सऊदी अरब पलटा: गैर अरब के लिए लगातार दूसरे साल हज रोकी

 

हज को लेकर सऊदी अरब का फैसला:कोरोना के कारण दूसरे मुल्कों के जायरीनों को एंट्री नहीं, 60 हजार स्थानीय लोगों को ही इजाजत

साल 2020 में कोरोना वायरस के कारण मक्का का पवित्र स्थल खाली पड़ा हुआ था

मक्का 13 जून। मुस्लिमों के पवित्र स्थल मक्का में लगातार दूसरे साल बाहरी मुल्कों के लोगों को एंट्री नहीं मिल पाएगी। सऊदी अरब की प्रेंस एजेंसी ने शनिवार को हज एवं उमरा मंत्रालय का हवाला देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण चलते दूसरे देश के लोगों को इस बार भी यात्रा की इजाजत नहीं दी जा रही है। सिर्फ 60 हजार स्थानीय लोगों (सऊदी अरब के निवासी) को ही इस बार धार्मिक स्थल पर आने की अनुमति होगी।

बयान में कहा गया है कि इस साल हज 17 से 22 जुलाई तक होगा। इसमें 18 से 65 साल की आयु के लोग हिस्सा ले सकेंगे। हज यात्रियों के लिये वैक्सीनेशन अनिवार्य हाेगा। बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब इस बात की पुष्टि करता है कि उसने हाजियों के स्वास्थ्य व सुरक्षा और उनके देशों की सुरक्षा के बारे में निरंतर विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया है।

पिछले साल 1 हजार लोगों को ही मिली थी इजाजत
पिछले साल, सऊदी अरब में पहले से रह रहे लगभग एक हजार लोगों को ही हज के लिये चुना गया था। सामान्य हालातों में हर साल लगभग 20 लाख मुसलमान दुनियाभर के देशों से हज करने सऊदी अरब आते हैं।

पहले 45 हजार लोगों को आने की मिली थी अनुमति
सऊदी अरब सरकार ने इससे पहले एलान किया था कि इस साल दुनियाभर के 60 हजार लोग हज कर सकेंगे, जिनमें से 15 हजार देश के ही नागरिक होंगे। बाकी अन्य देशों से 45 हजार लोग ही इस बार हज के लिए सऊदी अरब जा सकेंगे। हालांकि अब सऊदी सरकार ने साफ कर दिया है कि इस बार भी दूसरे देश से कोई व्यक्ति हज नहीं कर सकेगा।

केंद्र सरकार ने कर ली थी तैयारी

पिछले साल की तरह इस साल भी केंद्र सरकार ने हज यात्रा के लिए तैयारी पूरी कर ली थी। हाल ही में केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यात्रा को लेकर जारी असमंजस के बीच कहा था कि हज को लेकर भारत सऊदी अरब के फैसले का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा था कि हमने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। हमने हज यात्रा के लिए लोगों से आवेदन भी ले लिए हैं।

2020 में 2 लाख से ज्यादा लोगों ने किया था आवेदन

2020 में हज के लिए 2 लाख से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था। मार्च तक 1.18 लाख लोग रजिस्टर्ड हुए थे। इसमें से जून के पहले हफ्ते में 16 हजार लोगों से रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराया था। वहीं, महरम (पुरुष साथी) के बिना इस साल 2300 से ज्यादा महिलाएं यात्रा करने वाली थीं। पिछले साल बाहरी देशों को अनुमति नहीं मिलने के बाद केंद्र सरकार ने 2.13 लाख जायरीनों का पूरा पैसा उनके अकाउंट में रिफंड कर दिया था।

1932 के बाद पिछले साल से ऐसा प्रतिबंध

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, 1932 के बाद 2020 में पहली बार हज यात्रा पर ऐसा प्रतिबंध लगाया गया था। इससे पहले युद्ध और छुआछुत की बीमारियों के कारण यात्रा रद्द किया गया था। 2021 में लगातार दूसरे साल यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हज यात्रा और उमरा से सऊदी अरब हर साल करीब 1200 करोड़ डॉलर की कमाई करता है।

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