सीएए के समर्थन में उतरे क़ाज़ी सैयद अशरफ हुसैन क़ादरी,बयान किया जारी
CAA के समर्थन में उतरे काजी सैयद अशरफ हुसैन कादरी, कहा- अध्ययन करने पर पता चला कि इससे देश के मुस्लिमों का कोई लेना देना नही
आल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रदेश अध्यक्ष काजी सैयद अशरफ हुसैन कादरी ने मुस्लिमों को गुमराह भयभीत करने वाले उन लोगों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें एक बार क़ानून का पढ़ लेना चाहिए। तभी समझ में आएगा कि हकीकत क्या है। बिना किसी कानून का अध्ययन किए कोई बात कहना देश में अराजकता को बढ़ावा देना है। कहा कि राजनीतिक लोग यह कार्य कर रहे हैं।
CAA के समर्थन में उतरे काजी सैयद अशरफ हुसैन कादरी
HIGHLIGHTS
आल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रदेश अध्यक्ष ने मुस्लिमों को डराने, गुमराह करने वालों पर दी प्रतिक्रिया
बिना किसी कानून का अध्ययन किए कोई बात कहना देश में अरातकता को बढ़ावा देना है
देहरादून 29 फरवरी 2024। आल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रदेश अध्यक्ष व नायब सुन्नी शहर काजी सैयद अशरफ हुसैन कादरी ने कहा कि देशभर में सीएए को लेकर फिर चर्चा होने लगी है। कुछ लोग मुस्लिमों को बहकाने, डराने व गुमराह कर रहे हैं।
इस कानून का अध्ययन करने के बाद पता चला कि इस कानून से देश के मुस्लिमों का कोई लेना देना नही है। यह कानून उन लोगों से संबंध रखता है जो अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बंगला देश, श्रीलंका व म्यामार से आए हैं। जो अभी तक भारत में रह रहे हैं उन को अब तक नागरिकता नहीं मिली है, ऐसे लोगों को नागरिकता दी जाएगी।
गुरुवार को प्रेस को जारी बयान में उन्होंने कहा कि यह कानून केंद्र सरकार काफी समय पहले लेकर आई थी जिसे लागू करना चाहती थी। लेकिन हकीकत को समझे बगैर देशभर में बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन के कारण लागू नहीं हो सका।
अब सरकार लागू करना चाहती है।इस कानून में देश में रह रहे मुस्लिमों की नागरिकता पर कोई प्रश्न चिह्न नहीं उठाया गया। यह कैसे मुमकिन हो सकता है कि यहां सदियों से रह रहें मुस्लिमों की नागरिकता को छीन लिया जाएगा। इसलिए कोई भी सरकार य कदम नहीं उठाना चाहेगी।
उन्होंने मुस्लिमों को गुमराह, भयभीत करने वाले उन लोगों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें एक बार क़ानून का पढ़ लेना चाहिए। तभी समझ में आएगा कि हकीकत क्या है। बिना किसी कानून का अध्ययन किए कोई बात कहना देश में अराजकता को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोग यही सब कार्य कर रहे हैं।