शरजील इमाम पर चलेगा देशद्रोह का मुकदमा,दो साल से है तिहाड़ में
शरजील इमाम पर देशद्रोह का केस चलेगा:CAA विरोधी प्रदर्शन और असम को देश से काटने पर दिया था बयान, 2 साल से तिहाड़ जेल में बंद है
दिल्ली24 जनवरी।अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और दिल्ली के जामिया इलाके में भड़काऊ भाषण देने वाले शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का केस चलेगा। दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने सोमवार को भड़काऊ भाषणों से जुड़ी FIR के आधार पर शरजील के खिलाफ आरोप तय किए। एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने यह आदेश दिया। शरजील पर दो समुदायों के खिलाफ दुश्मनी को बढ़ावा देने, भड़काने और देशद्रोह से जुड़ी धाराओं के तहत भी आरोप तय किए गए थे।
भीड़ को भड़काने वाले भाषण दिए थे
JNU के स्टूडेंट रहे इमाम पर 13 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया इलाके में और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित भड़काऊ भाषण देने का आरोप था। इस पर उसके खिलाफ देशद्रोह और दूसरी धाराओं में FIR दर्ज की गई थी।
शरजील के खिलाफ मौजूदा FIR धारा 124 A, 153 A, 153 B, 505 और UAPA की धारा 13 के तहत दर्ज की गई थी। प्रॉसिक्यूशन ने अदालत से कहा था कि इमाम ने यह कहकर भीड़ को भड़काने की कोशिश थी कि जनता के गुस्से को प्राेडक्टिव तरीके से इस्तेमाल करने की जरूरत है।
दोस्तों शाहीन बाग़ की असलियत देखें:
१)असम को इंडिया से काट कर अलग करना हमारी ज़िम्मेदारी
२)”Chicken Neck” मुसलमानो का है
३)इतना मवाद डालो पटरी पे की इंडिया की फ़ौज Assam जा ना सके
४)सारे ग़ैर मुसलमानो को मुसलमानों के शर्त पर ही आना होगा
If this is not ANTI NATIONAL then what is? pic.twitter.com/kgxl3GLwx1— Sambit Patra (@sambitswaraj) January 25, 2020
शरजील के बयान पर भाजपा नेता संबित पात्रा की पोस्ट
जनवरी 2020 को हुई थी गिरफ्तारी
बयान का वीडियो सामने आने के बाद शरजील इमाम चर्चा में आ गया था। इसके बाद उसे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन से जुड़े कई मामलों में आरोपी बनाया गया। शरजील को जनवरी 2020 में भड़काऊ भाषण और देशद्रोह से जुड़े एक और मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था। इसमें उसने कहा था कि भारत से असम को अलग कर दिया जाना चाहिए।
शरजील ने कहा था कि अगर हम असम की मदद करना चाहते हैं, तो हमें भारतीय सेना और सप्लाई के लिए असम का रास्ता रोकना होगा। ‘चिकन नेक’ मुसलमानों का है। चिकन नेक 22 किमी का हाईवे है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
साकेत कोर्ट भी खारिज कर चुका जमानत याचिका
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने भी शरजील इमाम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अर्जी खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कहा था कि 13 दिसंबर, 2019 के भाषण को सरसरी तरीके से पढ़ने से पता चला कि यह साफ तौर से सांप्रदायिक है। इस तरह के भाषण से समाज की शांति बिगड़ती है। हम वही होते हैं, जो हमारे विचार हमें बनाते हैं। इसलिए आप क्या सोच रहे हैं, इस बात का ध्यान रखें। शब्द बहुत महत्वपूर्ण नहीं हैं, लेकिन विचार जिंदा रहते हैं। वे ज्यादा असर डालते हैं और दूर तक जाते हैं।
अब तक 1153 लोग आरोपित बनाए गए
पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा को लेकर 750 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए। इस हिंसा में करीब 53 लोग मारे गए और कई लोग घायल हुए थे। दंगों से जुड़े मामलों में अब तक 250 से ज्यादा चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं। इनमें 1,153 लोगों को आरोपित बनाया जा चुका है।