बलिदानी SHO अश्विनी की मां की भी सांसें थमी, मां-बेटे का एक साथ दाह संस्कार
बेटे के साथ मां की सजी चिता:किशनगंज के शहीद SHO की मां यह खबर सुन चल बसीं, पूर्णिया में दोनों की साथ उठी अर्थी
… और पंचतत्व में विलीन हो गए किशनगंज के शहीद इंस्पेक्टर, मां के भी हुआ अंतिम संस्कार
शहीद इंस्पेक्टर को सलामी देते पुलिस अधिकारी।
किशनगंज टाउन थाना के अध्यक्ष अश्विनी एवं उनकी मां का एक साथ दाह पूर्णिया में दाह संस्कार कर दिया गया। शव यात्रा में काफी संख्या में अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद थे। एमएलसी एमएलए आईजी कमीश्नर डीएम एसपी सहित गणमान्य लोग जुलूस में हुए शामिल।
पूर्णिया 11 अप्रैल। रूदन और चित्कार के बीच किशनगंज टाउन थाना के अध्यक्ष अश्विनी एवं उनकी मां उर्मिला देवी की अर्थी एक साथ जानकीनगर थाना क्षेत्र का पांचू गांव से रविवार को दोपहर निकली। किशनगंज की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल के पांजीपाड़ा थाना क्षेत्र के पनता पाड़ा में 10 अप्रैल को अल सुबह बाइक चोरों को गिरफ्तार करने गए इंस्पेक्टर अश्विनी की अपराधियों ने हत्या कर दी थी। उनका शव जब उनके पैतृक गांव पांचू गांव पहुंचा तो उनकी 70 वर्षीय माता उर्मिला देवी बेटे की मौत का गम बर्दाश्त नहीं कर सकी और उन्होंने भी रविवार की अल सुबह दम तोड़ दिया। दोहरी त्रासदी के बीच रविवार को उमड़े जन सैलाब के साथ मां और बेटे की अर्थी एक साथ निकाली गई। हर चेहरे स्तब्ध थे, हर आंखों में आंसुओं का सैलाब था जो कभी प्रारब्ध तो कभी नियति को कोस रहे थे। इंस्पेक्टर की पत्नी, बेटे-बेटी परिजन जहां दहाड़ मार कर रो रहे थे वहीं ग्रामीण नम आंखों से अश्विनी अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा, अश्विनी तेरा नाम रहेगा नारे लगाते हुआ अर्थी को श्मसान घाट तक ले गये। शव यात्रा में पूर्णिया प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुरेश चौधरी, प्रमंडलीय आयुक्त राहुल महिवाल, जिलाधिकारी राहुल कुमार, पुलिस अधीक्षक दयाशंकर, विधानपार्षद दिलीप जायसवाल, विधायक कृष्ण कुमार ऋषि सहित दर्जनों गणमान्य शामिल हुए। शव की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्ठि की गई तथा अग्नि के सुपूर्द करने से पूर्व उन्हें पुलिस कर्मियों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। अश्विनी के परिजन को पूर्णिया प्रक्षेत्र के सभी पुलिस कर्मियों ने एक दिन का वेतन करीब 50 लाख रुपये तथा आईजी ने 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। साथ ही अनुकंपा पर एक व्यक्ति को नौकरी देने की भी घोषणा की गई है।
शनिवार की शाम से ही अश्विनी के पांचू गांव में गणमान्य लोगों के आने का सिलसिला जारी था। उनकी पत्नी व बच्चे तथा एक बहन तो शनिवार को ही गांव आ गए थे। लेकिन उनकी दूसरी बहन रविवार को सुबह घर पहुंची। अश्विनी का शव शनिवार को गांव पहुंचने के बाद से ही पूरे गांव का माहौल गमगीन था। उनकी पत्नी पछाड़ खाकर शव पर गिर रही थी और बेहोश जा रही थी तो उनकी बड़ी बेटी नैन्सी उन्हें सहारा देने का प्रयास कर रही थी। एक और छोटी बेटी तथा सबसे छोटा बेटा सबों को मुंह निहार रहा था तथा बीच बीच में पूछ रहा था पापा उठ क्यों नहीं रहे हैं…। पूरे गांव के लोग स्तब्ध थे कि यह क्या हो गया। अश्विनी की मौत की खबर किसी को पच ही नहीं रह रही थी। दो दिनों से किसी के घर में चुल्हा नहीं जला था। रविवार को सुबह से ही अधिकारियों एवं गणमान्य लोगों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। पुलिस महानिरीक्षक, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, परगनाधिकारी, एसडीपीओ सहित प्रखंड स्तरीय अधिकारियो के अलावा पूर्णिया, कटिहार से भी पुलिसकर्मी पहुंचे थे। एमएलसी, एमएलए भी पहुंचे। सभी ने परिजनों से बातें कर उन्हे ढाढस बंधाया। दोपहर जब मां-बेटे की अर्थी एक साथ उठाई गई तो हर लोगों को कलेजा पसीजने लगा। रूदन और चित्कार से सभी कलेजा दहल रहा था। जैसे जैसे अर्थी आगे बढ़ती गई लोगों का भीड़ उमड़ती गयी। करीब आधा किमी की दूरी पर स्थित श्मशान तक पहुंचने में काफी समय लग गया। अपने जांबाज बेटे को सभी कांधा देना चाह रहे थे। अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों ने भी बारी-बारी से उन्हे कांधा दिया। घाट पर चिता सजाई गई जहां पुलिस कर्मियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जिसके बाद उर्मिला देवी को उसके छोटे बेटे गुड्डू ने तथा अश्विनी की चिता को उसके बेटे पांच वर्षीय वंश ने मुखाग्नि दी।
