SDRF ने बचाये खाई में फंसे गौवंश,छह मौतें,जांच, दोषियों होंगे दंडित
*गहरी घाटी, बीहड़ इलाका ,असहाय गोवंश और रेस्कयू करते SDRF जवान
लोगों ने मवेशियों को खाई के किनारे छोड़ा, छह की काली नदी में गिरकर मौत, एसडीआरएफ ने चलाया रेसक्यू
लोगों ने मवेशियों को खाई के किनारे छोड़ा, छह की काली नदी में गिरकर मौत, एसडीआरएफ ने चलाया रेसक्यू
बेसहारा मवेशियों से परेशान लोग अब खतरनाक कदम उठाने लगे हैं। ऐसा ही बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लाक के चीराबगड़ क्षेत्र में। कुछ लोगों ने नगर पंचायत के 18 मवेशियों को कालापानी गधेरे के पास छोड़ दिया जहां एक तीव्र पहाड़ ढलान से गिरकर छह मवेशियों की मौत हो गई।
बागेश्वर 02 फ़रवरी : बेसहारा मवेशियों से परेशान लोग अब खतरनाक कदम उठाने लगे हैं। ऐसा ही मामला सामने आया बागेश्वर जिले के कपकोट ब्लाक के चीराबगड़ क्षेत्र में। कुछ लोगों ने नगर पंचायत क्षेत्र के 18 मवेशियों को कालापानी गधेरे के पास छोड़ दिया, जहां एक तीव्र पहाड़ ढलान से गिरकर छह मवेशियों की मौत हो गई। जबकि 12 मवेशी गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम ने रेसक्यू अभियान चलाया।
सरकार ने भले ही गोवंशीय संरक्षण अधिनियम बनाए हुए हैं, लेकिन इसका असर कम ही दिख रहा है। कपकोट ब्लाक में तो कुछ लोगों ने नगर पंचायत क्षेत्र से बेसहारा मवेशियों को तीन किमी दूर जंगल के पास छोड़ दिया। वहां मवेशी संकरे रास्ते से कालापानी गधेरा पार करते समय तीव्र पहाड़ी ढलान में फंस गए। लौटने के प्रयास में छह मवेशियों की ढलान में गिरकर मौके पर ही मौत हो गई।
घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम बमुश्किल नौ मवेशियों को रेसक्यू कर सकी। तीन अभी भी तीव्र पहाड़ी ढलान में ही फंसे हैं। मवेशियों को काफी चोट भी लगी है। घटना के बाद पशु चिकित्सक को भी जानकारी दे दी गई है। उनके पहुंचते ही घायल मवेशियों का इलाज किया जाएगा। एसडीआरएफ की टीम में लीडर हृदयेश सिंह, शेखर नगरकोटी, सोहन चौबे, गिरजेश जोशी, टीका कार्की मौजूद थे।
कपकोट के प्रभारी एसडीएम राकेश चंद्र तिवारी ने बताया कि मामला गंभीर है। पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी। अगर पशु क्रूरता के मामले में कोई भी दोषी पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
शासन-प्रशासन की लापरवाही उजागर
बसहारा मवेशियों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को रोकने में शासन-प्रशासन पूरी तरह असफल दिखाई दे रहा है। प्रशासन को तो इतनी बड़ी घटना की जानकारी ही नहीं। लंबे समय से नगर पंचायत में रहने वाले लोग बेसहारा मवेशियों को गौ सदन भेजने की मांग कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष गोविंद कपकोटी ने कहा कि अभी भी नगर पंचायत क्षेत्र में 20 से अधिक बेसहारा मवेशी हैं।म्ल्द्ट्र्क्ििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििििि
2 फरवरी को SDRF पोस्ट कपकोट जनपद (बागेश्वर) को सूचना प्राप्त हुई कि चीरा बगड़ रोड से लगभग 3 किलोमीटर ऊपर जंगल काला पानी गधेरा मैं कुछ गोवंश पशु फंसे हुए हैं
उपरोक्त सूचना पर SDRF टीम तत्काल हेडकांस्टेबल हृदेश परिहार के हमराह आवश्यक संसाधन सहित घटना स्थल को रवाना हुई
SDRF टीम स्थानीय ग्रामीणों के साथ जंगल मे पगडण्डियों भरे उबड़ खाबड़ रास्ते से लगभग 2 किमी की दूरी तय कर घटना स्थल पर पहुंचें। घटना स्थल जंगल मे एक वीरान घाटी थी जहां एक बार पहुंच कर गो वंश का वापस आना आसान नही था।
टीम ने मौके पर देखा कि *6 गोवंश मृत अवस्था में थे जबकि 12 गोवंश पशु घायल ओर असहाय थे*, ये गोवंश लावारिस हालत में चारे की तलाश में गहरी खाई में फंसे थे सम्भवतः किसी की नजर न पड़ने से भूख प्यास से अत्यधिक कमजोर हो गए थे।घायल गायों की स्थिति को देखते हुए जवानों के द्वारा वैकल्पिक मार्ग भी बनाया गया
टीम द्वारा तत्काल ही ग्रामीणों की सहायता से 9 गोवंश को सुरक्षित निकाला, जबकि 03 अत्यधिक घायल होने के कारण खड़े होने में असमर्थ थे जिस कारण वहां निकालना आसान नही था इस दशा में स्थानीय समाजसेवी द्वारा वेटरनरी डॉक्टर से संपर्क किया और मौके पर ही पशुओं का उपचार करने का अनुरोध एवम परामर्श दिया।
SDRF टीम द्वारा कल भी स्थानीय क्षेत्र में घाटी क्षेत्र में सर्चिंग की जाएगी। साथ ही स्थानीय प्रशानिक अधिकारियों को भी उपरोक्त गोवंश रेस्कयू की जानकारी से अवगत कराया गया है।
*SFRF* उत्तराखंड पुलिस टीमों द्वारा मानसून काल मे अनेक गोवंश रेस्कयू किये जाते है, जो गो वंश चारे की तलाश में तेज बहाव नदियों में नदी किनारे ओर टापुओं में फंस जाती, यह प्रथम मामला है जो शीत ऋतु में इतनी बड़ी संख्या में गोवंश रेस्कयू किया गया। विगत वर्ष टीम द्वारा 60 से भी अधिक गोवंश रेस्कयू किये थे, सम्पूर्ण अभियान की स्थानीय स्तर पर अत्यधिक सराहना की जा रही है