साइड-इफेक्ट: वीजा बंदी के साथ ही M&M और JSW स्टील ने कनाडा से खींचे हाथ
After Mahindra And Mahindra Jsw Steel Slows Process To Buy Stake In Canada Firm
खालिस्तान के मुद्दे पर भारत से पंगा लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपनी मुश्किलें बढ़ा ली है। भारतीय कंपनियां कनाडा में अपने कारोबार को लेकर असमंजस में है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कनाडा स्थित अपने फर्म के साथ डील खत्म कर ली तो वहीं अब एक और भारतीय कंपनी ने कनाडा की कंपनी के साथ अपनी डील धीमी कर दी है।
नई दिल्ली 22 सितंबर : कनाडा और भारत में विवाद कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है। खालिस्तान को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान से शुरू विवाद अब दोनों देशों की राजनीति से लेकर आर्थिकी तक पर असर डालने लगा है। भारत और कनाडा के खराब हुए संबंधों का असर दोनों देशों के व्यापार पर पड़ने लगा है। कनाडा और भारत में बढ़ते तनाव का असर दिखने लगा है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कनाडा से अपना कारोबार समेटने का फैसला किया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कनाडा में अपनी सब्सिडियरी कंपनी के ऑपरेशन बंद कर दिये हैं। उसने कनाडा बेस्ड कंपनी रेसन एयरोस्पेस कॉरपोरेशन का ऑपरेशन बंद कर दिया।
अब जेएसडब्ल्यू स्टील ने दिया झटका
पहले महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कनाडा के फर्म रेसन एयरोस्पेस कॉरपोरेशन से अपनी साझेदारी खत्म कर दी तो अब भारत की एक और कंपनी ने कनाडा की कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने की प्रक्रिया धीमी कर दी है। भारत की JSW स्टील लिमिटेड कनाडा की टेक रिसोर्सेज (Teck Resources) से डील कर रही थी। जेएसडब्लू कनाडा की कंपनी टेक रिसोर्सेस की स्टील मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट,कोल यूनिट में हिस्सेदारी खरीद रही है,लेकिन दोनों देशों में बढ़ते विवाद के बीच कंपनी ने डील धीमी कर दी । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक JSW ने टेक रिसोर्सेज में हिस्सेदारी खरीदने की बातचीत धीमी कर दी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी दोनों देशों में तनाव कम होने की प्रतीक्षा कर रही है।
कनाडा के लिए भारत है जरूरी
कनाडा के लिए भारत की जरूरत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कनाडा में 5.26% प्रवासी भारतीय हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 3,21,00, 340 प्रवासी भारतीयों में से 5.26% कनाडा में हैं। इतना ही नहीं, कनाडा में लगभग 2 लाख भारतीय छात्र पढ़ रहे हैं। कनाडा की कमजोरी यह है कि उनकी इकॉनामी अंतर्राष्ट्रीय छात्रों पर निर्भर है। हर साल अंतर्राष्ट्रीय छात्र कनाडा की इकॉनमी में 30 बिलियन डॉलर का योगदान देते हैं जिसमें भारतीय छात्रों की बड़ी हिस्सेदारी है। कनाडा में भारतीय छात्रों की फीस की मोटी रकम पहुंचती है। अगर दोनों देशों में संबंध बिगड़े और भारतीय छात्रों का वहां जाना बंद हुआ तो कनाडा की इकॉनामी को बड़ा झटका लगेगा।
कनाडा की कुल आबादी में 2.6% पंजाबी
कनाडा की जनसंख्या लगभग तीन करोड़ 82 लाख है, जिसमें से 2.6% यानी 9 लाख 42 हजार 170 पंजाबी हैं। ये वहां न केवल नौकरी करते हैं, बल्कि बिजनेस से लेकर एग्रीकल्चर और डेयरी फार्मिंग पर इनका अच्छा खासा दबदबा है। अगर दोनों देशों के रिश्ते बिगड़े तो इसका असर कनाडा की अर्थव्यवस्था पर दिखेगा।
सकंट में आ सकता है कनाडा
रॉयटर्स के मुताबिक टीसीएस, इन्फ़ोसिस, विप्रो जैसी 30 भारतीय कंपनियों ने कनाडा में अरबों डॉलर का निवेश किया है। इन कंपनियों से कनाडा में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होते हैं। वहीं कनाडा के सबसे बड़े पेंशन फंड ने अकेले भारत में 1.74 लाख करोड़ का निवेश किया है। कंपनी ने ये निवेश लॉग टर्म को ध्यान में रखकर किया है। ऐसे में अगर दोनों देशों में प्रतिबंधों का ऐलान होता है तो कनाडा की मुश्किलें बढ़ेगी। वहीं दोनों देशों में आयात-निर्यात पर भी असर दिखेगा। इन्वेस्ट इंडिया के मुताबिक अप्रैल 2000 से मार्च 2023 तक कनाडा ने भारत में लगभग 3306 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। भारत कनाडा का नौवां सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है। अगर संबंध बिगड़े तो कनाडा को इसका नुकसान झेलना पड़ेगा।
जस्टिन ट्रूडो के बेतुके आरोपों पर भारत ने कनाडा को दिया मुंहतोड़ जवाब, अब तक उठाए ये 5 कदम
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विवादित बयान के बाद से भारत ने 5 महत्वपूर्ण एक्शन लिए हैं. ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को दोषी ठहराया, जिसके बाद से कनाडा को कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है. इसके बाद कनाडा सरकार ने भारत के राजनयिक को निष्कासित करने की घोषणा की, वहीं भारत ने भी पलटवार करते हुए कनाडाई राजनयिक को निष्कासित किया है. आइए पॉइंटर्स में जानें कि भारत ने इस पर कैसे एक्शन लिया है…
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद भारत ने इसे बेतुका बताया. कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद कनाडा के विदेश मंत्री ने भारतीय राजनयिक निष्कासित करने की घोषणा की, जिसके बाद भारत ने भी कनाडाई राजनयिक निष्कासित कर दिया. भारत छोड़ने के लिए उन्हें पांच दिन का समय दिया गया.
भारत ने सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए कनाडा में वीजा सेवायें निलंबित कर दी, जिससे हजारों कनाडाई पर्यटक, व्यापारिक यात्री और यहां तक कि कुछ पूर्व भारतीय नागरिक भी प्रभावित हुए हैं.
कनाडा के ट्रैवल एडवाइजरी जारी करने के बाद, भारत ने भी बुधवार को एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी की, जिसमें कनाडा में रहते अपने नागरिकों और वहां यात्रा करने वाले लोगों से सावधानी बरतने को कहा. कनाडा ने भारत की सलाह खारिज करते हुए दावा किया कि वह दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत से कोई जानकारी साझा नहीं की है. भारत ने कनाडा में फल-फूल रही आपराधिक गतिविधियों के बारे में विशिष्ट सबूत होने के बावजूद कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है.
भारत ने कनाडा सरकार पर आरोप लगाया कि वहां की सरकार और राजनीतिक हस्तियां खुले तौर पर ऐसे तत्वों के प्रति सहानुभूति व्यक्त कर रही हैं, जो चिंता का विषय बना हुआ है.