शिमला में अवैध मस्जिद पर बवाल, कांग्रेस-भाजपा पहली बार एकमत

मोहब्बत की दुकान’ में नफरत ही नफरत… शिमला में मस्जिद को लेकर घमासान, ओवैसी का प्रदेश सरकार पर  निशाना
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया.ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा, “क्या हिमाचल की सरकार भाजपा की है या कांग्रेस की? हिमाचल की ‘मोहब्बत की दुकान’ में नफ़रत ही नफ़रत है.”

शिमला के संजौली क्षेत्र में मस्जिद के अवैध निर्माण पर हिमाचल प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. इस मुद्दे पर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच तीखी बयानबाज़ी शुरू हो गई है. इस मामले पर असदुद्दीन ओवैसी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है, जबकि राज्य के कई मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मस्जिद के निर्माण पर सवाल उठाए हैं. बड़ी बात ये है कि प्रदेश सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी इस निर्माण को लेकर सरकार व प्रशासन पर सवाल उठाए हैं, इसे लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है.
अनिरुद्ध सिंह ने प्रशासन पर उठाए सवाल
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में मस्जिद निर्माण के मुद्दे पर कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, “संजौली बाज़ार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है. चोरियां हो रही हैं, लव जिहाद जैसी घटनाएं हो रही हैं, जो प्रदेश और देश के लिए खतरनाक हैं. मस्जिद का अवैध निर्माण हुआ है. पहले एक मंजिल बनाई, फिर बिना परमिशन के बाकी मंजिलें बनाई गईं. 5 मंजिल की मस्जिद बना दी गई है. प्रशासन से यह सवाल है कि मस्जिद के अवैध निर्माण का बिजली-पानी क्यों नहीं काटा गया?”

क्या बोले असदुद्दीन ओवैसी ?
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया. ओवैसी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा, “क्या हिमाचल की सरकार भाजपा की है या कांग्रेस की? हिमाचल की ‘मोहब्बत की दुकान’ में नफ़रत ही नफ़रत है.”

पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की कार्रवाई की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मस्जिद के अवैध निर्माण को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा, “मस्जिद का अवैध निर्माण करना दुर्भाग्यपूर्ण है, और इस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए.”

क्या बोले विक्रमादित्य सिंह
वहीं, कांग्रेस के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस मुद्दे पर सावधानी बरतने की अपील की. उन्होंने कहा, “हिमाचल का इतिहास सभी को साथ लेकर चलने का है. हमें इस मुद्दे पर संभल कर आगे बढ़ना होगा और सभी की भावनाओं का सम्मान करना होगा. सरकार कानून के तहत न्यायपूर्ण कार्रवाई करेगी, और धर्म के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.”

इस विवाद के चलते शिमला में मस्जिद निर्माण का मुद्दा अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है. कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं.

लोगों ने किया विरोध-प्रदर्शन
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली उपनगर में मस्जिद के कथित अवैध निर्माण को लेकर सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और मस्जिद का घेराव कर दिया. यह लोग अवैध निर्माण को तुड़वाने की मांग कर रहे थे. स्थानीय लोगों ने पहले संजौली बाजार में एकजुट होकर विरोध मार्च निकाला और फिर मस्जिद के बाहर पहुंचकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कई घंटों तक चला, जिससे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई.

कैसे शुरू हुआ था विवाद?
इस विवाद की शुरुआत शुक्रवार शाम मल्याणा में हिंदू और  कुछ मुसलमानों में हुए संघर्ष से हुई थी. एक मुस्लिम ने स्थानीय दुकानदार यशपाल सिंह पर हमला किया, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आईं और 14 टांके लगे. इसके बाद स्थानीय लोगों ने आरोपित के खिलाफ हत्या के प्रयास (अटेम्प्ट टू मर्डर) की धारा में मामला दर्ज करने की मांग की. साथ ही, इलाके की बदलती जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को लेकर भी लोगों में चिंता बढ़ रही है.

विधानसभा तक पहुंचा मुद्दा
मौके पर पहुंचकर स्थानीय प्रशासन ने स्थिति शांत करने की कोशिश की. नगर निगम शिमला के आयुक्त भूपेंद्र अत्री, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी और उपायुक्त अनुपम कश्यप ने लोगों से बातचीत कर स्थिति नियंत्रित की. इसके बाद ये मामला तूल पकड़ता गया और विधानसभा में भी उठा.

एक मंजिल की थी अनुमति, बना लीं तीन
आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने बताया कि मस्जिद को केवल एक मंजिल के निर्माण की अनुमति थी, लेकिन अन्य तीन मंजिलें अवैध बनाई गई हैं.  अवैध निर्माण का मामला कोर्ट में चल रहा है और वक्फ बोर्ड  इस मामले में पार्टी  है. भूपेंद्र अत्री ने आश्वासन दिया कि मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई होगी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब से मामला कोर्ट में है, तब से कोई नया निर्माण नहीं हुआ है.

पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि वह सामाजिक तनाव नहीं बढ़ने देंगे और कानून पूरी तत्परता के साथ अपना काम करेगा. उन्होंने मारपीट के मामले में हत्या के प्रयास (अटेम्प्ट टू मर्डर) की धारा में मामला दर्ज करने की पुष्टि की और बताया कि मामले की जांच एएसपी रतन नेगी करेंगे. उपायुक्त अनुपम कश्यप ने भी लोगों की शिकायतों को सुना और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

अनिरुद्ध और जनारथा में अधिकार क्षेत्र पर बहस 

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में अवैध रूप से बनी मस्जिद पर कानून में कार्रवाई होगी। यह बात लोकनिर्माण मंत्री व शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा में विधायक हरीश जनारथा और बलबीर वर्मा ने नियम 62 में लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में कही।

चर्चा के दौरान शिमला के विधायक हरीश जनारथा और ग्रामीण विकास मंत्री व कसुंपटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह के बीच एक-दूसरे के क्षेत्र में दखल देने को लेकर व्यंग्य भी कसे गए।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मस्जिद में अवैध निर्माण का मामला नगर निगम शिमला की आयुक्त की अदालत में वर्ष 2010 से विचाराधीन है और इस पर जैसे ही फैसला आएगा, वैसे ही फैसले के अनुसार कार्रवाई होगी।

उन्होंने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के विधायकों से इस मामले को तूल न देने का आग्रह किया, ताकि सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे।

इससे पूर्व विधायक बलबीर वर्मा ने मामला उठाते हुए कहा कि संजौली में अवैध रूप से बनी मस्जिद की चार मंजिलें तुरंत गिरायी जाए और मस्जिद में सारी गतिविधियां रोकी जाए ताकि मस्जिद के आस-पास रह रहे अन्य धर्मों के लोगों की भावनाएं आहत न हों।

उन्होंने कहा कि मस्जिद में अवैध रूप से हुए निर्माण और अन्य गतिविधियों का संजौली के निवासियों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर विरोध किया है। उन्होंने इस मस्जिद के कारण संजौली में सांप्रदायिक माहौल खराब होने का भी आरोप लगाया।

शिमला के विधायक हरीश जनारथा ने मस्जिद के कारण किसी भी तरह के तनाव से इनकार किया और कहा कि यह मस्जिद 1960 से पहले की है। हालांकि इसकी तीन मंजिलों का अवैध रूप से वर्ष 2010 के बाद निर्माण हुआ है।

उन्होंने यह भी कहा कि यह मस्जिद वक्फ बोर्ड की जमीन पर बनी है और इस मस्जिद में बाहरी राज्यों के ही नहीं, बल्कि स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग भी रहते हैं।

उन्होंने कहा कि मस्जिद में अवैध रूप से बनाए गए शौचालयों को हटाया गया है। उन्होंने इस मामले पर कुछ लोगों पर जबरन सनसनी फैलाने का आरोप लगाया।

इसी मुद्दे पर ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने स्थानीय विधायक की सभी दलीलों को नकारते हुए कहा कि हरीश जनारथा ने शिमला में सिर्फ 190 मुस्लिम तहबाजारी होने का दावा किया, जबकि इनकी संख्या 1900 से भी अधिक है।

उन्होंने कहा कि शिमला में सिर्फ हिमाचली बोनाफाइड लोगों को ही तहबाजारी मिलनी चाहिए और बाहरी लोगों को दी गई सारी अनुमतियां रद्द की जानी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि संजौली में जिस मस्जिद से सांप्रदायिकता फैली है, उसमें अवैध निर्माण के मामले में अभी तक 44 पेशियां लग चुकी हैं,लेकिन फैसला अभी तक नहीं हुआ है।

उन्होंने इस ट्रायल को दिखावा बताया। उन्होंने दावा किया कि वह शिमला में कुछ ऐसे लोगों को जानते हैं, जो बांग्लादेशी हैं और इनकी वैरीफिकेशन की जानी चाहिए।

पहले दो परिवार थे
शिमला के संजौली में मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करते लोग।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मस्जिद  निर्माण के विरोध में उपनगर संजौली और चौड़ा मैदान में विभिन्न संगठनों के साथ स्थानीय लोग भी सड़कों पर प्रदर्शन कर मस्जिद को गिराने की मांग कर रहे हैं।

प्रदर्शन में पूरे प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से लोग पहुंचे हैं। पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी प्रदर्शन स्थल पर गए। मामले पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जो भी कानून हाथ में लेगा, उस पर कार्रवाई होगी।

