173 करोड़ में बनेगी दून में साईंस सिटी, सीएम ने गांधी नगर में देखा जिसका सपना

 

देहरादून में साइंस सिटी के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के बीच समझौता
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉक्टर राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम समरेन्द्र कुमार ने समझौता ज्ञापन पर किये हस्ताक्षर
173 करोड़ रूपये की परियोजना है साइंस सिटी
88 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार एवं 85 करोड़ रूपये राज्य सरकार वहन करेगी
चार साल में साइंस सिटी का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य।

देहरादून 05 फरवरी। मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत की उपस्थित में शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में साइंस सिटी देहरादून के लिए उत्तराखण्ड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) उत्तराखण्ड शासन एवं राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् (एनसीएसएम ) के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉक्टर राजेंद्र डोभाल एवं सचिव एनसीएसएम ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। एनसीएसएम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की एक स्वायत्तशासी संस्था है जो देश में विज्ञान संग्रहालयों का निर्माण तथा संचालन करती है। साइंस सिटी देहरादून में विज्ञान धाम, झाझरा में विकसित होगी। साइंस सिटी लगभग चार वर्षों में बनकर तैयार हो जायेगी। 173 करोड़ रूपये की इस परियोजना के लिए 88 करोड़ रूपये केन्द्र सरकार एवं 85 करोड़ रूपये राज्य सरकार वहन करेगी।

मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि देहरादून में बनने वाली साइंस सिटी सबके आकर्षण का केन्द्र बने, इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। इसे निर्धारित समयावधि से पूर्व पूर्ण करने के प्रयास किये जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी बड़े प्रोजक्ट को पूरा करने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी है। सबके सामूहिक प्रयासों से यह प्रोजक्ट समय से पहले पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भारत की वैज्ञानिक संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। राज्य सरकार का प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड के वैशिष्ट्य को लोग साइंस सिटी के माध्यम से देख सकें। साइंस सिटी के लिए स्थान का चयन भी छात्र-छात्राओं एवं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

साइंस सिटी उत्तराखंड का निर्माण निर्धारित बजट एवं समय पूर्व किया जाएगा ,उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज देहरादून में एनसी एसएम एवं यूकॉस्ट के मध्य एमओयू हस्ताक्षर किए जाने के अवसर पर बताया कि 2005 में जब नरेंद्र भाई मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो प्रातः 11:00 बजे उनके साथ बैठने का समय सायंकाल का निर्धारित हुआ । उनके परामर्श पर मैं बचे समय में गांधी नगर का साइंस सेंटर देखने गया जो तब निर्माणाधीन था तभी मन में विचार आया कि हमारे उत्तराखंड में भी साइंस सेंटर होना चाहिए।
आज वह विचार कार्य रूप में परिणित होने जा रहा है ।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति वैज्ञानिक संस्कृति है यद्यपि मध्य के कुछ काल में हम इस से विरत रहे रिसर्च आदि का कार्य उतना नहीं हुआ जितना होना चाहिए था उत्तराखंड साइंस सिटी से इसे बल मिलेगा ।
मुख्यमंत्री के अनुसार राज्य के बड़े प्रोजेक्ट्स को टुकड़ों टुकड़ों में बजट दिया जाता था जिससे उनकी लागत एवं समय सीमा दोनों ही बढ़ जाती थी उन्होंने टिहरी में डोबरा चांठी पुल देहरादून में डॉट टनल का उदाहरण दिया जो वर्षों से पूर्ण नहीं हो पा रहे थे उनके एक साथ बजट देने के बाद ऐसे कई बड़े प्रोजेक्ट धरातल पर उतरे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना काल के कारण कुछ विलंब हो गया पर साइंस सिटी के निर्माण के बाद उत्तराखंड के आगंतुकों एवं नागरिकों की विज्ञान ज्ञान में बढ़ोतरी तो होगी ही राज्य का पर्यटन भी बढ़ेगा विशेषकर यहां के छात्रों को इससे बहुत लाभ होगा।
एन सी एस एम के सचिव एवं निदेशक एस कुमार ने बताया कि गांधीनगर, पटना, कोलकाता एवं गुवाहाटी के बाद देहरादून देश में पांचवी साइंस सिटी होगी
यूकोस्ट के महानिदेशक डॉक्टर राजेंद्र डोभाल नेे बताया कि  परियोजना की कुल लागत 173 करोड रुपए है जिसमें 88 करोड़ रुपए केंद्र सरकार तथा 85 करोड़ रुपए राज्य सरकार से दिए जाने है। साइंस सिटी देहरादून में खगोल एवं अंतरिक्ष विज्ञान, रोबोटिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विरासत ,भूगर्भीय जीवन , जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, वर्चुअल रियलिटी, ऑगमेंटेड रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि पर दीर्घा के साथ स्पेस थिएटर, तारामंडल, हिमालय की जैव विविधता पर डिजिटल पैनोरमा, सिम्युलेटर ,एक्वेरियम ,उच्च वोल्टेज , लेजर विज्ञान पर विशेष शो ,आउटडोर साइंस पार्क ,थीम पार्क ,बायोडोम, बटरफ्लाई पार्क, जीवाश्म पार्क एवं मिनीएचर के साथ ही कन्वेंशन सेंटर तथा प्रदर्शनी हॉल होंगे।

