सलमान की ‘राधे’ की असल बेइज्जती हुए थियेटरों में, एक शो में कमाई छह हजार
राधे को थियेटर में उतारने के बाद हुई सलमान की असली ‘बेइज्जती’!
हमारी समझ में तो यह नहीं आ रहा कि है जो फिल्म पहले ही इतनी पिट चुकी है, उसे दोबोरा सिनेमाघरों में रिलीज करने की क्या जरूरत थी. क्या बेइज्जती खराब होने में कोई कसर बाकी रह गई थी.ज्योति गुप्ता @jyoti.gupta.01
सलमान खान (Salman Khan) की फिल्म राधे योर मोस्ट वांटेड भाई (Radhe Your Most Wanted Bhai) कोरोना की दूसरी लहर के कारण सिनेमा घरों में रिलीज नहीं हो पाई थी. हालांकि अब महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना कर्फ्यू में ढील देने के साथ ही सिनेमाघर खोलने की अनुमति दे दी है. जिसके बाद यहां के दो सिनेमाघरों में प्रभु देवा के निर्देशन में बनी फिल्म ‘राधे’ बड़े पर्दे पर दिखाई जा रही है.
हालांकि इससे पहले 13 मई को त्रिपुरा के सिर्फ तीन सिनेमाघरों में फिल्म राधे रिलीज हुई थी. इनमें से 2 अगरतला और 1 धरमनगर का थिएटर शामिल है. हालांकि 5 दिन बाद ही कोरोना की दूसरी लहर के चलते लॉकडाउन लग गया था.
हमारी समझ में तो यह नहीं आ रहा है कि जो फिल्म पहले ही इतनी पिट चुकी है, उसे दोबोरा सिनेमाघरों में रिलीज करने की क्या जरूरत थी. क्या बेइज्जती खराब होने में कोई कसर बाकी रह गई थी. नहीं यह हम नहीं कह रहे बल्कि सिनेमा घरों में फिल्म देखने गए दर्शकों की संख्या कह रहीं हैं।
आलम यह है कि फिल्म के दूसरे शो को कैंसिल करना पड़ा
असल में राधे फिल्म को जिन दो सिनेमा घरों ने स्पेशल ट्रीट दी है उनमें से एक मालेगांव स्थित ड्राइव इन सिनेमा है और दूसरा औरंगाबाद स्टारर खिनवासरा सिनेप्लेक्स है जिसे पहले अप्सरा सिनेमा के नाम से जाना जाता था. फिल्म की डिस्ट्रीब्यूटिंग कंपनी जी स्टूडियो ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर करके यह बताने की कोशिश की है कि कैसे लोग मालेगांव के ड्राइव इन सिनेमा में फिल्म का लुत्फ उठा रहे हैं.
कसम से, अगर ये लोग हमसे मिलते तो हम ये बात जरूर पूछ लेते कि आखिर ऐसा कैसे कर लेते हो भैया, आखिर इतनी हिम्मत लाते कहां से हो. मतलब ऐसी फिल्म देखने के लिए कठोर कलेजा चाहिए क्योंकि खुद दबंग सलमान के पिता सलीम खान जी कह चुके हैं कि यह फिल्म अच्छी नहीं बनी है.
इतना ही नहीं कंपनी ने अपने कैप्शन में लिखा गया है कि “योर मोस्ट वांटेड भाई मालेगांव में आपसे मिलने का इंतजार कर रहा है. ‘राधे’ मालेगांव के ड्राइव इन सिनेमा में दिखाई जा रही है.”
अब इनसे कोई यह बता दो कि रिव्यू पढ़ने के बाद हमारी तो हिम्मत नहीं हुई कि हम इस फिल्म को देख पाते. वहीं जिन लोगों ने देखने की जहमत उठाई उन्होंने भी इंटरवल से पहले ही बाय-बाय कर दिया और हैंगओवर उतारने के लिए वेब सीरीज देखी. जिन लोगों ने मान लिया था कि ट्यूबलाइट से ज्यादा खतरनाक फिल्म नहीं हो सकती उन्होंने राधे देखने के बात अपनी ही कही हुई बात पर पछताना पड़ा.
अब अगर कोई सलमान खान का इस कदर फैन हो कि सिनेमा हॉल में देखने का रिस्क उठा सकता है तो बात ही अलग है, उपर से दिशा पटानी को भी तो नहीं भूलाया जा सकता है.
दरअसल, मालेगांव के ड्राइव इन सिनेमा ने सिर्फ शाम के समय फिल्म के दो शो जबकि खिनवासरा सिनेप्लेक्स में फिल्म के चार शो रखे गए हैं. अब शो तो रख दिया लेकिन देखने आएगा कौन वो भी सच जानते हुए.
