विशेषज्ञ समिति आज देगी श्रीराम मंदिर की नींव पर रपट,नीचे है रेत और जहरीले रसायन
अयोध्या में कब बनेगा राम मंदिर:भूमिपूजन के 138 दिन बाद आज रिपोर्ट देगी कमेटी; जमीन के नीचे बालू-पानी होने से निर्माण टल रहा
ट्रस्ट ने खंभों पर नींव तैयार करने के लिए शुरुआती तौर पर L&T को 29.5 करोड़ दिए हैं।
अयोध्या/लखनऊ 21 दिसंबर ( विजय उपाध्याय)। अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल पांच अगस्त को राम मंदिर का भूमिपूजन किया था। लेकिन 138 दिन बाद भी मंदिर की नींव को लेकर हो रही लेट-लतीफी पर देश की प्रतिष्ठित भवन निर्माण संस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं। लार्सन एंड टूब्रो (L&T) ने मंदिर की नींव के लिए भूमिगत खंभे की डिजाइन केंद्रीय भवन शोध संस्थान रुड़की, IIT चेन्नई और NIT सूरत की मदद से तैयार की थी। अब चार महीने बाद 161 फीट ऊंचे बनने वाले मंदिर की नींव की समीक्षा करने के बाद हाई एक्सपर्ट कमेटी सोमवार को अपनी रिपोर्ट मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को सौंपेगी।
मंदिर के आर्किटेक्ट सीबी सोमपुरा के बेटे निखिल सोमपुरा ने कहा- मंदिर शास्त्र में परंपरागत तरीके से चूने और पत्थर से ही मंदिर की नींव तैयार की जाती है। कुछ मंदिरों में हमने आधुनिक पद्धति का भी प्रयोग किया है। जहां तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की नींव की बात है तो उसकी नींव कैसी हो, इस पर बनी विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है। क्योंकि, नींव तैयार करने वाली एजेंसी का मानना है कि जन्मस्थान की जमीन की वजन सहन करने की क्षमता कम है। सबके अपने-अपने विचार हैं। हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।
उधर, मध्य प्रदेश के जबलपुर में बन रहे देश के सबसे बड़े 268 फीट ऊंचे जैन मंदिर के आर्किटेक्ट स्नेहिल पटेल ने कहा कि राम मंदिर की नींव में अड़चन के पीछे इसकी डिजाइन है।
पिलर्स की टेस्ट रिपोर्ट संतोषजनक नहीं
ट्रस्ट ने खंभों पर नींव तैयार करने के लिए शुरुआती तौर पर एलएंडटी को 29.5 करोड़ दिए हैं। एलएंडटी ने 14-15 सितंबर को टेस्टिंग के लिए दो स्थानों पर 10 टेस्ट पिलर तैयार किए हैं। एक मीटर मोटे 100 फीट गहरे इन पिलर्स को सीमेंट और कॉन्क्रीट से तैयार किया गया है। 28 दिन पकने के बाद इनकी टेस्टिंग विशेषज्ञों ने की । लेकिन पिलर की टेस्ट रिपोर्ट संतोषजनक नहीं रही। इसके बाद मिट्टी को लेकर सवाल खड़े किए गए। ट्रस्ट ने मंदिर के निर्माण कार्य की निगरानी की जिम्मेदारी टाटा कंसल्टिंग इंजीनियरिंग (टीसीई) को दी है।
भूमिगत खंभों की रिपोर्ट ठीक न आने पर ट्रस्ट ने दिल्ली आईआईटी के पूर्व निदेशक वीएस राजू की अध्यक्षता में आठ सदस्यों की कमेटी बना दी। इसमें भूमिगत खंभों की डिजाइन बनाने वाले तीनों संस्थान के प्रतिनिधि भी हैं। कहा गया है कि राम जन्मभूमि की जमीन के नीचे जहरीले रसायनों वाली मिट्टी भी है।
कमेटी से इन 5 बिंदुओं पर मिलेगा जवाब
*मिट्टी दुरुस्त है या नहीं।
*मंदिर की भूकंप रोधी डिजाइन का मूल्यांकन सही है या नहीं।
*मंदिर के डिजाइन को देश-विदेश में बने मंदिरों से अध्ययन करें।
*प्रस्तावित नींव के तरीके का मूल्यांकन।
*मिट्टी में जहरीले रसायनों की मौजूदगी का असर और भूकंप से बचाव के उपायों की समीक्षा। साथ ही भूमिगत पानी का असर
राम मंदिर की नींव का टेस्ट हुआ:अयोध्या में लोड टेस्टिंग में पिलर 5 इंच तक धंसा,क्योंकि 200 फीट नीचे बालू की परत है
अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए IIT दिल्ली के पूर्व निदेशक वीएस राजू की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी बनाई गई है। कमेटी की रिपोर्ट पर ही नए सिरे से नींव की शुरुआत होगी।
नींव की मजबूती के लिए 200 फीट गहराई से लिया गया था मिट्टी का सैंपल
1200 खंभों के निर्माण के लिए टेक्निकल एक्सपर्ट्स की कमेटी बनाई गई
अयोध्या में राम मंदिर की नींव नए सिरे से बनाई जा सकती है। दरअसल, लोड टेस्टिंग में पिलर दो से पांच इंच तक धंस गए। मंदिर की नींव की सतह पर 200 फीट नीचे पीली मिट्टी नहीं, रेत मिली है। नींव की मजबूती के लिए पाइलिंग टेस्ट किया जा रहा था और जब पिलर पर भार डाला गया तो वह धंस गया।
IIT दिल्ली के पूर्व निदेशक वीएस राजू की अध्यक्षता में गठित आठ टॉप इंजीनियर और कंस्ट्रक्शन एक्सपर्ट मंदिर की नींव से जुड़े कामों पर नजर बनाए हुए हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र ने बताया कि इंजीनियर की कमेटी की रिपोर्ट पर ही नए सिरे से नींव की शुरुआत होगी। एक्सपर्ट की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी। यह रिपोर्ट मंदिर निर्माण समिति और ट्रस्ट के बीच रहेगी।
नींव की डिजाइन नहीं बदली, तो 20 दिनों में काम शुरू हो जाएगा
मंदिर के प्रमुख आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद अगर एलएंडटी (L&T) ने नींव की डिजाइन में कोई बदलाव नहीं किया तो 20 दिन के अंदर पिलर का निर्माण शुरू हो जाएगा। अगर बदलाव हुआ तो मंदिर की डिजाइन भी बदली जाएगी।
लोड टेस्टिंग पर चल रही रिसर्च
एक हफ्ते पहले अयोध्या में हुई मंदिर निर्माण समिति की बैठक में निखिल सोमपुरा की कंपनी के मेंबर्स के तौर पर उनके छोटे भाई आशीष सोमपुरा भी शामिल हुए थे। तब भी मंदिर स्थल के 200 फीट नीचे मिली बालू की लेयर को लेकर मुद्दा उठा था। सोमपुरा ने बताया कि उनकी कंपनी 100 के करीब मंदिरों का निर्माण कर चुकी है। सभी मंदिरों की नींव के पिलर पत्थरों के ही बने हैं। लेकिन राम मंदिर की नींव की सतह पीली मिट्टी की न होकर रेत की मिली है। ऐसे में पाइलिंग टेस्ट और लोड टेस्ट के बाद काफी रिसर्च करनी पड़ रही है।