सेक्सटोर्शन करने वाला गिरोह पुलिस के फंदे में

दिल्ली में हनीट्रैप गिरोह का पर्दाफाश, खूबसूरत लड़कियों की फर्जी प्रोफाइल बनाकर करते थे उगाही
लड़कियों का फर्जी प्रोफाइल बनाकर करते थे लोगों से दोस्ती
संयुक्त आयुक्त क्राइम ब्रांच बीके सिंह के मुताबिक पिछले दिनों दिल्ली में कई शिकायतें मिली थी। पीड़ित सोशल मीडिया पर खूबसूरत लड़कियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट देखकर झांसे में फंस जाते थे। गिरोह के सदस्य जाल में फंसे लोगों को वीडियो कॉल कर आपत्तिजनक स्थिति के लिए उक्साते थे

नई दिल्ली16 जून।। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हनीट्रैप के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो इंटरनेट मीडिया पर खूबसूरत लड़कियों की फर्जी प्रोफाइल बनाकर पहले लोगों से दोस्ती करता था। फिर वीडियो काल कर उन्हें अश्लील हरकतें करते हुए वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर उगाही करता था। पैसे देने में आनाकानी करने पर गिरोह वीडियो वायरल करने की धमकी देता था। पुलिस ने सेक्सटॉर्शन’ करने वाले गिरोह के माइस्टरमाइंड बरकत अली को मेवात, हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का दावा है कि यह गिरोह दिल्ली समेत कई राज्यो में अबतक ‘सेक्सटॉर्शन’ के जाल में 200 से अधिक लोगों को फंसा कर उनसे लाखों रुपये ठगी कर चुका है। इसके पास से वारदात में इस्तेमाल फोन भी बरामद हुआ है।

संयुक्त आयुक्त क्राइम ब्रांच बीके सिंह के मुताबिक पिछले दिनों दिल्ली में कई शिकायतें मिली थी। पीड़ित सोशल मीडिया पर खूबसूरत लड़कियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट देखकर झांसे में फंस जाते थे। गिरोह के सदस्य जाल में फंसे लोगों को वीडियो कॉल कर आपत्तिजनक स्थिति के लिए उक्साते थे। दूसरी तरफ आपत्तिजनक वीडियो चलाकर पीड़ि‌त की वीडियो रिकॉर्ड कर लेते थे। जिसके बाद वीडियो वायरल करने की धमकी देकर वसूली करते थे।

डीसीपी डॉक्टर जॉय टिर्की की देखरेख में एसीपी गिरीश कौशिक, इंस्पेक्टर संजय कुमार, एसआई महावीर सिंह, एएसआई ब्रजलाल, मुकेश व सिपाही मिंटू की टीम को टेक्निकल सर्विलांस में पता चला कि उक्त मामले में मेवात के रहने वाले गिरोह का हाथ है। टीम ने मेवात पहुंच कर 14 जून को सरगना बरकत अली को गिरफ्तार कर लिया। वह हरियाणा के पलवल का रहने वाला है। पूछताछ में उसने बताया कि वह फेसबुक, वाट्सएप, टेलीग्राम, टिंडर आदि इंटरनेट मीडिया पर खूबसूरत लड़कियों की फोटो के साथ फर्जी प्रोफाइल बनाकर लोगों को जाल में फंसाता था। उसके जाल में फंसे लोग से 15 से 20 हजार वसूलता था। ताकि लोग आसानी से इतनी रकम दे दें और पुलिस के पास भी न जाएं।

यह गिरोह पहले आर्मी का जवान बनकर लोगों से कार, बाइक व अन्य सामान बेचने के नाम पर ठगी करता था। बाद में रैकेट के नाम पर ब्लैक मेलिग का धंधा शुरू कर दिया। इस गिरोह के खिलाफ लूटपाट के भी कई मामले दर्ज हैं।

 

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