अब नई-नई फिल्म देखनी होती तो बात अलग होता लेकिन राधे के नाम मुंह सिकोड़ने वाले दर्शक से आप सिनेमा में देखने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं. हां कोई जबरा फैन हो और लॉकडाउन में बड़े पर्दे को मिस किया हो तो वो हिम्मत उठा सकता है.
तुषार तिसागे के अनुसार पहले दिन फिल्म ने 6017.86 रुपए की कमाई की. जिसमें 7:30 बजे के शो में 22 लोगों ने कार में और 40 लोगों ने चेयर पर बैठकर फिल्म देखी. अब बड़ी बात यह हो गई कि दूसरे शो में फिल्म देखने कोई आया ही नहीं. इसलिए यह शो कैंसिल करना पड़ा.
अब तक हमने यह तो नहीं सुना था कि किसी फिल्म के शो को कैंसिल करना पड़ा हो. वहीं खिनवासरा सिनेप्लेक्स के मैनेजर सुहास कोटेचा के अनुसार यहां चारों शो में सिर्फ 22 टिकट बिके. इसके बाद भी इन्होंने फिल्म आगे भी चलाने का फैसला लिया है. हां यह हो सकता है कि शो की संख्या चार से घटाकर दो कर दी जाए.
भाई आपके हिम्मत और सहनशीलता को हम सलाम करते हैं. मतलब ऐसा करने के लिए बहुत बड़ा दिल होना चाहिए. उपर से इतनी बेइज्जती कराने के लिए भी बड़ा महान बनना पड़ता है. हमें कहने में यह बिल्कुल शर्म नहीं आ रही कि हम उन महान लोगों में शामिल नहीं हैं जो राधे को सिनेमा हाल में देख सकें.
अब सलमान खान को बुरा लगे तो हमें माफी दे देना क्योंकि हम अंदाज अपना-अपना 10वीं बार देख सकते हैं लेकिन राधे नहीं. अब आपका क्या कहना है, क्या आप राधे की टिकट खरीदकर सिनेमा घर में देखने की जहमत उठा सकते हैं?
दक्षिण भारतीय फ़िल्मों की रीमेक के भरोसे कब तक सुपरस्टार बने रहेंगे सलमान खान?
सलमान को रीमेक फ़िल्में शूट करती हैं. मौका पड़ने पर इन फिल्मों ने उन्हें बड़ा सहारा भी दिया मगर सौ बात की एक बात ये है कि आखिर बतौर हीरो कब तक रीमेक फ़िल्में उन्हें बचा के रख पाएंगी?
अनुज शुक्ला @anuj4media
राधे: योर मोस्ट वांटेड भाई की ‘असफलता’ को पीछे छोड़कर सलमान खान आगे की योजनाओं में व्यस्त हैं. महामारी की वजह से टाइगर 3 की शूटिंग रुक गई थी. जल्द ही शूटिंग शुरू होने की उम्मीद है. इस बीच दबंग खान कुछ नए प्रोजेक्ट को लेकर बातचीत कर रहे हैं. चर्चा है कि इसी साल रिलीज हुई तमिल मूवी मास्टर के हिंदी रीमेक में सलमान नजर आ सकते हैं. मास्टर एक्शन थ्रिलर है जिसमें सथपति विजय ने मुख्य भूमिका निभाई है. मास्टर के रीमेक के लिए बहुत पहले से बात चल रही थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से चीजें बीच में ही स्थगित हो गई थीं. सलमान लगभग तैयार बताए जा रहे हैं. यानी उन्होंने फिल्म की तो ये उनकी एक और रीमेक होगी.
सलमान को रीमेक फ़िल्में शूट करती हैं. मौका पड़ने पर इन फिल्मों ने उन्हें बड़ा सहारा भी दिया मगर सौ बात की एक बात ये है कि आखिर बतौर हीरो कब तक रीमेक फ़िल्में उन्हें बचा के रख पाएंगी? क्योंकि एक्टर का रीमेक फ़ॉर्मूला भी अब कमजोर नजर आने लगा है. वैसे सलमान करियर के जिस फेज में हैं, वैसे ही खराब दौर में रीमेक फिल्मों ने उन्हें कई मर्तबा सहारा देकर मुश्किल से उबारा. कभी-कभी तो लगता है कि यह सलमान की मौजूदा सक्सेस सीक्रेट “रीमेक” में ही छिपा है. हिट फ़ॉर्मूले को बॉलीवुड के मसाले में पकाकर दबंग खान लम्बे वक्त से दर्शकों का मनोरंजन करते आ रहे हैं. फ़िल्में और उनकी सफलता को देखते हुए उन्हें रीमेक सुपरस्टार कहा जाए तो गलत नहीं होगा.