विदित हो कि किशनगंज पुलिस महकमा में जांबाज इंस्पेक्टर के नाम से मशहूर किशनगंज टाउन थाना अध्यक्ष अश्विनी अंतत: अपने ही कुछ कर्तव्यहीन विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली के शिकार हो गए। छापेमारी में साथ गए पुलिस कर्मियों के भाग जाने के बावजूद अकेले अपराधियों से लड़ते हुए वे वीरगति को प्राप्त हो गए। हालांकि पूर्णिया प्रक्षेत्र के आइजी सुरेश प्रसाद चौधरी ने उनके साथ गए सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। अश्विनी की मौत सरकारी सिस्टम पर कई सवाल छोड़ गए हैं।
SHO अश्विनी कुमार की मां भी छोड़ गई दुनिया
हार्ट की पेशेंट होने से शनिवार को मॉब लिंचिंग में बेटे की शहादत के बारे में मां को परिजनों ने जानकारी नहीं दी थी। शनिवार की शाम 3.45 में मायके से घर पहुंची तो उन्हें लाडले की मौत की जानकारी हुई। सुनते ही वह बेहोश हो गईं। चेहरे पर बार-बार पानी देने के बाद होश में आईं तो एक ही बात बोलती रहीं कि आब केना रहबे हो बाबू। रविवार की सुबह छह बजे उनकी मौत हो गई।
मां और बेटे की एक साथ अर्थी बनाते लोग।
SHO अश्विनी कुमार के छोटे भाई प्रवीण कुमार ने बताया कि भैया की मौत का सदमा मां बर्दाश्त नहीं कर सकीं। उन्होंने बताया कि मां पिछले 14-15 साल से हार्ट की पेशेंट थी। पिछले साल पिता जी की भी मौत हो गई थी। इस सदमे से किसी तरह निकली थीं। लेकिन, बेटे की मौत ने उन्हें पूरी तरह से तोड़ दिया और 24 घंटे के भीतर ही उनकी मौत हो गई।
शहीद SHO अश्विनी कुमार की मां को दिल की बीमारी थी।
परिजनों की सरकार से मांग
अश्विनी कुमार हत्याकांड मामले को लेकर ग्रामीणों एवं परिजनों ने पैतृक गांव में बैठक कर सरकार से हाईकोर्ट की निगरानी में हत्याकांड की CBI जांच की मांग की है। साथ ही हत्याारों की स्पीड ट्रायल कराकर सजा दिलाने की भी मांग की है।
शहीद SHO अश्विनी कुमार के पार्थिव शरीर के पास परिजन
भागनेवाले पुलिसकर्मी गद्दार
अश्वनी कुमार के साथ छापेमारी में गए 7 पुलिसकर्मियों के भाग खड़े होने को बिहार पुलिस ने गद्दारी मानी है। सातों पुलिसकर्मियों पर निलंबन के अलावा भी कार्रवाई करने की बात कही गई है। किशनगंज SP कुमार आशीष ने बताया कि विभागीय मामला चलाकर कठोरतम सजा दी जाएगी।
थानेदार पर हमले के मुख्य आरोपी समेत तीन गिरफ्तार
बाइक लूट के मामले में अपराधियों को गिरफ्तार करने पश्चिम बंगाल गए किशनगंज टाउन थाना अध्यक्ष अश्वनी कुमार की ग्रामीणों ने पीट कर हत्या कर दी। 9 अप्रैल की मध्यरात्रि किशनगंज थाना क्षेत्र में बाइक लूट की घटना हुई थी। सूचना कि अपराधी पश्चिम बंगाल के पंथापड़ा गांव के रहने वाले हैं। थाना अध्यक्ष पुलिस टीम के साथ पंथापड़ा गांव पहुंच गए।
चिन्हित व्यक्ति के यहां पूछताछ में स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। ईंट-पत्थर और लाठी डंडे से हुए हमले में बाकी पुलिसकर्मी वहां से भाग गए, लेकिन थानेदार शहीद हो गए। घटना के बाद पुलिस मुख्यालय ने तत्काल पूर्णिया के आईजी सुरेश चौधरी और किशनगंज के एसपी कुमार आशीष को घटनास्थल पर भेजा जिन्होंने तीन अपराधियों मुख्य अभियुक्त फिरोज आलम, अबुजार आलम और सहीनूर खातून को गिरफ्तार किया हैं।
सात निलंबित: आईजी सुरेश चौधरी ने अश्विनी के साथ छापेमारी में गए सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। आईजी ने बताया कि पुलिस निरीक्षक मनीष कुमार, सिपाही राजू साहनी, अखिलेश तिवारी, प्रमोद पासवान,उज्ज्वल कुमार पासवान, सुनील चौधरी, सुशील कुमार अपनी जान बचाकर वहां से भाग गए थे।
डैडी हम सबको छोड़कर आप कहां चले गए…
शहीद इंस्पेक्टर अश्विनी कुमार का शव शनिवार को जैसे की उनके पैतृक गांव जानकीनगर के पांचू मंडल टोला पहुंचा, पूरा इलाका शहीद अश्विनी अमर रहे के नारों से गूंज उठा। लोगों ने नम आंखों से अपने वीर सपूत के अंतिम दर्शन किए। बदहवास बड़ी बेटी नैंसी एकटक तिरंगे में लिपटे अपने पिता के शव को देख जार-जार रो रही थी।