बीते शनिवार (31 अगस्त) की शाम मुसलमानों  ने एक स्थानीय व्यक्ति को पीटा। इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपितों को गिरफ्तार किया। मारपीट के बाद यह मामला तूल पकड़ने लगा। अब हिंदू संगठन और कई स्थानीय लोग मस्जिद गिराने की मांग पर अड़ गए हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले यहां छोटी सी मस्जिद थी और केवल दो ही परिवार रहते थे, लेकिन कुछ सालों में काफी संख्या में बाहर से लोग आने लगे। मस्जिद के इमाम का दावा है कि मस्जिद 1947 से पहले की है।

शिमला के संजौली में मस्जिद के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग।
संजौली में 5 दिन से मस्जिद पर चल रहा हंगामा
शिमला के संजौली में पॉश इलाके में बिना अनुमति और नक्शा  5 मंजिला मस्जिद बना दी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बड़ी संख्या में मुस्लिम नमाज पढ़ने आते हैं। 4 दिन पहले प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आरोप लगाया था कि मुस्लिम समुदाय के लोग कुछ घरों में तांक-झांक कर रहे थे।

हिंदू संगठन मस्जिद तोड़ने पर अड़े
प्रदर्शन में लोगों ने मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा पाठ भी किया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय ने मारपीट की। मारपीट की सूचना पर पहुंची पुलिस ने 6 जनें गिरफ्तार किये। मामला तूल पकड़ने लगा और लोग मस्जिद को गिराने पर अड़ गए।

वहीं, चौड़ा मैदान में देवभूमि क्षेत्रीय संगठन के आह्वान पर बड़ी संख्या में लोग मस्जिद का विरोध करने पहुंच गए। तनाव की आशंका देख जिला प्रशासन ने देवभूमि क्षेत्रीय संगठन को संजौली में प्रदर्शन नहीं करने दिया।

शिमला के उपनगर संजौली में मस्जिद के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग।
स्थानीय लोग बोले- पहले 2 परिवार थे, अब सैकड़ों लोग पहुंच रहे
संजौली निवासी 73 वर्षीय श्याम लाल ने बताया कि पहले यहां छोटी मस्जिद थी। 2 ही मुसलमान परिवार यहां रहते थे, लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान यहां बड़ी संख्या में बाहर से आकर लोग बसने लगे। बाहरी लोगों ने ही यहां बहुमंजिला मस्जिद बनाई। जो मस्जिद पहले बनी थी, वो कच्ची और दोमंजिला थी। नमाज के वक्त यहां लोगों की काफी भीड़ होती है। इससे लोगों का इस इलाके में चलना भी मुश्किल हो जाता है।

इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद
मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कतें आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा।

राज्य सरकार बोली- 2010 में शुरू हुआ था अवैध निर्माण
राज्य सरकार के अनुसार, मस्जिद पुरानी है, लेकिन अ‌वैध निर्माण 2010 में शुरू हुआ। इसके बाद 30 से 35 बार अवैध निर्माण रोकने के लिए नोटिस दिए गए, लेकिन कंस्ट्रक्शन नहीं रोका गया। कमिश्नर कोर्ट में 44 पेशी लग चुकी हैं। इस मामले में अगली सुनवाई 7 सितंबर को होनी है।

संजौली में मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए लोग।
मंत्री अनिरुद्ध बोले- ओवैसी खुद भाजपा की टीम-बी
अनिरुद्ध सिंह ने असदुद्दीन ओवैसी की बयानबाजी पर कहा कि हिमाचल प्रदेश  ओवैसी की जागीर नहीं है। अवैध निर्माण और शहर का माहौल खराब करने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। ओवैसी खुद भाजपा की टीम-बी हैं। वे हिमाचल को नहीं समझते। उनकी राजनीति सिर्फ इस्लाम पर चलती है।

संजौली में मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए लोग।
देवभूमि का माहौल खराब हो रहा’
देवभूमि क्षेत्रीय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने कहा- एक विशेष समुदाय ने शिमला में काफी जगह पर कब्जा कर रखा है। एक दिन हिमाचल बांग्लादेश बन जाएगा। इसलिए हिमाचल को बचाने के लिए हमें जागना होगा। संजौली में अवैध मस्जिद को गिराना होगा। देवभूमि का माहौल खराब करने की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। इसलिए आज सड़कों पर उतरे हैं। आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।

शिमला के संजौली में बनी बहुमंजिला मस्जिद।
मंत्री विक्रमादित्य बोले- कानूनी कार्रवाई करेंगे
इसी मामले में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने 4 सितंबर को सदन में कहा था, नगर निगम आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। अगर कोर्ट मस्जिद को अवैध बताता है तो नियमों से कार्रवाई होगी।

पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह मस्जिद और विशेष समुदाय पर सख्त कार्रवाई की पैरवी करते नजर आए। उन्होंने कहा, नए-नए मुसलमान रोज यहां आ रहे हैं। क्या ये रोहिंग्या हैं? मैं कुछ ऐसे लोगों को जानता हूं, जो बांग्लादेशी है।

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