हालांकि उनकी पिछली दो रीमेक ने दर्शकों का जायका खराब कर दिया. दरअसल, मूल फिल्म की कहानी को बॉलीवुड के सलमान मार्का मसालेदार फ्रेम में जमाने के लिए इतना प्रयोग कर दिया गया कि दर्शक उसे पचा ही नहीं पाए. भारत और राधे कोरियन मूवी का इंडियन अडाप्शन हैं. सलमान के काम को लेकर दोनों फिल्मों का वर्ड ऑफ़ माउथ खराब था. राधे तो पूरी तरह से बेअसर साबित हुई. इससे पहले साउथ का उनका रीमेक फ़ॉर्मूला 100 फीसद कामयाब रहा है. अब मास्टर के साथ एक्टर एक बार फिर साउथ का ही रुख करने जा रहे हैं. साउथ की कई कहानियों पर उन्होंने ब्लॉकबस्टर दिए हैं.
इसकी शुरुआत 1997 से हुई थी. जुड़वा, बंधन, बीवी नंबर 1, तेरे नाम, नो एंट्री, वांटेड, रेडी और किक दरअसल साउथ के फिल्मों की रीमेक ही हैं. बजरंगी भाईजान, सुल्तान और दबंग फ्रेंचाइजी को छोड़ दें तो पिछले कई सालों से रीमेक फिल्मों के जरिए ही एक्टर का बॉक्स ऑफिस पर दबदबा बना हुआ है. इन्हीं फिल्मों ने उन्हें स्टारडम के शिखर पर पहुंचाया.
साल 1997 में आई सलमान की जुड़वा 1994 में बनी हेलो ब्रदर का रीमेक थी. हेलो ब्रदर भी 1992 में आई हॉन्ग कॉन्ग की एक्शन कॉमेडी ट्विन ड्रैगन का रीमेक थी. डेविड धवन के निर्देशन में सलमान ने डबल रोल किया था. साल 1998 में आई उनकी बंधन तमिल की पंडिथुरई, 1999 में आई बीवी नंबर 1 तमिल की सती लीलावती, 2009 वांटेड साउथ की पोक्किरी, 2011 में आई रेडी सेम टाइटल से तेलुगु फिल्म, 2014 में आई किक भी सेम टाइटल से तेलुगु फिल्म की ही रीमेक थी. बॉडीगार्ड भी मलयालम फिल्म की रीमेक थी. 2009 से पहले कई फ्लॉप देने के बाद सलमान की हालत बहुत खराब हो गई थी. लेकिन वांटेड की सफलता ने उन्हें संभाल दिया था.
क्या अब नई कहानी का रिस्क नहीं लेना चाहते सलमान?
पिछले दिनों सलमान स्टारर अडोप्टेड फिल्मों की कहानी पर खूब बहस हुई. यहां तक कि एक्टर के पिता सलीम खान ने भी फिल्मों की स्क्रिप्ट पर सवाल उठाए और कहा था कि अब लोग बाहर की हिट फिल्मों को उठाकर उसमें मसाला भर देते हैं. हिंदी में अच्छे राइटर ही नहीं बचे. कहीं ऐसा तो नहीं कि सलमान खुद नई कहानी का रिस्क नहीं उठाना चाहते हैं. ट्यूबलाइट के जरिए उन्होंने कोशिश की थी. मगर नाकाम रहे. दर्शकों ने इसे खारिज कर दिया. हालांकि फिल्म सलमान के दिल के करीब थी. और उन्होंने कभी इसे खराब फिल्म नहीं माना. लेकिन उसके बाद किसी फ्रेश कहानी पर उन्हें बढ़ते हुए नहीं देखा गया.
रेस 3, दबंग 3, टाइगर जिंदा है और अब टाइगर 3 कर रहे हैं. रेस 3 पिट गई थी. किक 2 की भी तैयारी बताई जा रही है. इससे पहले भारत और राधे की जो कोरियन फिल्मों का भारतीय रीमेक थीं. पिछले कुछ सालों के अंदर ट्यूबलाइट और एक दो दूसरी नाकामियों के बाद सलमान के करियर को देखें तो वो सिर्फ सक्सेसफुल फ्रेंचाइजी फिल्मों और रीमेक पर ही भरोसा कर रहे हैं. मास्टर भी उनके प्लान में आ रहा है. इन चीजों को देखते हुए लग तो ऐसा ही रहा है कि सलमान अब नई कहानी पर जोखिम लेने की बजाय सुरक्षित रास्ते पर चलना पसंद कर रहे हैं.व