NCP के पंवार जेपीसी के विरोध में तो अजीत ईवीएम पर कांग्रेस विरोध में

 

विपक्ष में टूट? बदल गए NCP के सुर, शरद पवार अडानी पर तो भतीजे अजीत EVM पर कांग्रेस के गए खिलाफ
इस समय विपक्ष अडानी के मामले पर सीधे पीएम मोदी पर हमलावर है। राहुल गांधी लगातार अडानी-हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर ​पीएम मोदी को घेर रहे हैं। साथ ही ईवीएम के मुद्दे पर विपक्ष सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साध रहा है। लेकिन अब इन दोनों मुद्दों पर विपक्षी एकता टूटती दिख रही है।
शिशुपाल कुमार

मुंबई 07 अप्रैल। पिछले कुछ महीनों से 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता को लेकर सभी विपक्षी पार्टियां कोशिश करती दिख रहीं थीं। कांग्रेस इस मामले में पीछे थी और उसने इसके लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार को आगे कर रखा था। राहुल गांधी की सजा और सदस्यता रद्द के मामले पर विपक्षी पार्टियां एक भी दिख रही थीं, लेकिन कुछ दिनों के अंदर ही इस एकता पर सवाल उठ गया है। जिन मुद्दों को लेकर विपक्ष इस समय मोदी सरकार पर हमलावर है, उन्हीं मुद्दों पर शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार ने अलग रूख अपना लिया है।

पलटने लगा खेल

दरअसल इस समय विपक्ष अडानी के मामले पर सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर हमलावर है। राहुल गांधी लगातार अडानी-हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को घेर रहे हैं। साथ ही ईवीएम के मुद्दे पर विपक्ष सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साध रहा है। ईवीएम के मुद्दे पर तो कांग्रेस ने शरद पवार ही विपक्ष को लीड करने की जिम्मेदारी दे रखी थी। विपक्ष इस मामले पर कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रहा था, लेकिन अब खेल पलटने लगा है।
अडानी मामले पर शरद पवार ने दिया झटका

‘गौतम अडानी पर शरद पवार का विचार ही एनसीपी का भी’, अब क्या करेगी कांग्रेस


गौतम अडानी- वीर सावरकर पर शरद पवार के रुख को समझिए, क्या कांग्रेस से बढ़ रही है दूरी

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि आजकल अंबानी-अडानी का नाम लिया जा रहा है, लेकिन हमें देश में उनके योगदान के बारे में सोचने की जरूरत है। इससे पहले शरद पवार कांग्रेस के अडानी वाले मामले पर जेपीसी की मांग से भी दूरी बना चुके हैं। शरद पवार ने कहा- “मुझे लगता है कि बेरोजगारी, महंगाई और किसानों के मुद्दे जैसे अन्य मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण हैं। जो मुद्दे रखे गए, किसने ये मुद्दे रखे, जिन लोगों ने बयान दिए उनके बारे में हमने कभी नहीं सुना कि उनकी क्या पृष्ठभूमि है। जब वे ऐसे मुद्दे उठाते हैं जिससे पूरे देश में हंगामा होता है, तो इसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है, इन चीजों की हम अनदेखी नहीं कर सकते। ऐसा लगता है कि इसे निशाना बनाने के मकसद से किया गया।

चाचा शरद के बाद भतीजे अजीत ने भी कर दिया खेल
शरद पवार ने अडानी के मुद्दे पर जैसे ही कांग्रेस को झटका दिया, भतीजे अजीत पवार भी शनिवार दोपहर सामने आए और ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस से अलग स्टैंड दिखा गए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र के विपक्ष के नेता अजीत पवार ने शनिवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) भरोसेमंद है। इस सिस्टम को एक व्यक्ति द्वारा हेरफेर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव हारने वाले राजनीतिक दल अक्सर अपने प्रदर्शन के लिए ईवीएम को दोष देते हैं लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि चुनावी हार लोगों का जनादेश है। उन्होंने कहा- “मुझे ईवीएम पर भरोसा है। एक अकेला व्यक्ति ईवीएम में हेरफेर नहीं कर सकता है। यह एक बड़ी प्रणाली है और इसमें कई चीजें शामिल हैं। हालांकि, चुनाव में हार का सामना करने वाली पार्टी वोटिंग मशीन को दोष देती है लेकिन यह समझना चाहिए कि चुनाव परिणाम लोगों का जनादेश है। अगर ईवीएम में खामी होती तो विपक्षी दल छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, केरल, तमिलनाडु समेत विभिन्न राज्यों में सरकार नहीं बना पाते।”

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