एमओयू हस्ताक्षर होने के अवसर पर साइंस सिटी के सलाहकार जीएस रौतेला ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिया ।

 

साइंस सिटी देहरादून में खगोल एवं अंतरिक्ष विज्ञान , रोबोटिक्स, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की विरासत, भूगर्भीय जीवन, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, वर्चुअल रियलिटी, ऑग्मेंटेड रियलिटी, आर्टिफीसियल इंटेलीजेन्स के साथ स्पेस थियेटर सह तारामंडल,  हिमालय की जैवविविधता पर डिजिटल पैनोरमा, सिम्युलेटर, एक्वेरियम, उच्च वोल्टेज व लेजर, आउटडोर साइंस पार्क, थीम पार्क, बायोडोम, बटरफ्लाई पार्क, जीवाश्म पार्क एवं मिनिएचर उत्तराखंड आदि होंगे। साथ ही अन्य सुविधाओं के रूप में कन्वेंशन सेंटर तथा प्रदर्शनी हॉल आदि भी साइंस सिटी का हिस्सा होंगे।
साइंस सिटी प्रदेश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संचार, लोकव्यापीकरण तथा नवप्रवर्तन की दिशा में विद्यार्थियों, शिक्षकों, आम नागरिकों एवं पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण तथा आकर्षण का केन्द्र होगी। केंद्र सरकार की स्पोक्स योजना में क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र देहरादून के साइंस सिटी देहरादून में उन्नयन के लिए राज्य सरकार के प्रस्ताव को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी। इस सैद्धांतिक मंजूरी के बाद संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के डेलीगेटेड इन्वेस्टमेंट बोर्ड (डीआईबी) की मंजूरी भी साइंस सिटी देहरादून के लिए अप्रैल 2020 में प्राप्त हो गई थी।
इस अवसर पर क्षेेेेेत्रीय (सहसपुर) विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉक्टर एस.एस. नेगी, मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार डॉक्टर नरेन्द्र सिंह, सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आर.के सुधांशु, एनसीएस एम  के भूतपूर्व महानिदेशक गंगा सिंह रौतेला, निदेशक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम डॉक्टर अजंन रे, डॉक्टर प्रकाश चौहान, अपर सचिव विजय यादव, अपर प्रमुख वन संरक्षक डॉक्टर समीर सिन्हा, यूकोस्ट के संंयुक्त निदेशक देवी प्रसाद उनियाल, जनसंपर्क अधिकारी अमित पोखरियाल, समाजसेवी राकेश ओबराय , भाजपा महानगर मीडिया प्रभारी राजीव उनियाल आदि उपस्थित थे।

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