्माना ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर राज्य की मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से भूमि खरीद के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई थी किंतु राज्य के किसी भी जिलाधिकारी ने कोई रिपोर्ट आज तक मुख्य सचिव को नहीं भेजी क्योंकि जब राज्य की सरकार ने स्वयं ही तिवारी सरकार के भू कानून को संशोधित कर भूमि खरीद की खुली छूट धन्ना सेठों को दे दी तो उसकी आड़ में जो जमीनों के सौदे हुए वह अवैध कैसे हो सकते हैं ? श्री धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रदेश सरकार से यह मांग करती है कि २०१७ से लेकर आज तक जमीनों की जितनी भी खरीद फरोख्त हुई है उसका खुलासा राज्य सरकार को करना चाहिए और तिवारी सरकार द्वारा बनाए गए भू कानून में श्री बीसी खंडूरी की सरकार के द्वारा किए गए अन्य सभी संशोधन रद्द कर वे सारी जमीन जो इन कानूनों के उलंघन कर खरीदी गई है वे राज्य सरकार में निहित की जानी चाहिए। श्री धस्माना ने कहा कि अगर राज्य की भाजपा सरकार की नियत साफ है तो तिवारी सरकार का भू कानून फिर से उत्तराखंड में लागू किया जाना चाहिए।

 

 

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